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- शरद पवार हमास युद्ध विवाद; असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा | एनसीपी सुप्रिया सुले
नई/दिल्लीमुम्बई15 मिनट पहले
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इजराइल-हमास जंग को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी हैं। पक्ष-विपक्ष के नेता इजराइल को समर्थन करने और ना करने को लेकर तर्क दे रहे हैं।
इजराइल-हमास युद्ध को लेकर देशों में नेताओं और समर्थकों के विचार अलग-अलग हैं। शरद पवार ने हमास के खिलाफ जंग में इजराइल का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी। इस टिप्पणी पर असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी। कहा- मुझे लगता है शरद ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को हमास के साथ के लिए गाजा भेज दिया.
हिमंता की इस टिप्पणी के बाद सुप्रिया सुले ने जवाब देते हुए कहा कि हिमंता की प्रतिक्रिया से मैं आश्चर्यचकित हूं, मेरा और उनका डीएनए तो कांग्रेसी है। वहीं, संजय ने हिमंत को बीजेपी का इतिहास पढ़ा और समझा की सलाह दी।
हिमंता के राक्षस से हैरान हूं: सुप्रिया
सीएम हिमंत के तंज से एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने पलटवार करते हुए कहा- आपको पता है कि बीजेपी महिलाओं के प्रति किसी तरह का असम्मानजनक व्यवहार करती है, लेकिन मुझे हिमंत से अलग किया गया था. मैं हैरान हूं कि महिलाओं में इस तरह के बदलाव और नजरिया कैसे आए। शायद हिमंता को बीजेपी में जाना नागवार गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी हुई कि मेरा एक साथी कांग्रेस से बीजेपी में आया और वहां मुख्यमंत्री बन गया। बीजेपी के आईटी सेल को शरद पवार के पूरे बयान को अच्छे से सुनना और पूछना चाहिए कि उन्होंने क्या कहा।

पावर ने पीएम की आलोचना की थी
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में एक कार्यक्रम में शरद पवार ने इजरायल-हमास युद्ध पर भारत की आलोचना करते हुए कहा कि भारत हमेशा फिलिस्तीन के साथ खड़ा रहेगा। यह बहुत ही अच्छा है कि पहली बार हमारे प्राइम रियल इश्यू को इजराइल के साथ ठीक किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर महासचिव नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी लिबरेशन देश के विचार एक जैसे थे। भारत हमेशा से उन लोगों के साथ खड़ा रहा है, जो लोग मूल रूप से वहां (फिलिस्तीनी) भूमि और घर के मालिक थे। इजराइल पर ताकतवर दावे के साथ कहा गया कि पूरी जमीन फिलीस्तीन की है और इजराइल के बाहर है, जिसने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया।

बीजेपी ने दावा के बयान की आलोचना की
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे दुख होता है, जब शरद पवार जैसे बड़े नेता इजराइल ने भारत के रुख पर आतंकवादी हमले किए थे। वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम मंडल सदस्यों ने कहा कि इजराइल-फिलिस्तीन विवाद पर भारत ने कभी अपना रुख नहीं बदला। भारत ने किसी भी प्रकार के और किसी भी प्रकार के आक्रमण का विरोध किया। शरद पवार को भी आक्रामक के खिलाफ ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।
संजय ने बीजेपी को हमास के बारे में बताया
सेनापति (यूबीटी) के नेता संजय महान ने हिमंता बिस्वा सरमा को पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव देते हुए कहा कि उन्होंने पहले कांग्रेस पार्टी का नमक खरीदा था और अब उन्होंने नमक की फैक्ट्री बदल ली है। हिमंता जिस पार्टी में हैं, वो हमास से कम नहीं हैं। उग्र, अपने बुजुर्ग को ख़त्म करना, राजमित्र का मिथक करना। हिमंता को सबसे पहले पार्टी का इतिहास पढ़ना चाहिए। इजराइल-फ़िलिस्तान विवाद में अटल बिहारी वसीयत की भूमिका शामिल होनी चाहिए।

विपक्षी नेता संजय बच्चन ने कहा कि हिमंता को पार्टी का इतिहास पढ़ना चाहिए।
मानवीय समस्या घरेलू और राजनीति में फर्क करिए: मनोज झा
राजद के समाजवादी मनोचिकित्सक मनोज झा ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पीयूष गोयल क्या वकील हैं, क्या वो महात्मा गांधी को उनके अस्थियों के बारे में बताते हैं। इजराइल-हमास जंग में स्पष्टता बनाए रखें। आप घरेलू राजनीति में एक मानवीय समस्या को ला रहे हैं। इजराइल द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए जाने की घटना को पूरे विश्व में जाना जाता है। मूल अर्थ तो विदेश मंत्री का है, जो उन्होंने ट्वीट किया था। पहले देखें और समझें।

राजद के सांसद मनोज झा ने कहा कि भाजपा के नेता पहले विदेश मंत्रालय के ट्वीट को पढ़ें और समझें।
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