पुणे16 मिनट पहले
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![शरद पवार के गुट को इलेक्शन कमीशन नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का नाम शरद चंद्रा दिया गया है। (फ़ैला)-दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/02/11/_1707662506.gif)
शरद पवार के गुट को इलेक्शन कमीशन नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का नाम शरद चंद्रा दिया गया है। (फाल्फ़)
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी- शरद चंद्रा के प्रमुख शरद चंद्रा ने एनसीपी के पार्टी सिंबल को अजित गुट को वोट देने के लिए चुनाव आयोग के जजमेंट पर दांव लगाया है। उन्होंने रविवार को पुणे में एक इवेंट में कहा- आयोग ने सिर्फ सिंबल नहीं छीना, बल्कि हमारी पार्टी ने भी दूसरों को दे दिया है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था कि जिसने भी पार्टी की स्थापना की, उसके हाथ से पार्टी लेकर किसी को डिजाइन किया गया।
असल, चुनाव आयोग ने मंगलवार (6 फरवरी) को कहा था अजित राइट गुट ही असली NCP है। 6 महीने तक चला 10 इंटरव्यू के बाद पार्टी का नाम और चुनावी घड़ी अजीत गुट को दिया गया था। इसके बाद आयोग ने शरद समर्थक गुट के लिए एनसीपी शरद चंद्र का नाम दिया था।
चुनाव आयोग के फैसले को शरद पवार ने अदालत में चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर भरोसा है कि लोग चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे, इसलिए हमने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। हर पार्टी के लिए उसका सिंबल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
शरद ने दावा किया कि ईडी ने देश भर में जांच की है, जिसमें 2005 से 2023 तक 6000 मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन, 25 मामलों में ही नतीजा निकल पाता है। 85 प्रतिशत मामलों में नामांकन के राजनीतिक नेता शामिल थे।
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शरद पवार से पहले सुप्रीम कोर्ट में NCP (अजीत राव गुट) की कैविएट
सुप्रीम कोर्ट में 7 फरवरी को NCP (अजीत राइटर गुट) के वकील अभिकल्प प्रताप सिंह ने कैविएट ब्रांच की है। अजीत गुट ने शरद गुट से पहले सर्वोच्च न्यायालय का रुख अपनाया। अन्य नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने 7 फरवरी को कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
क्रैस्टो ने कहा था – सर्वोच्च न्यायालय का एक निर्देश है कि राजनीतिक दल के ऊपर नेता दल का चयन नहीं किया जा सकता है। इसलिए अगर फैसला सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हो गया है तो हम सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
अजीत ने कहा- न्याय मित्र का अधिकार सभी को है
चुनाव आयोग के फैसले शरद समर्थक गुट के सर्वोच्च न्यायालय में जाने पर अजीत राय ने कहा था कि न्याय मित्र का अधिकार सभी को है। यह फैसला हमारे पक्ष में आया है। अगर वे लोग सुप्रीम कोर्ट जाएं तो हम वकीलों के लिए जवाब देंगे। 50 से अधिक प्रमुख नेता, अधिकांश अनभिज्ञ हमारे साथ हैं। लोकतंत्र में बहुमत को महत्व दिया जाता है। इसलिए चुनाव आयोग ने हमें NCP नाम और चुनावी पद दिया है।
![चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में एनसीपी कार्यालय में अजीत जयंती का जश्न मनाया गया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/02/06/comp-8-3_1707241169.gif)
चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुंबई में एनसीपी कार्यालय में अजीत जयंती का जश्न मनाया गया।
![मुंबई में अजिता निर्माता के कार्यालय के बाहर उनके समर्थक बने हुए हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/02/06/10-1_1707241178.gif)
मुंबई में अजिता निर्माता के कार्यालय के बाहर उनके समर्थक बने हुए हैं।
चुनाव आयोग के फैसले पर क्या कहा गया…
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे- लोकतंत्र में लोकतंत्र महत्वपूर्ण है। मेरिट के आधार पर अजित पवार को नाम और मिला। बहुमत के आधार पर यह उन्हें मेरी शुभकामनाएँ देता है। हमें चुनाव आयोग ने बीजेपी का नाम और योग्यता का आधार दिया। बहुमत का सबसे महत्वपूर्ण जीवन है। अल्पसंख्यक वर्ग अभी सरकार में है, राज्य के 48 अल्पसंख्यकों में से 45 से अधिक सीट हमें बताएं। विधानसभा में मुख्यमंत्री के साथ सरकार बनेगी, काम करनेवाली सरकार बनेगी। लोग के काम को महत्वपूर्ण बताते हैं। विकास होना ही चाहिए, हमारी सरकार चौतरफा विकास कर रही है।
- शरद पूर्णिमा की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले- मुझे लगता है कि जो पार्टी साथ थी, आज हमारा साथ हो रहा है। इसलिए यह कोई नया ऑर्डर नहीं है। बस का नाम बदल दिया गया है, लेकिन निर्णय पुराना है। शरद पार्टी फिर से बनी।
- शरद शरद गुट के नेता विपक्ष आव्हाड– यह हो ही रहा था, हमें पहले से पता था। आज उन्होंने (अजीत राव ने) शरद पवार का राजनीतिक गला घोंट दिया है। ये चुनाव आयोग के लिए शर्मिंदगी की बात है। शरद पूर्णिमा फ़ीनिक्स हैं। वह राख से फिर उठती रहेगी। हमारे पास अभी भी शक्ति है, क्योंकि हमारे पास शरद ऋतु हैं। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
- शरद गुट के नेता जयन्त पाटिल- हम चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, वही हमारी आखिरी उम्मीद है।
- महाराष्ट्र डिप्टी सीएम दैवज्ञ- हमारे समर्थकों के उप-मुख्यमंत्री अजीत दादा ने चुनाव आयोग ने एनसीपी पार्टी, घडी को चुना है, मैं उन्हें बधाई देता हूं।
- नेता कांग्रेस अशोक चाह्वाण- चुनाव आयोग ने NCP को लेकर जो फैसला लिया है वो अनापेक्षित फैसला नहीं है, जो भी पार्टी NCP के साथ हो रही है. आखिरी फैसला जनता की अदालत में होगा।
- महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले– केंद्र सरकार ने जो फैसला चुनाव आयोग को लिया था, वही फैसला एनसीपी को लेकर आई है।
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एनसीपी केवल 2 राज्यों में सीमित
2000 के मूल चुनावों के आधार पर एनसीपी की राष्ट्रीय पार्टी का समर्थन 10 अप्रैल 2023 को हुआ था। अब यह केवल महाराष्ट्र और नागालैंड में क्षेत्रीय दल के रूप में समझाया गया है।
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अजीत ने 5 जुलाई को कहा था- अब मैं एनसीपी प्रमुख हूं
अजित 2 जुलाई 2023 को एनसीपी के 8 नामों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ एनसीपी के 40 बेंचमार्क के समर्थन का दावा किया था. गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी सीएम बनाया गया है।
इसके बाद अजीत ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि 30 जून 2023 को मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ।
अजित पवार ने चुनाव आयोग में एनसीपी के नाम-निशान पर अपना दावा दायर करते हुए 30 जून को पत्र भेजा था। वहीं, शरद गुट के नेता जयन्त पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित सहित 9 प्रतिभागियों को शामिल किया, जिनमें 31 शामिल थे, को निर्णायक घोषित करने की मांग की गई थी।
शरद से बगावत के बाद अजित ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है। इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है। आयोग में दस्तावेज तैयार कर अजीत ने 9 हजार से अधिक दस्तावेज पेश किये थे।
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