81% लोग देश में एक साथ चुनाव के पक्ष में | 81% लोग देश में एक साथ चुनाव के पक्ष में: एक देश-एक चुनाव आयोग को 21 हजार सुझाव मिले, 17 आश्रम ने भी राय दी

18 मिनट पहले

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देश के 81% लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार पर सहमति व्यक्त की है। एक देश-एक चुनाव आयोग को 21 हजार सुझाव मिले हैं। 17 राजनीतिक शास्त्र ने भी इस पर राय दी है। समिति ने 46 आश्रमों से वास्तविक छूट दी थी। रविवार 21 जनवरी को एक आधिकारिक बयान में ये बात सामने आई है।

वन नेशन-वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति मिथ्याचारी की राष्ट्रपति बराक ओबामा की समिति ने 5 जनवरी को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें जनता से 15 जनवरी तक सिफारिश की गई थी। हालाँकि, कांग्रेस और वैज्ञानिको सहित कई शास्त्रियों ने वन-ने-वन इलेक्शन का विरोध किया है।

वन नेशन-वन इलेक्शन कमेटी ने रविवार 21 जनवरी को अपनी तीसरी बैठक की थी। समिति ने बैठक के बाद कहा, कुल मिलाकर 20,972 सुझाव मिले हैं। बैठक में गुलाम नबी आजाद, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व जोसेफ जोसेफ सी कश्यप और पूर्व मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी शामिल हुए। बैठक में चुनाव आयोग की सिफारिशों को भी समिति ने नोट किया। अब 27 जनवरी को समिति की बैठक हो सकती है।

क्या है वन नेशन-वन इलेक्शन
भारत में आंध्र प्रदेश के राज्यों और देशों के आम चुनावों का अलग-अलग समय होता है। वन नेशन-वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ हीनोम और विधानसभाओं का चुनाव हो। यानि कि डेमोक्रेट और राज्य के विधानसभाओं के दलों के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे।

आज़ादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ ही हुए, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएँ समय से पहले ही भंग कर दी गईं। इसके बाद 1970 में जॉन ने भी भंग कर दिया। इस कारण से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।

वन नेशन-वन इलेक्शन का खाका तैयार, बनी सहमति तो 2029 से लागू करने का प्लान
वन नेशन-वन इलेक्शन पर विचार कर रही पूर्व राष्ट्रपति पद की राष्ट्रपति पद की राष्ट्रपति पद की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की तैयारी। आयोग के इस प्रस्ताव पर सभी दलों ने सहमति जताई तो यह 2029 से लागू होगा। इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे।

इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम शामिल नहीं हैं, क्योंकि इन राज्यों में इसी महीने चुनाव नतीजे आ गए हैं। इसलिए इन विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने का अंतराल जून 2029 तक होगा। उसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा-लोकसभा का चुनाव होगा।

वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने के तीन चरण…पढ़ें पूरी खबर…

हर 15 साल में सिर्फ ईवीएम पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे

देश में वोट और विधानसभा के चुनाव में अगर एक साथ वोटर्स मिलते हैं तो हर 15 साल में सिर्फ ईवीएम पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इलेक्शन कमीशन ने 20 जनवरी को केंद्र सरकार को चिठ्ठी राइटर इस बात की जानकारी दी है।

चुनाव आयोग ने बताया कि ईवीएम की बर्बादी 15 साल ही होती है। यदि एक साथ चुनावी इलेक्ट्रॉनिक्स जाते हैं तो एक सेट का उपयोग तीन बार चुनाव के लिए किया जा सकता है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा के लिए अलग-अलग उद्योग लगेंगे।

आयोग ने सरकार को बताई चुनाव के लिए ईवीएम की पूरी खबर…

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