स्मार्टफोन की लत | केरल | बेटे ने मां को ‘मार डाला’ | बुनियादी बोला- बार-बार टोक रही थी, इसी मारा; केरल पुलिस ने की छापेमारी

तिरुवनंतपुरमकुछ ही क्षण पहले

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मोबाइल की इस लता को 'नोमोफोबिया' कहा जाता है जिसका मतलब है 'नो मोबाइल फोबिया', यानी मोबाइल न होने का डर।  (फ़ॉलो फोटो) - दैनिक भास्कर

मोबाइल की इस लता को ‘नोमोफोबिया’ कहा जाता है जिसका मतलब है ‘नो मोबाइल फोबिया’, यानी मोबाइल न होने का डर। (फ़ोटो)

केरल में मोबाइल फोन से मना करने पर बेटे ने मां की हत्या कर दी। पुलिस ने नवजात बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। ये मामला कनिचिरा जिले का है।

पुलिस का कहना है कि बेटे को मोबाइल की लत थी। माँ ने उसे किराये पर मोबाइल न खरीदने के लिए कहा। इस बात से नाराज बेटे ने मां का सिर दीवार पर दे मारा। माँ को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका 7 दिन तक का इलाज चला। इसके बाद शनिवार को उनकी मृत्यु हो गई।

मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती का भुगतान किया गया था
इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि उसकी मां पर हमला हुआ था, क्योंकि वह बार-बार मोबाइल फोन से रोक रही थी।

मीडिया के सिद्धांत के अनुसार बुनियादी मानसिक रूप से विनाश था। उन्हें एक बार कोझिकोड के कुथिरावट्टम के मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था।

टेक्नोलॉजी की लता है नोमोफोबिया
मोबाइल की लत को ‘नोमोफोबिया’ कहने का मतलब है ‘नो मोबाइल फोबिया’, यानी मोबाइल न होने का डर। यह समस्या मानसिक विकार है या नहीं, यह अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन यह मोबाइल लता के अंतर्गत रोगी के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।

धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे की ओर ली जाने वाली होने वाली कलाकृति बन गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 4 से 3 लोग नोमोफोबिया से कम या ज्यादा पीड़ित हैं। उनमें से कुछ ने सोचा कि उन्हें इंटरनेट खत्म हो रहा है, मोबाइल फोन, बैटरी खत्म हो रही है आदि की वजह से विश्वसनीयता रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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मोबाइल पर गेम खेलता था बच्चा, मानसिक संतुलन

फ्री-फायर और पेज जैसे ऑनलाइन गेम खेलने से 14 साल के लड़के का मानसिक संतुलन बिगड़ गया और आंखें भी खराब हो गईं। ऐसा दावा किया गया है कि पिछले 15 दिनों से उसे विशेष बच्चों के छात्रों के पास रखा गया था। अभिभावकों को यह भी पता नहीं था कि फोन पर ऑनलाइन गेम खेलने से उनके बच्चे का जीवन खराब हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें…

बच्चों की देखभाल, वित्त मंत्रालय का फोन

स्मार्ट फोन के वोग ने भले ही बाजी मारी व तकनीक लोगों की मट्ठी में भर दी गई लेकिन इससे नुकसान भी पहुंच रहा है। टेक्नोलॉजी के लाट लोगों पर इस कदर हावी हो रही है कि टेक्नोलॉजी से दूर रहना एक पल भी गंवारा नहीं है।​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

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