विधानसभा चुनाव 2023| इस महीने होंगे पांच राज्यों में चुनाव | चुनावी प्रचार के चरम पर ही राजनीति में ग़लत बयानी की बहार

एक घंटा पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल भास्कर, दैनिक भास्कर

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राजनीति में जो कुछ हो कम है। यूके के मशहुर लाल हत्याकांड की जांच की जा रही है लेकिन बीजेपी राजस्थान की सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि मशहुर लाल हत्याकांड को सजा क्यों नहीं दी गई? या अर्थशास्त्री सरकार के समर्थक हैं। अजीब बात यह है कि जब जांच केंद्र जांच कर रहे हैं तो सरकार क्या कर सकती है? अन्य नीतीश कुमार घरों में कुछ तो भी बोल रहे हैं लेकिन ‘इंडिया’ वालों को इसमें कुछ भी गलत नहीं लग रहा है। वे कह रहे हैं नीतीश तो एज्यूकेशन दे रहे थे। नीतीश ने जीतेन राम मांजी को सदन में कहा- काहे का मुख्यमंत्री? बैठो, बैठो! यह कौन सी संसदीय परंपरा है? अब मांजी कह रही हैं कि नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाने के लिए उन्हें कोई धीमी जहर दे रही हैं। इसी वजह से वे कुछ तो भी बोले जा रहे हैं। पहले वे ऐसे नहीं थे।

बिहार विधानसभा में मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर बयान दिया।  इस दौरान उन्होंने कहीं-कहीं कुछ ऐसी बातें कही, जिन्हें हम यहां लिख नहीं सकते।

बिहार विधानसभा में मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर बयान दिया। इस दौरान उन्होंने कहीं-कहीं कुछ ऐसी बातें कही, जिन्हें हम यहां लिख नहीं सकते।

यहां के चुनावी क्षेत्र में बागियों की बहार है, बड़े-बड़े नेताओं को अपनी ही आस्था नहीं मिलती। नाम वापसी की तारीख के बाद भी वे चुनावी मैदान में तारीख बताई गई हैं। केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी। इन तीन प्रमुख राज्यों में है टक्कर का मुकाबला। कोई किसी से कम नहीं पढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ जहां किसी एक दल की जीत आसान मनी जा रही थी, वहां भी नेक तू नेक मामला फंसा हुआ है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में तो आर-पार की लड़ाई चल रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गोयल और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निकोलस के जीवन का यह सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है। क्योंकि इस बार दोनों की सरकार नहीं आई तो पांच साल बाद ये मार्गदर्शक मंडल में शामिल हो सकते हैं। हालाँकि यह परंपरा भाजपा की रही है लेकिन कांग्रेस इस परंपरा को कब अपना चुकी है, इस पर कोई भरोसा नहीं है।

छत्तीसगढ़ की 20 मुख्य धारा पर वोट होले है।  कांकेर के एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं को अपने अधिकार का उपयोग करने का इंतजार है।

छत्तीसगढ़ की 20 मुख्य धारा पर वोट होले है। कांकेर के एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं को अपने अधिकार का उपयोग करने का इंतजार है।

कुल मिलाकर, टक्कर काँटे की है और मानचित्र में कांग्रेस सत्ता पाने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है जबकि राजस्थान में भाजपा सत्ता पाना चाहती है। राजस्थान में हर बार सत्ता परिवर्तन की परंपरा भाजपा के पक्ष में है। देखिए यह है कि तीन दिसंबर को जब चुनाव परिणाम आएंगे, तब क्या होगा?

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