सिमी पर प्रतिबंध: मोदी सरकार | आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया | सहयोगी संगठन सिमी को सभी राज्यों में प्रतिबंधित किया जा सकता है: गृह मंत्रालय ने अधिकार दिया; जनवरी में ही 5 साल के लिए प्रतिबंधित स्केल

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नई दिल्ली2 मिनट पहले

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सिमी पर पहली बार 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान प्रतिबंध लगाया गया था।  - दैनिक भास्कर

सिमी पर पहली बार 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान प्रतिबंध लगाया गया था।

देश के सभी राज्यों में अब आतंकवादी संगठन आतंकवादी इस्लामिक लेफ्ट ऑफ इंडिया (सिमी) को अपने क्षेत्र में प्रतिबंधित किया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने सोमवार (5 फरवरी) को यूएपीए अधिनियम के तहत सिमी पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार राज्य और केंद्र को दिया है।

इससे पहले 29 जनवरी को ही केंद्र ने सिमी पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने कहा था कि सिमी (सिमी) देश में उथल-पुथल, शांति और साम्प्रदायिक एकता को बढ़ावा दे रही है।

सिमी को पहली बार 27 सितंबर 2001 को आदिवासी संगठन घोषित किया गया था। वह वक्ता बिहार अटल सरकार सत्ता में थी। तब से सिमी पर लगा प्रतिबंध लग रहा है।

सबसे पहले इन फिल्मों में देखें… सिमी क्या है

इन राज्यों ने अपने क्षेत्र में बैन की मांग की थी
10 स्टेट यूनिवर्सल ने एक साइबेरियाई संघ की घोषणा करने की योजना बनाई थी। इनमें आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलुगू, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश शामिल थे। गृह मंत्रालय ने कहा कि सिमी अपनी ऐतिहासिक कहानियों में सक्रिय है। वह अपने समूह समूह मंडल का सदस्य बन रही है।

सिद्धांत है कि 2024 से पहले 2015 में मोदी सरकार ने सिमी पर इंश्योरेंस टाइम के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। कहा जाता है कि सिमी ने एक नए संगठन का ‘नकाब’ परिधान बनाने के लिए अपनी बाइक निकाली थी। इस संगठन का नाम इंडियन मुजाहिदीन है। भारतीय मुजाहिदीन के सभी संगठन स्लीपिंग मॉड्यूल की तरह काम करते हैं।

सिमी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग करते हुए देश में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने 31 जनवरी 2010 को नई दिल्ली में सभा का आयोजन किया था।

सिमी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग करते हुए देश में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने 31 जनवरी 2010 को नई दिल्ली में सभा का आयोजन किया था।

बैन के सुप्रीम कोर्ट ने सिमी के ख़िलाफ़ भुगतान किया
सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के क्रिएटर मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई थी। 2023 में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए एक हाफनामे में कहा गया था कि सिमी के हर नए सदस्य का एक आश्वासन है कि वे मानवता की आजादी और देश में इस्लामिक व्यवस्था लागू करने के लिए काम करेंगे।

देश की शांति और स्मारक को सिमी-सेंटर के खिलाफ खत्म किया जा सकता है, खुद पर लगे प्रतिबंध के बाद सिमी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार की ओर से डेमोक्रेट से जवाब मांगा था। इस पर केंद्र ने कहा था कि सिमी के सदस्य, उसके सहयोगी और अन्य देशों में उसके सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। उनकी कार्रवाई में देश की शांति और संस्कृति को खत्म करने की क्षमता है।

सरकार ने बताया कि इस संगठन का उद्देश्य हमारे देश की व्यवस्थाओं के खिलाफ है। इस देश में इस्लामिक कट्टरपंथियों के गुट बनाने के अपने लक्ष्य को हम किसी भी सूरत में जारी नहीं कर सकते। इसलिए संगठन को गैर-कानूनी गतिविधि में बाधा डालने वाले अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है।

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