5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान | इलेक्शन कमीशन का दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली4 मिनट पहले

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चुनाव आयोग पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों का आज ऐलान करने जा रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आज दोपहर 12 बजे इलेक्शन कमीशन प्रेस कॉन्फ्रेंस का स्वागत किया गया। जिसमें पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की योजनाएं जारी होंगी।

पिछले चुनाव में 5 राज्यों में पार्टीवार की स्थिति क्या थी…

2018 में मध्य प्रदेश में 15 महीने तक सीएम रहने के बाद चंपारण के मुख्यमंत्री बने
मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद काफी घोटाला हुआ था। चुनावी नतीजे में कांग्रेस को बीजेपी से पांच सीटें मिलीं। कांग्रेस के पास 114 बढ़त वहीं बीजेपी के पास 109 बढ़त रही. आईआईटी को दो और एसपी को एक सीट पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने गठजोड़ करके बहुमत का 116 का पात्र पा लिया और अशोक राज्य के मुख्यमंत्री बन गए।

कांग्रेस सरकार के 15 महीने ही टिक पाए। असली, कांग्रेस के 22 बिश्राम ने छुट्टी दे दी। इसमें 6 मंत्री शामिल थे। गिटारवादक ने विपक्ष का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। बेरोजगारी सरकार अल्पमत में आ गई। केस सुप्रीम कोर्ट की पेशकश, कोर्ट ने निकोल सरकार को फ्लोर टेस्ट का ऑर्डर दिया। मगर फ्लोर टेस्ट से पहले नेपोलियन ने सीएम पद से छुट्टी दे दी। बाद में बीजेपी ने बागी पहलवानों को मिलाकर अपने करीब 127 विधायकों और सरकार का गठन किया। शिवराज सिंह चौहान चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।

25 पूर्वी राजस्थान में हर बार साहसी है सरकार, 2018 में गोवा के मुख्यमंत्री बने
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में यहां 199 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। एवेस्ट की सलाह सीट पर एलएलसी लक्ष्मण सिंह का हार्टअटैक से निधन हो गया था। जिसमें एक सीट पर चुनाव दिशानिर्देश दिए गए थे। 199 मिली पर आरंभिक चुनाव में कांग्रेस को 99 सीट मिली। रालोद ने यहां कांग्रेस का समर्थन किया, जिसके चलते एक सीट आई। इस तरह कांग्रेस को 100 सीटें मिलीं और सरकार बनी।

बाद में 2019 में सीट के चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार उतरे जिससे कांग्रेस को 101 के करीब जगह मिली। कांग्रेस ने अशोक डेमोक्रेट को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया।

छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी, बदले सीएम बने
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की। 90 प्रारंभिक विधानसभा चुनाव नतीजों में कांग्रेस को दो-समर्थक बहुमत मिला। बीजेपी के निशाने पर जहां सिर्फ 15 पादरी पहुंचे, वहीं कांग्रेस को 68 पादरी मिले। बाद में कुछ सेलेब्स ने पार्टी बदल दी।

वास्तविक वक्ता में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 71 विधायक, भाजपा के पास 13 विधायक, एडीएम के पास दो, तीन विधायक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी के हैं और एक रिक्त है। राज्य में स्थिर मुख्यमंत्री चंबा होते हैं।

2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली थी
तेलंगाना में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली थी। मुख्यमन्त्री मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस (2022 को पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति से तीर्थ भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया) को सबसे ज्यादा 88 सीटें मिलीं। वहीं कांग्रेस के 19 सदस्यों ने प्रवेश किया।

स्थाई स्थिति की बात करें तो स्थाई पार्टी के पास इस वक्त 119 विधानसभा के 101 विधायक हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के पास 7 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास पांच, बीजेपी के पास तीन, AIFB के पास एक, एक नामित और एक विधायक है.

मिजोरम में 10 साल बाद एमएनएफ, वापसी पर बीजेपी की जीत सिर्फ एक सीट पर हुई
मिजोरम में 2018 विधानसभा चुनाव के 10 साल बाद मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की वापसी हुई। कुल 40 नामांकन पर हुए चुनाव में एमएनएफ को 26 सदस्य मिले, वही कांग्रेस के पांच सदस्य शामिल हुए। इसके अलावा जोरम जनता दल को आठ मंजिलें मिलीं और एक सीट भाजपा के खाते में आई। अस्थायी मिजो नेशनल फ्रंट पार्टी ने जोरामथांगा को सीएम बनाया।

विधानसभा की अंतिम स्थिति की बात करें तो मिजो नेशनल फ्रंट के पास इस समय 28 विधायक हैं। कांग्रेस के पास पांच, जोरम जनता के पास एक, बीजेपी के पास एक और पांच बंधन हैं।

चुनाव से पहले केंद्र सरकार का महिला दांव

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। चर्चा थी कि इस सत्र में वन नेशन-वन से अवैध बिल पेश किया जा सकता है। मगर मोदी सरकार ने महिला नाईट बिल पेशकर को चौंका दिया।

सरकार ने इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया। यह विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा में पेश किया गया था, जहां 454 वोट पड़े थे, जहां दो लोगों ने विरोध में मतदान किया था। वहीं 21 सितंबर को सागर में पूर्ण बहुमत से पास हुआ। आठ दिन बाद 29 सितंबर को बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई और यह कानून बन गया।

इस बिल के पास से मोदी सरकार को पांचों राज्यों में होने वाले चुनाव में फायदा होगा, यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि पांच राज्यों से लेकर तीन राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।

भारत गठबंधन बनने के बावजूद 3 राज्यों में कांग्रेस बनाम आप
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के खिलाफ आप चुनाव लड़ रही है। बीजेपी की तैयारी डेमोक्रेटिक अलायंस के खिलाफ भारत में कांग्रेस और आप दोनों शामिल हैं। मगर चुनाव में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।

2018 में आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में 85 (0.85 वोट प्रतिशत), मध्य प्रदेश में 208 (0.66 वोट प्रतिशत), राजस्थान में 142 (0.38 वोट प्रतिशत), तेलंगाना में 41 (0.06 वोट प्रतिशत) चुनाव में लड़की मगर कहीं भी नहीं जीती मिली। पिछले प्रदर्शनों को देखते हुए कांग्रेस को इन राज्यों में शायद ही कोई नुकसान हुआ हो।

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