नई दिल्ली9 मिनट पहले
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![25 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जस्टिस संजय किशन को फांसी दे दी गई। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/30/k-32_1703946254.jpg)
25 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जस्टिस संजय किशन को फांसी दे दी गई।
सुप्रीम कोर्ट से 25 दिसंबर को हटाए गए जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आंतकी सेनाओं के आने के कारण 4 लाख के दशक में पंडितों के बारे में बहुत कम बातें हुई हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पंडित पंडित इतना बड़ा वोट बैंक नहीं रख रहे थे कि राजनीति का ध्यान अपनी ओर नहीं खींच सके।
जस्टिस कौल एससी की उस बेंच में भी शामिल थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने की वकालत की थी। साथ ही राज्य और गैर-राज्य दोनों के द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच और रिपोर्ट करने के लिए इंपार्टियल ट्रुथ एंड रिकांसिल कमीशन की स्थापना की गई थी।
कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 1980 के बाद उग्रवाद के कारण शांति भंग होने से पहले विभिन्न समुदाय के लोग मिलजुल कर रहे थे। उन्हें यह समझ ही नहीं आया कि घाटी के हालात कितने ख़राब हो गए हैं। जस्टिस कौल खुद भी पीएचडी विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा- 30 साल की बेलगाम हिंसा के बाद अब लोगों के आगे बढ़ने का समय आ गया है।
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370 पेटेंट करने का निर्णय सर्वसम्मत
जस्टिस कौल ने जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने के फैसले को लेकर जम्मू-कश्मीर वाली सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा- CJI दिवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सर्वसम्मत फैसला सुनाया था. हर बड़ा निर्णय बहस को जन्म देता है। लोग ऐसे भी होंगे जो जजमेंट पर अलग राय पसंद करते हैं।
जस्टिस कौल का कहना है कि इसका मुझ पर कोई असर नहीं होता, क्योंकि फैसला कोई भी स्थिति पर आधारित होता है। हमें इसके बारे में अति संवेदनशील नहीं होना चाहिए। उन्होंने मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक छोटू पंडितों के लिए यात्रा निकाली।
4.50 लाख से ज्यादा लोग अपने ही देश से हो गए
कौल कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में पहले सुरक्षा संबंधी चिंता की कोई समस्या नहीं थी, लेकिन फिर उस स्तर पर गिरावट आई जहां एक समुदाय के आधे 4 लाख से अधिक लोग अपने ही देश से चले गए। मुझे लगा कि इसके बारे में बहुत कम बताया गया है।
उन्होंने कहा कि शायद वे बड़े तीन कलाकार नहीं थे जो राजनीति का ध्यान अपनी ओर खींचते थे। स्थिति इस हद तक बताई गई है कि सेना बुलानी पाद, क्योंकि देश की क्षेत्रीय अखंडता खतरे में पड़ रही थी। जम्मू-कश्मीर के लोगों की एक पूरी पीढ़ी ने बेहतर समय नहीं देखा है।
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पीएम बोले- अनुच्छेद 370 हमेशा के लिए चला गया; जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी तकदीर की आजादी को आजाद करें
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अनुच्छेद 370 हमेशा के लिए खत्म हो गया है और अब जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद के लोग पहली बार अपने हाथों से अपनी तकदीर को आजाद कर रहे हैं। मोदी ने यह बात एक मीडिया चैनल को विभिन्न जगहों पर साझा की है, जिसे आधिकारिक जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने साझा किया है। पूरी खबर पढ़ें…
जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का निर्णय; सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अनुच्छेद 370 संक्षेप था
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का केंद्र सरकार का फैसला बरकरार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने 11 दिसंबर को कहा था – अनुच्छेद 370 परिपथ परिक्षेप था। संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 से स्पष्ट है कि जम्मू और कश्मीर भारत का सिद्धांत है। भारतीय संविधान के सभी प्रोविज़न वहां लागू हो सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें…