नई दिल्ली16 मिनट पहले
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ग्लोबल हैंगर शार्क 2023 की लिस्ट में विश्व के 125वें देश में भारत को 111वां स्थान मिला है। इस मामले में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति बेहतर है। ग्लोबल हंगर वैज्ञानिकों की सूची में पाकिस्तान की रैंकिंग 102, बांग्लादेश की 81, नेपाल की 69 और श्रीलंका की 60 है।
इस सूची में भारत की रैंकिग लागत तीन गुना है। ग्लोबल हैंगर के प्रकाशकों ने 28.7 अंकों के साथ भारत में भुखमरी की स्थिति को गंभीर बताया है। इससे पहले 2022 में 121 देशों की सूची में भारत 107 नंबर पर था। 2021 में भारत को 101वीं रैंक मिली।
हालाँकि, भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि ग्लोबल हंगर स्टॉक्स भारत की वास्तविक स्थिति का विवरण नहीं है। भारत ने आरोप लगाया कि यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बच्चों की कमज़ोरी की दर 18.7 प्रतिशत दुनिया में सबसे ज़्यादा है। यह अति ग़रीब को खरीदा जाता है। वहीं, भारत में अल्प आयु के बच्चों की मृत्यु दर 16.6 प्रतिशत और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 15 से 24 साल की महिलाओं की उम्र 58.1 प्रतिशत है।
पिछले साल की रिपोर्ट पर सरकार ने कहा था सवाल
ग्लोबल हैंगर स्टॉक 2022 की रिपोर्ट लेकर भारत सरकार ने कहा कि गलत जानकारी ग्लोबल हैंगर स्टॉक का हॉलमार्क लगता है। भारत को ऐसे देश के रूप में दिखाया जा रहा है जो अपनी आबादी के लिए खाद्य पदार्थ और पोषण आहार के कॉलेज को पूरा नहीं कर पा रहा है।
यह वैज्ञानिक भुखमरी को गलत तरीके से मापता है। इसमें जो मेथड का प्रयोग किया जाता है वह भी गंभीर रूप से गलत है। इस दस्तावेज़ के चार में से तीन संकेतक बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
ग्लोबल हंगर शार्क क्या होता है?
ग्लोबल हैंगर शार्क (जीएचआई) बताता है कि किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति क्या है। इस सूची में हर साल कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हैंगर हेल्पर (जर्मनी में वेल्थुंगरहिल्फ़े) नामक यूरोपीयन एनजीओ तैयार करते हैं। दुनिया के अलग-अलग देशों में 4 पैमानों का आडलान करने के बाद शेयरों को तैयार किया जाता है।