10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार; एनसीएफ 2023 पर धर्मेंद्र प्रधान | साल में दो बार एग्ज़ाम 10वीं, 12वीं के बोर्ड एग्ज़ाम, दोनों बार एग्ज़ाम ज़रूरी नहीं, सर्वश्रेष्ठ परिणाम चयन

  • हिंदी समाचार
  • आजीविका
  • 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार; एनसीएफ 2023 पर धर्मेंद्र प्रधान

25 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

हाल ही में शिक्षा मंत्री डेमोक्रेट प्रिंसिपल ने पीटीआई से बात करते हुए बताया कि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि साल में दो बार बोर्ड एग्जॉम कंज्यूमर कंसल्टेंसी के फैसले में तनाव और डर कम करने को लेकर आया है। इस साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के तहत साल में दो बार एगोमेट बोर्ड कंडोट की घोषणा की थी।

ये फ़्रेमवर्क एज़ॉमिनेशन सिस्टम में बदलाव करने और विद्यार्थियों के एज़मेट को करिकुलम बेस्ड में रखने के लिए लाया गया है। इस पर बात करते हुए डेमोक्रेट प्रधान ने कहा कि एनसीएफ 2023 लागू होने के बाद उन्होंने कई छात्रों से बातचीत की है और इस मान्यता से खुश हैं। हम कोशिश करेंगे कि 2024 से ही साल में दो बार बोर्ड एग्जॉम कंडक्ट करा सेवाएं।

दो बार उदाहरण के उद्धरण की कहावत हो तो दोस्तों को ये नहीं बताया जाएगा कि उनका एक साल बर्बाद हो गया।

दो बार उदाहरण के उद्धरण की कहावत हो तो दोस्तों को ये नहीं बताया जाएगा कि उनका एक साल बर्बाद हो गया।

बच्चों का तनाव कम करने के लिए ऑल्टरनेट सिस्टम: प्रमुख है
शिक्षा मंत्री डेमोक्रेट प्रिंसिपल बोर्ड ने एग्जाम पर बात करते हुए कहा- बार-बार 10वीं और 12वीं के परीक्षार्थी अपने बोर्ड के रिजल्ट को लेकर निराश हो जाते हैं। अब विद्यार्थियों के पास वर्ष में दो बार बोर्ड बोर्ड एग्ज़ाम देने का मौका मिलेगा। हर ईस्टर्न साल में दो बार एग्जॉम दे सकता है और अपने सर्वश्रेष्ठ स्कोर को ही फाइनल रिजल्ट के लिए चुन सकता है। हालाँकि, दो बार एजेण्डा कंपेलसरी नहीं होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि इस व्यवस्था से ऐसे साधकों को दूसरा मौका मिलेगा जो किसी कारण से अच्छा स्कोर हासिल कर सका। अगर कोई भी प्लांट बोर्ड एग्जामिनेशन के लिए पूरी तरह से तैयार हो और अपनी सलाह लेकर कॉन्फिडेंट हो तो उसे दूसरी बार एग्जाम देना जरूरी नहीं है। ये अल्टरनेट सिस्टम हम सिर्फ बच्चों के तनाव कम करने के लिए लेकर आए हैं।

डमी स्कूल को बंद नहीं किया जा सकता: प्रधान
इस दौरान डेमोक्रेट प्रधान ने कोटा में औद्योपांत के उभरते मामलों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ये चिंता का विषय है और इस तरह हमारे बच्चों की जान नहीं जानी चाहिए। ये हम सभी की ज़िम्मेदारी है कि हमारे बच्चे तनाव मुक्त तनावमुक्त होकर पढ़ाई करें। इस साल कोटा में अब तक 27 बच्चे अकेले रह गए हैं।

डमी स्कूल पर भी होनी चाहिए बात: प्रधान
बातचीत के दौरान उन्होंने डमी स्कॉल का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि कई छात्र अपने राज्य में किसी भी स्कूल में व्यापारी ले रखे हैं और कोटा में कोचिंग कोचिंग कर रहे हैं। ये स्टूडेंट फुल टाइम फुल स्कूल नहीं जाते हैं और सीधे बोर्ड एग्जॉम लीज स्कूल जाते हैं। हालाँकि, डेमी स्कूल में अध्ययन कर रहे साधकों की संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन अब इस बात को अंदाज से नहीं देखा जा सकता है। इस मुद्दे पर सीरियस डिस्कशन किया जाना चाहिए। इसके अलावा प्रधान ने यह भी कहा कि हम ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहे हैं कि छात्रों को कोचिंग लेने की जरूरत ही न पड़े।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *