शिवसेना विधायक अयोग्यता मामला; राहुल नार्वेकर | उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे | महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बदला मंदिर; एक दिन पहले बुलाया

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मुंबई12 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को 56 कोलोराडो के कोलोराडो पर सुनवाई की थी।  कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप इस मामले पर लंबे समय तक निर्णय नहीं ले सकते।  - दैनिक भास्कर

सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को 56 कोलोराडो के कोलोराडो पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप इस मामले पर लंबे समय तक निर्णय नहीं ले सकते।

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के दोनों दलों के दलों के दोनों गुटों की तरफ से आज 12 अक्टूबर को तेलंगाना की राजधानी को लेकर पदयात्राएं आयोजित की जाएंगी। रीडर ने पहले सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर की तारीख तय की थी, लेकिन उस दिन उन्हें दिल्ली में G20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) में हिस्सा लिया गया है, इसलिए राहुल ने सुनवाई की तारीख बदल दी।

इससे पहले स्टार्स ने 14 सितंबर को डिस्ट्रिक्ट के सेंट्रल हॉल में केस की सुनवाई की थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुनवाई के बाद शिंदे गुट के वकील अनिल साखरे ने मीडिया से कहा- हमें यूसा गुट के ओर से दस्तावेज नहीं मिले हैं।

जवाब में आतंकी गुट के नेता रशियन वायकर ने कहा कि यह शिंदे गुट की रणनीति का हिस्सा है। इस विधान सभा अध्यक्ष का काम है कि वो दोनों गुटों पर केस से जुड़े दस्तावेज दावा दायर करते हैं। हम चाहते हैं कि इस मामले में 34 पदों पर नियुक्तियां की जाएं, एक साथ सुना जाए।

14 सितंबर को मामले की सुनवाई के लिए विपक्षी दलों के दोनों गुटों के 56 विधायकों को सेंट्रल हॉल में पेश किया गया था।

14 सितंबर को मामले की सुनवाई के लिए विपक्षी दलों के दोनों गुटों के 56 विधायकों को सेंट्रल हॉल में पेश किया गया था।

ऑपरेटर ने कहा था- अंतिम निर्णय में निर्णय नहीं लेगा
इंस्पेक्टर ने 21 सितंबर को कहा था कि मैं डेमोक्रेट्स की डिस्क्लेंटीता पर फैसला लेने में देर नहीं करूंगा, इस मामले में रिपोर्ट भी नहीं होगी। उन्होंने कहा- मिसकैरेज ऑफ जस्टिस पर रोक लगाई जा सकती है। मैं जो भी निर्णय लूंगा, संवैधानिक होगा।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के 3 दिन बाद रिजॉर्ट से बात करते हुए कहा गया कि यह बातें कहीं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को विपक्षी शिंदे गुट के 16 और यूपी गुट के 40 बैच के बंदगी पर सुनवाई की थी।

कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप इस मामले पर लंबे समय तक निर्णय नहीं ले सकते। आपको इसकी समय सीमा तय करनी होगी। सीजेआई देवी चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के फैसले को खारिज कर दिया
एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी रिजर्व पर सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने बागी रजिस्ट्रार के चयन पर निर्णय छोड़ दिया था।

वहीं, युसुथ गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका पर फिर से विचार करने की अपील की थी। उन्होंने दलील दी थी- विधानसभा अध्यक्ष मामले को लेकर बहस कर रहे हैं।

पिछले साल एकनाथ शिंदे ने बागावत की थाह ली थी
कांग्रेस नेता एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में पार्टी से बगावत की थी। इसके बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद शिंदे ने बीजेपी पर अपना दावा कर दिया.

16 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली उम्मीदवार बनाया। साथ ही शिंदे गुट को बीजेपी का नाम और तीर-कमान का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। उधमी गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

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