सुप्रीम कोर्ट आप नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा | सचिवालय जवाबी मुहर, आप नेता दिल्ली सेवा बिल पर 5 फ़्यूरी सिने निर्माण का आरोप

  • हिंदी समाचार
  • राष्ट्रीय
  • राज्यसभा से निलंबन को चुनौती देने वाली आप नेता राघव चड्ढा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा

नई दिल्लीएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

आम आदमी पार्टी (AAP) की मिनिमम राघव चन्ना के ड्रॉप केस में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। आप नेताओं पर दिल्ली सर्विस बिल पर 5 फर्जी साइन का आरोप है। जिसके बाद राघव को संसद के बहस सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। इसके खिलाफ चन्ना ने 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा दी।

16 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की पहली सुनवाई करते हुए सचिवालय को जवाबी कार्रवाई करने को कहा था। आज समीक्षा की ओर से उत्तर दिया गया। सीजेआई दिवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।

अब पूरा मामला समझें

राघव चड्ढा ने 7 अगस्त को दिल्ली सर्विस (संशोधन) बिल पर भाषण दिया था।  उन्होंने कहा- यह बिल एक संवैधानिक पाप है।

राघव चड्ढा ने 7 अगस्त को दिल्ली सर्विस (संशोधन) बिल पर भाषण दिया था। उन्होंने कहा- यह बिल एक संवैधानिक पाप है।

7 अगस्त को रात 10 बजे राज्यसभा में दिल्ली (संशोधन) बिल पारित किया गया। इससे पहले चन्ना ने बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पेश किया था। इस पर अमित शाह ने कहा- मोशन पर चन्ना ने 5 कंकालों के फर्जी दस्तखत लगाए हैं।

फाइव म्यूजिकल ने दावा किया था कि दिल्ली सेवा सुपरमार्केट ने उनकी सहमति के बिना सिलेक्ट कमेटी के नाम का उल्लेख करते हुए अपना प्रस्ताव पेश किया था। विरोध दर्ज कराने वाले 3 भाजपा सांसद हैं। इनमें एक बीजेडी और एक अन्नाद्रमुक सांसद भी शामिल हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट में राघव चंदा ड्रॉप केस की टाइमलाइन…

10 अक्टूबर: संयुक्त राज्य अमेरिका से ड्रॉप के राघव ने सर्वोच्च न्यायालय में गोलियां चलाईं
10 अक्टूबर को पुनःप्राप्ति से ड्रॉप के खिलाफ़ सर्वोच्च न्यायालय में गोलियां चलाई गईं। निलंबन के बाद आपके राघव ने कहा था- मेरा ड्रॉप आज के युवाओं के लिए भाजपा की ओर से एक सख्त संदेश है: यदि आप प्रश्न पूछते हैं कि टिकट क्या चाहते हैं, तो हम आवाज को कुचल देंगे। मुझे कठिन प्रश्नपत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। पढ़ें पूरी खबर…

16 अक्टूबर: राघव के वकील ने क्यों कहा-अवसाद निवास तक किसी न किसी को गिरावट
16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई हुई। राघव की तरफ से वकील राजेश डोभा कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि, किसी भी सांसद को उस विशेष सत्र से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, जिसमें उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया गया हो। यह राष्ट्रीय महत्व का तत्व है, किसी भी न्यूनतम तक किस प्रकार के अवकाश निवास को निलंबित करना कोई औचित्य नहीं है? पढ़ें पूरी खबर…

पुनरुत्थान से गिरावट के बावजूद राघव चन्ना के सरकारी आवास को लेकर भी है विवाद….

सोसायटी से जुड़ने से पहले आप नेता राघव चन्ना के सरकारी आवास को लेकर भी विवाद हो गया है। सोसाइटी सचिवालय ने 3 मार्च को आप न्यूनतम राघव चन्ना के टाइप-7 आवास का आवास रद्द करते हुए बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया था।

इसके विरुद्ध राघव चन्ना न्यायालय क्षेत्र थे। आप अल्पसंख्यक ने अदालत में बताया कि अभी भी उनका पद चार साल से अधिक समय तक बचा हुआ है। ऐसे में उन्हें होटल में रहने का अधिकार है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 अक्टूबर को ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को बहाल करने का आदेश दिया, जिसमें सचिवालय सचिवालय की कार्रवाई पर अस्थायी रोक हटा दी गई थी। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनूप जे भंभानी ने कहा- सचिवालय के खिलाफ ट्रायल कोर्ट का उन्होंने आदेश बहाल करने का आदेश दिया, जिसमें सचिवालय को राघव से बंगला खाली ना करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि यह रोक तब तक लागू रहेगी, जब तक आप नेता के आवेदन पर फैसला नहीं लिया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…

पिछले साल नवंबर में राघव चन्ना टाइप-7 होटल में शिफ्ट हुए थे
6 जुलाई 2022 को रांची, राघव चना को दिल्ली के पंडारा पार्क स्थित टाइप-6 बंगला नंबर सी-1/12 पर अलॉट किया गया था। आप न्यूनमुल ने 29 अगस्त 2022 को वेगास से टाइप-7 बैंगल लॉट करने का आग्रह किया था।

आप न्यूमेरिकल को 3 सितंबर 2022 को साओजाकोटे से पंडारा रोड टाइप-7 बंगला नंबर एबी-5 पर ले जाया गया। राघव चन्ना 9 नवंबर 2022 को इस बंगले में शिफ्ट हुए थे।

सोसाइटी सचिवालय ने राघव चन्ना को आवास के लिए पात्र को बताया था
सोसायटी सोसायटी ने आप को न्यूनतम राघव चन्ना को टाइप-7 इलाके के पात्र के बारे में बताया था। सचिवालय ने कोर्ट को बताया कि पहली बार चुने गए सुपरमार्केट को टाइप-6 अपार्टमेंट में जगह दी गई है।

टाइप-7 होटल में रहने का अधिकार उन कलाकारों को है, जो पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री या पूर्व राज्य के राष्ट्रपति रह रहे हैं। भाजपा अल्पसंख्यक राधा मोहन दास को भी टाइप-7 आवास से टाइप-5 आवास में भेजा गया था। आम आदमी पार्टी के अल्पसंख्यक राधा मोहन दास को सरकारी बंगला खाली नहीं करना चाहिए।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *