15 महीने बाद भारत में नया राजदूत नियुक्त कर सकता है चीन | भारत में चीनी राजदूत के 15 महीने बाद ग़ाल्वान रिवाल्वर के कारण नेटवर्क में देरी; 2022 में पूर्व राजदूत का कार्यकाल पूरा हुआ

51 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
तस्वीर 2018 की है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चीन के वुहान में मुलाकात की।  हाल ही में चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की महिमा का बखान किया।  - दैनिक भास्कर

तस्वीर 2018 की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चीन के वुहान में मुलाकात की। हाल ही में चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की महिमा का बखान किया।

भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन भारत में अपना अगला बेस्डर नियुक्त कर सकता है। करीब 15 महीने से भारत में चीन का कोई भी राजदूत नहीं है। इसके पहले सुन वीडियो भारत में चीन के राजदूत थे। उनका इलाक़ा अक्टूबर 2022 में ख़त्म हो गया था।

भारत और चीन के बीच पूर्वी तट की गलवान घाटी पर करीब 3 साल पहले 2020 में हिंसक घटनाएं हुई थीं। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि 38 चीनी सैनिक मारे गए। हालाँकि, चीन इसे चॉकलेट छुपाता रहा है।

दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में 40 साल बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। इसके बाद दोनों देशों के अल्पसंख्यक संस्थान चले गए। यही वजह है कि चीन में अब तक नए राजदूत को नियुक्त नहीं किया जा सका।

विजुअल 2020 का है, जब भारत-चीन बार्डर पर दोनों देशों के युवा दौरे का उद्घाटन किया गया था।

विजुअल 2020 का है, जब भारत-चीन बार्डर पर दोनों देशों के युवा दौरे का खुलासा किया गया था।

जू फीहोंग नए राजदूत हो सकते हैं
मीडिया वैज्ञानिक के अनुसार चीन के वरिष्ठ राजनयिक जू फीहोंग को भारत में राजदूत के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। जू फीहोंग अफगानिस्तान में राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह रोमानिया में भी चीन के राजदूत रह चुके हैं। निरीक्षण में वह चीन में विदेश मामलों के सहायक मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

हालाँकि, नए राजदूत की प्रस्तावनाएँ अभी पूरी तरह से सामने नहीं आई हैं और यह स्पष्ट नहीं है कि वह कब ग्रहण करेंगे। इस पर दोनों देशों के विदेश मंत्रालय ने एक भी बयान नहीं दिया है।

गलवान सुपरस्टार की वजह…
गलवान में हुई रैली के पीछे वजह यह थी कि गलवान की नदी में एक तालाब पर भारतीय ट्रोइका रेस्तरां पुल बनाने का निर्णय लिया गया था। चीन ने इस क्षेत्र में अवैध रूप से गोदाम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। साथ ही, इस क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी।

जुलाई 2023 में विदेश मंत्री एस जय शंकर ब्रिक्स की एक मीटिंग में शामिल हुए थे। तब उन्होंने भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव को अपने इतिहास का सबसे कठिन डिप्लो साहित्यिक चुनौती बताया था।

सीमा विवाद तक सामान्य नहीं हो सकता: जयशंकर
13 जनवरी को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था- दोनों देशों के बीच विवाद को सामान्य नहीं किया जा सकता। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि जब तक आप सीमा विवाद का समाधान नहीं ढूंढेंगे, तब तक आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि डिप्लो रिलेशन्स सामान्य तरीके से चलेंगे। यह अप्रभावी है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *