हिंदुस्तान एचएएल-जीई एयरोस्पेस फाइटर जेट डील | हल्के लड़ाकू विमान मार्क 2 | एलसीए मार्क-2 और एडवांस्ड डायरेक्टोरियल एयरक्राफ्ट में एविएशन, एचएएल और जीई संयुक्त रूप से तैयार किए गए ऑर्बिट

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नई दिल्ली33 मिनट पहले

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तेजस मार्क-2 भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनी हुई है।  ये एयरक्राफ्ट मिग-29, मिराज-2000 जैसे पुराने फाइटर प्लेन की जगह के उपकरण हैं।  - दैनिक भास्कर

तेजस मार्क-2 भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनी हुई है। ये एयरक्राफ्ट मिग-29, मिराज-2000 जैसे पुराने फाइटर प्लेन की जगह के उपकरण हैं।

संयुक्त अरब अमीरात के लड़ाकू विमान एलसीए मार्क-2 और स्वदेशी एडवांस्ड मिशन कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के पहले दो स्क्वाड्रन के इंजन अब देश में हैं। भारत में रक्षा क्षेत्र को जगह देने के लिए यह निर्णय काफी अहम माना जा रहा है। अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने शनिवार 18 नवंबर को बताया कि अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) मिलकर ये इंजन तैयार करते हैं। अमेरिका से इसकी सार्वभौम मंजूरी मिल गई है।

एलसीए-मार्क 2 मिराज, जगुआर और मिग को रिप्लेस करना है
कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीआर) ने इसी साल 30 अगस्त को एलसीए मार्क-2 एफ़ियेट के निर्माण की मंजूरी दी थी। यह विमान चरणबद्ध तरीके से मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 लड़ाकू विमानों की जगह पर स्थापित किया गया। एलसीए मार्क-2 का निर्माण 2027 तक हो जाएगा।

एयरोनॉटिकल कंपनी एजेंसी के प्रमुख बेयर देवधरे ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया- एलसीए-2 फाइटर प्लेन प्रोजेक्ट को सरकार की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए डिजाइनरों को 17.5 टन का सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट डिजाइन करना होगा।

एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन को इसी साल 30 अगस्त को ओबामा की मंजूरी मिल गई थी।

एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन को इसी साल 30 अगस्त को ओबामा की मंजूरी मिल गई थी।

नए एयरक्राफ्ट लेकर आ रहे हैं भारत की तैयारी
डीडीआरओ जीई-414 इंजन के साथ हवाई जहाज विकसित किया गया। GE-414, GE-404 का उन्नत संस्करण है। GE-404 इंजन स्टैस्ट LCAs और 83 LCA मार्क 1As लगे हुए हैं। 83 एलसीए मार्क 1एएस में अगले कुछ पूर्वी भारतीय एयरफोर्स शामिल होंगे।

वर्तमान में 30 एलसीए भारतीय स्टाक सेवा में हैं। एचएएल द्वारा दो का प्रयोग मार्क 1ए विकसित करने के लिए किया जा रहा है।

सरकार का एडवांस्ड प्रॉमिस कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का भी प्रस्ताव है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

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