शरद पवार अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा निमंत्रण | एनसीपी प्रमुख | शरद पवार बोले- रामलला प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आ टैग: चंपत राय को पत्र लिखा- न्योता मिला, इसके लिए मैं अयोध्या; यादव भी नहीं जायेंगे

मुंबई50 मिनट पहले

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महाराष्ट्र के बेलगांव में शरद पूर्णिमा ने रविवार को कहा था कि राजीव गांधी ने राम मंदिर निर्माण को रद्द कर दिया था और मंदिर का शिलान्यास भी किया था।  - दैनिक भास्कर

महाराष्ट्र के बेलगांव में शरद पूर्णिमा ने रविवार को कहा था कि राजीव गांधी ने राम मंदिर निर्माण को रद्द कर दिया था और मंदिर का शिलान्यास भी किया था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद शरद 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा- 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूरे होने के बाद मैं देहरादून दर्शन के लिए आऊंगा। तब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इधर, ईसाई धर्मावलंबी प्रसाद यादव ने भी अयोध्या जाने से मना कर दिया है।

शरद शरद ने पत्र में लिखा…
दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में हो रहे प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का न्योता मिला, इसके लिए मैं अतिथि हूं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारत ही नहीं, विश्वभर में अनगिनत भक्तों की श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं। अयोध्या के उत्सव को लेकर राम भक्तों में उत्सुकता और आस्था है और वे भारी संख्या में वहां (अयोध्या) पहुंच रहे हैं। उनके माध्यम से इस ऐतिहासिक समारोह का आनंद मुझ तक पहुंचाया गया। 22 जनवरी के समारोह के समापन के बाद श्री रामलला के दर्शन सहजता और आराम के लिए जायें। मेरा अयोध्या आगमन का कार्यक्रम है, उस समय श्रद्धा के साथ श्री रामलला जी के दर्शन करेंगे। तब तक राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।

आपकी स्नेहपूर्ण दस्तावेज़ के लिए मैं एक बार फिर से हृदय से मित्रता करता हूँ। समारोह की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें।

राजकुमार प्रमुख शरद ऋतु का राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखा गया

राजकुमार प्रमुख शरद ऋतु का राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखा गया

शरद बोले- राजीव गांधी ने लाइव राम मंदिर का शिलान्यास किया था
आज (17 जनवरी) को शरद ऋतु महाराष्ट्र के बेलगांव के निपानी में एक कार्यक्रम। यहां उन्होंने कहा- बाबरी मस्जिद गिराने के बाद मंदिर बनाने का जब विचार आया तब राजीव गांधी थे। उन्होंने मंदिर निर्माण का उद्घाटन और मंदिर का शिलान्यास भी किया। फिर कुछ लोग कोर्ट गए। कोर्ट ने अभी मंदिर निर्माण की मंजूरी दी, तब से मंदिर निर्माण का कार्य जारी है।

सोनिया गांधी-खड़गे नहीं जाएंगे अयोध्या
कांग्रेस ने 10 जनवरी को रामलला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया था। पार्टी के जारी पत्र में कहा गया है कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। यह कार्यक्रम भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है। धर्म निजी मामला है, लेकिन बीजेपी/आरएसएस ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना कार्यक्रम बना लिया है।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जनरल कंसल्टेंट (कम्युनिकेशंस) द्वारा जारी किए गए इस पत्र में राम मंदिर में जाने का विज्ञापन खारिज करने का कारण बताया था।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जनरल कंसल्टेंट (कम्युनिकेशंस) द्वारा जारी किए गए इस पत्र में राम मंदिर में जाने का विज्ञापन खारिज करने का कारण बताया था।

वहीं, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन (16 जनवरी) राहुल गांधी ने नागालैंड की राजधानी कोहिमा में कहा था कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम है। ।। यह पूरी तरह से इनोवेटिव कलेवर दिया गया है। कांग्रेस ने इसी कारण से इसमें शामिल होने से इनकार किया है। पूरी खबर पढ़ें

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन यानी 16 जनवरी को राहुल गांधी नागालैंड में थे।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन यानी 16 जनवरी को राहुल गांधी नागालैंड में थे।

पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने भी अयोध्या कार्यक्रम से दूरी की घोषणा की

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल नहीं होंगी। धर्मनिरपेक्ष नेता रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पॉलिटिकल इवेंट कह रहे हैं। उनका मानना ​​है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के लिए राममंदिर को एक स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। इसी तरह पार्टी इस इवेंट से दूरी बना रही है।

सीपीआई (एम) के महासचिव सिताराम येचुरी ने भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दावा खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा था- धर्म व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उनकी पार्टी ने बीजेपी और आरएसएस की निंदा के लिए स्टेट स्पॉन्सर्ड इवेंट बनाने के लिए धार्मिक कार्यक्रमों पर एक्स पोस्ट किया था। पूरी खबर पढ़ें…

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