158 राज्यों के विधेयक केंद्र में लंबित | राज्य के 158 बिल केंद्रों में अटके: 91 बिल एक साल से भी ज्यादा समय से लंबित; राजस्थान-छत्तीसगढ़ का धर्म परिवर्तन बिल 17 साल पुराना

नई दिल्ली4 मिनट पहलेलेखक:​​​​​​​​​​अनिरुद्ध शर्मा

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गृह मंत्रालय के अभिलेख में कहा गया है कि राज्य के 10 वर्षों के दौरान 247 बिल मंजूरी के लिए संकेत मिले, इनमें से 89 पास कर दिए गए हैं।  - दैनिक भास्कर

गृह मंत्रालय के अभिलेख में कहा गया है कि राज्य के 10 वर्षों के दौरान 247 बिल मंजूरी के लिए संकेत मिले, इनमें से 89 पास कर दिए गए हैं।

केंद्र के पास राज्य भंडार के 158 बिल विचार नीचे दिए गए हैं। 91 बिल एक साल से भी ज्यादा समय से हैं। इन बिलों में से अधिकांश आश्रम आश्रमों वाले राज्यों के निवासी हैं। अब कुछ राज्यों में भाजपा की सरकार बनने के बाद जल्द कार्रवाई की संभावना है।

सबसे ज्यादा 19 बिल तमिल के अपार्टमेंट हैं। असम के 16 बिल, राजस्थान के 12, केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 11-11 जबकि आंध्र प्रदेश के 10 बिल अपार्टमेंट हैं। उत्तर प्रदेश के 11 बिल, महाराष्ट्र के 10 बिल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश के 8-8 बिल, गुजरात और पंजाब के 5-5 बिल एक से ज्यादा साल में मिलते हैं।

राजस्थान-छत्तीसगढ़ का धर्म परिवर्तन विधेयक 17 साल से लंबित है
केंद्र के पास छत्तीसगढ़ (2006) और राजस्थान (2008) के धर्म परिवर्तन बिलों में सबसे पुराने हैं। इन पर केन्द्र ने समुद्र तटों में छूट दी थी, लेकिन राज्यों ने जवाब ही नहीं दिया।

ये बिल संयुक्त राज्य अमेरिका में भाजपा संस्थापना ने भेजे थे। इस बार एक बार फिर यहां बीजेपी की सरकार है. राजस्थान का सम्मान और परंपरा के नाम पर विवाह करने की स्वतंत्रता, ऑनर किलिंग और मॉब लिंचिंग पर रोक और सजा से लेकर सजावट का अधिकार है।

मध्य प्रदेश का बिल 13 साल से खराब
मध्य प्रदेश के तीन बिल अटके हैं। इनमें से एक मकोका (मकोका) की फिल्म पर बनने वाला बिल ‘मध्य प्रदेश आतंकवादी और विघटनकारी सक्रियता और नियंत्रण संगठन अपराध’ पिछले 13 पूर्वी से केंद्र के पास फंसा है। इसे 2010 में लाया गया था.

इसके अलावा क्रिमिनल लॉज (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2021 एवं सागर एवं अदार तंबाकू उत्पाद (प्रोहिबिशन ऑफ एडवर्टाइजमेंट एंड रेगियोलॉजी ऑफ ट्रेड एंड कॉमर्स, प्रोडक्शन, शॉविड एंड डिस्ट्रीब्यूशन) (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2023 भी शामिल हैं।

गुजरात का गुंडागर्दी पर रोक वाला बिल भी पास नहीं
भाजपा ने गुजरात का गुंडागर्दी पर रोक लगाने के लिए मुसलमानों की संपत्ति पर कब्ज़ा करने के विधेयक पर भी विचार किया है। हरियाणा में निबंधन और अधिग्रहीत भूमि स्मारक बिल भी लंबित हैं।

गृह मंत्रालय के अभिलेख में कहा गया है कि राज्य के 10 वर्षों के दौरान 247 बिल मंजूरी के लिए संकेत मिले, इनमें से 89 पास कर दिए गए हैं।

राज्य के राज्यपाल केन्द्र को बिल आवंटित किये गये हैं
संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्य के गवर्नर बिलों को केंद्र के पास रोके गए हैं। ये बिल ऐसे होते हैं जिनमें ज्यादातर गवर्नरों को लगता है कि राज्य ने अधिकार क्षेत्र से बाहर उत्पाद बनाए हैं। राज्य भी समविद्या के बिलों की सूची केंद्र को दिखाएं।

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