3500 दिव्यांग बच्चों को सामान्य जीवन देने वाले शिक्षक | पागल-मंदबुद्धि बोला गया…आज अभय की बेटी रेलवे-बैंक में नौकरी कर रहे

18 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी

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7 साल का हंसता-ताता जीतेंद्र, अचानक दिमाग बुखार आया। अंतिम शव में लकवा मार दिया गया। बाकी ने जैसे-तैसे अस्पताल देखा। वहां पर अधिवक्ताओं ने उत्तर दिया। बताया-जितेंद्र अब पहले की तरह चल और बोल नहीं सकते। उनका शरीर अकड़ गया है… दो हाथ बेदम हो गए हैं। इसलिए अब पूरी जिंदगी उन्हें से ही काम करना है।

1 दिन पहले जो बच्चा खुद से स्कूल गया था। सारा काम करता था,

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