65 वर्षीय व्यक्ति को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार किया गया दिल्ली मामला | 65 साल के बुजुर्ग से डिजिटल संपत्ति बरामद: 35 लाख रुपये की धोखाधड़ी, दिल्ली पुलिस ने 4 फर्जी सीबीआई अधिकारियों को पकड़ा

नई दिल्ली17 मिनट पहलेलेखक: उत्कर्ष सिंह

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डिजिटल रेस्टोरेंट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन करके बताया गया है कि उसके नाम पर कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।  - दैनिक भास्कर

डिजिटल रेस्टोरेंट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन करके बताया गया है कि उसके नाम पर कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।

दिल्ली में 65 साल के बुजुर्ग की डिजिटल रेस्टोरेशन की घटना सामने आई है। चौथे ने उन्हें फर्जी सीबीआई अधिकारी को फोन किया। फिर से 35 लाख रुपये अपने सिक्कों में लॉट करा लें।

पुलिस ने इस मामले में 4 फर्जी सीबीआई अधिकारियों को गिरफ्तार किया है और उनके बैंक खाते पर प्रतिबंध लगाया है। महिला को अब तक 21.3 लाख रुपए वापस मिल गए हैं। साइबर क्राइम के इनवेस्टमेंट में सबसे नया और डिजिटल स्टोर शामिल है।

डिजिटल रेस्टोरेंट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन करके बताया गया है कि उसके नाम पर कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। कैथी केस को लेकर पीड़ित को काफी डराया जाता है। फिर उन्हें घर से बाहर रिज़ॉर्ट से मना कर दिया जाता है।

इसके बाद एक दूसरा कॉल कॉल कर के रेस्टॉरेंट को मदद के लिए भेजा जाता है। मदद के इच्छुक पीड़ित ठगों की कही गई हर बात को फॉलो करें।

दिल्ली में 10 दिनों में डिजिटल रेस्तरां के 4-5 मामले दर्ज
डीसीपी तिरुमल तिवारी ने बताया, अकेले दिल्ली में ही 10 दिनों में साइबर क्राइम यूनिट के पास 4-5 केस रिपोर्ट हुए हैं। ताजा मामले में 65 साल की महिला अंजना के साथ 35 लाख की चीटिंग हुई है। आईवीआर (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस) के जरिए महिला को कॉल किया गया और 9 दिनों तक बताया गया।

इसके बाद फोरकास्ट ने फर्म कस्टमर ऑफिसियल से बात की और कहा कि उन्होंने डीएचएल एक्सप्रेस और फेडएक्स के माध्यम से कंबोडिया के किसी जॉन डेविड को स्टारशिप भेजा है, जहां से मार्केटिंग कस्टमर पर सीज कर लिया गया है।

150 ग्राम एमडीएमए (नारकोटिक फैक्ट्री), 20 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड और 1 लैपटॉप मिला है। शुरुआत में महिला को थोड़ी सी शक हुआ तो चौथे ने उन्हें अपना आधार कार्ड अलॉटमेंट दे दिया, ये असॉल्ट अकांउट कि वो असली अधिकारी हैं।

महिला को फर्जी सीबीआई अधिकारी का डराया गया
फादर ने बाद में स्काइप के जरिए वीडियो कॉल करके सीबीआई का कथित ऑफिस दिखाया और सीबीआई-नारकोटिक्स के फर्जी अधिकारियों से बात की। चौथे ने बुजुर्ग महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने की जानकारी दी।

चौथे ने महिला को अपने कमरे और घर से बाहर अरेस्ट से मना किया। साथ ही, इसके बारे में किसी को भी बताया गया है। उन्होंने कहा कि अगर आपने किसी को भी इसके बारे में जानकारी दी है तो वो भी जानकारी के बारे में जानें।

चार के धमाके-धमाके के बाद जब महिला रोने लगी तो चार ने अगली चाल चली और सहानुभूति जताते हुए कहा कि शायद कोई गलती हो गई है, इसलिए महिला को अपने बैंक अकाउंट वेरिफाई करने होंगे।

बैंक खाते में 35 लाख रुपये
चार ने महिला से अपने सभी बैंक खाते से पैसे उधार लिए, एक कथित सरकारी खाते में जमा करने को कहा। डेरी-सहमी महिला ने 3 चेक के जरिए बैंक अकाउंट में डाले 35 लाख रुपए। इस दौरान चौथे ने महिलाओं से अपने सभी निवेश और सेवाओं के बारे में डिटेल्स निकलवा ली। इस बीच महिला के हितधारकों को इसकी जानकारी लगी उसने महिला के साथ नवंबर में आईएफएसओ में शिकायत दर्ज की।

फ़्रांसीसी रेफ़्रिजरेटर, तीन राज्यों से चार रेज़्यूमे रेस्टॉरेंट
पुलिस ने फर्जी बैंक खातों में मौजूद 34.5 लाख रुपये के रेफ्रिजरेटर करा और कोर्ट के आदेश पर महिला को अब तक 21.3 लाख रुपये वापस मिल गए हैं।

पुलिस ने फोन नंबरों के माध्यम से टेक्निकल एनालिसिस और वीडियोग्राफी की जांच की। पुलिस ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और यूपी से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 8 मोबाइल फोन, लैपटॉप, कार, 4 चेक बुक और 4 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं।

मूल निवासी अन्य लोगों की आईडी पर सिम कार्ड और बैंक खाते अरेंज कर के जरिए फ्रॉड करते थे। इस गिरोह ने धोखाधड़ी कर पैसों को निकालने के लिए कई फर्जी पासपोर्ट बैंकों का इस्तेमाल किया और उन्हें यूएसडीटी के जरिए विदेशी मुद्रा में बेच दिया।

महिला को इंडोनेशिया-मलेशिया से कॉल आई थी
डीसीपी ने बताया कि पीड़ित महिला को इंडोनेशिया या फिर मलेशिया से कॉल आई थी। अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि ऐसे मामलों में ज्यादातर कॉल्स विदेश से ही ली जाती हैं। कई मामलों में सामुदायिक पीड़ितों की रेकी की जाती है, जबकि कई बार रैंडम शिकार किया जाता है।

आम तौर पर मध्य, ऊपरी आयु या वृद्ध आयु के ऐसे लोगों को दिया जाता है जो अमीर होते हैं और अकेले रहते हैं ताकि उन्हें डिजिटल अरेस्ट किराए पर लेना और डराना-धमकाना आसान हो सके। डीसीपी ने बताया कि भारत के कानून में डिजिटल स्टोर्स को कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए लोगों को रहने की जरूरत है।

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साइबरस्पेस का कहना है कि किसी अंजान नंबर से वीडियो कॉल आया और फोन करने वाले का नाम किसी पुलिस रैंक जैसे- इंस्पेक्टर, एसपी, एसएसपी, एडीजी या सीबीआई इंस्पेक्टर, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, ईडी ऑफिसर ने लिखा तो समझ जाएं कि फोन करने वाले का नाम किसी पुलिस रैंक से है। ।। पढ़ें पूरी खबर…

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