नई दिल्ली16 मिनट पहले
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महिला नटखट बिल 20 सितंबर को मैक्सिमम और 21 को वर्जीनिया से पास हुआ था। 29 सितंबर को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन गया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (3 नवंबर) को कहा कि केंद्र को महिला नग्न कानून (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लागू करने का आदेश देना मुश्किल है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू करने की मांग की थी।
अपनी याचिका में जया ठाकुर ने फीमेल नॉटिल कानून से उस हिस्से को हटाने की मांग की, जिसमें इसे आदर्श-परिसीमन के बाद लागू करने की बात कही गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बैकग्राउंट को नॉटील बनाने की जरूरत है। महिला नग्न में इसकी क्या आवश्यकता है?
इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि बाल-परिसीमन के अलावा भी कई काम हैं। सबसे पहले महिलाओं के लिए वर्जिन रिजर्व की यात्रा। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवी एन भट्टी की बेंच ने इस मामले में केंद्र को आउटपुट से भी मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एक पद खाली है। जया ठाकुर की याचिका के साथ ही अब 22 नवंबर को सुनवाई होगी। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने महिला बिल को केंद्र के वकील की नियुक्ति पर रोक लगा दी। बेंच ने कहा- ये फैसला बहुत अच्छा कदम है.

लोकसभा-विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलेगा
महिलाओं के लिए गैर-सरकारी कानून के तहत और राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू किया जाएगा। नई संसद में नामांकन के पहले दिन यानी 19 सितंबर को महिला लोकसभा में नामांकन पेश किया गया था। फिर यह बिल 20 सितंबर को 21 सितंबर को वर्जीनिया से पारित हो गया था।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद महिला नीट बिल कानून बनाया गया
29 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया। टॉम की 543 में से 181 महिलाओं के लिए अन्य वस्तुएं। ये आरक्षण 15 साल तक रहेगा। इसके बाद साझीदार कील तो इसकी अवधि बढ़ सकती है। यह पूर्वोत्तर सीधे चुनाव जाने वाले आरक्षण के लिए लागू होगा। यानी यह राज्य और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।
परिसीमन के बाद ही लागू होगा बिल
नए सुजुकी में सबसे बड़ा प्लांट यह है कि यह डीलिम इंडस्ट्रीज़ पेरिसिमन के बाद ही लागू होगी। परिसीमन इस मनोविज्ञान के पास होने के बाद होने वाली समस्या के आधार पर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले चुनौती और परिसीमन करीब-करीब असंभव है।
इस फॉर्मूले के अनुसार विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय इस बार महिला शून्य लागू नहीं होगी। यह 2029 का आम चुनाव या इससे पहले कुछ सीटों पर चुनाव लागू हो सकता है।

तीन दशक से लंबित था नवीन महिला बिल
संसद में महिलाओं के लिए ‘नाटिका’ का प्रस्ताव करीब 3 दशक से लंबित है। यह खोज पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाई थी। 2010 में डेमोक्रेट सरकार ने सागर में महिलाओं के लिए 33% नटखट बिल को बहुमत से पारित कर दिया था।
टैब सपा और राजदाज ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी गई थी। इसके बाद बिल कोवोज़्म में पेश नहीं किया गया। इसी से महिला खूबसूरत बिल पेंडिंग थी।