लोकसभा सीटों का परिसीमन | बढ़ेंगी 78 सीटें, 2026 से परिसीमन शुरू | इससे दक्षिणी राज्य को नुकसान नहीं; सरकार का संतुलन भी साधेगी

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नई दिल्ली25 मिनट पहले

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अभी समाजवादी पार्टी में 543 सदस्य और समाजवादी पार्टी में 245 सदस्य हैं।  - दैनिक भास्कर

अभी समाजवादी पार्टी में 543 सदस्य और समाजवादी पार्टी में 245 सदस्य हैं।

चतुर्थांश को लेकर परिसीमन प्रक्रिया की शुरुआत 2026 से होगी। ऐसे में 2029 के आम चुनाव में लगभग 78 सीटों के इजाफ़े की संभावना है।

दक्षिणी राज्य अमेरिका ने जनसंख्या आधारित पेरिसिमन का विरोध किया है। इसलिए सरकार समनुपातिक आधार पर परिसीमन की तरफ, जिसमें संतुलन संतुलन बनाए रखने का फ्रेमवर्क तैयार हो रहा है।

तीसरे का कहना है कि 2025 तक जनसंख्या परियोजना के आंकड़े उत्तर प्रदेश में 14, बिहार में 11, छत्तीसगढ़ में 1, मध्य प्रदेश में 5, झारखंड में 1, राजस्थान में 7 और हरियाणा और महाराष्ट्र में 2-2 हैं। होने की सम्भावना है.

वहीं, तमिलनाडु में 9, केरल में 6, कर्नाटक में 2, आंध्र प्रदेश में 5, तेलंगाना में 2, ओडिशा में 3, और गुजरात में 6 फिल्मों के नुकसान का खतरा है।

परिसीमन क्या है- परिसीमन का अर्थ सोम या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की सीमा तय करने की प्रक्रिया है। परिसीमन के लिए आयोग बनता है। इससे पहले भी 1952, 1963, 1973 और 2002 में आयोग के सदस्य हो चुके हैं।

मोदी सरकार ने सितंबर 2023 में नई संसद में कार्य शुरू किया है।  नई संसद की कम्युनिस्ट पार्टी में 888 न्यूनतम सीटें हो सकती हैं।

मोदी सरकार ने सितंबर 2023 में नई संसद में कार्य शुरू किया है। नई संसद की कम्युनिस्ट पार्टी में 888 न्यूनतम सीटें हो सकती हैं।

अब जानिए इस सवाल से जुड़े सवाल और उनके जवाब…

1. परिसीमन का फ्रेमवर्क क्या होगा?
परिसीमन आयोग से पहले सरकार ने फ्रेमवर्क पर काम शुरू कर दिया है। प्रतिनिधित्व को लेकर स्थिर व्यवस्था से नहीं होगी, बल्कि बैलेंस को ध्यान में रखते हुए एक ब्रॉडर फ्रेमवर्क पर विचार किया जा रहा है।

2. साम्यवादी प्रतिनिधि क्या होगा?
तमिल-पुडुचेरी में 40 सीटें हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान की 80 सीटों में से 14 सीटों की संख्या है। यानी सीट बढ़ाने के लिए मानचित्रण ही एक मात्र विकल्प नहीं है।

जनसंख्या के आधार पर राज्यों में भी जनसंख्या का अनुपात बढ़ेगा। किसी एक में 20 लाख की आबादी पर एक अल्पसंख्यक होगा तो दूसरी जगह 10-12 लाख की आबादी पर एक अल्पसंख्यक होगा।

3. अल्पसंख्यक बहुसंख्यक पोर्टफोलियो का क्या होगा?
देश के 85 अल्पसंख्यकों की आबादी 20% से 97% तक है। इन पोर्टफोलियो के अनुसार पोर्टफोलियो पर स्टॉक बैलेंस बैलेंस को बनाए रखने के लिए नोम क्षेत्र के तहत नए पोर्टफोलियो को तैयार किया जा सकता है।

4. महिला नारियल के बाद क्या होगी?
1977 से खण्ड खंड की संख्या को रेफ़्रिजरेटर रखा गया है, लेकिन अब महिलाओं को 33 फ़ीसदी हिस्से के बाद इसे डिफ़्रीज़ करना लेज़मी है। जनसंख्या वृद्धि दर पर प्रभावी नियंत्रण करने वाले राज्यों ने चेतावनी दी है कि इस आधार पर उनके पोर्टफोलियो में कमी का विरोध किया जाएगा।

इस रिसीमन से बीजेपी को क्या फायदा होगा?
नई संसद की कम्युनिस्ट पार्टी में 888 न्यूनतम सीटें हो सकती हैं। इस बात ने दक्षिण राज्य को चिंता में डाल दिया। इन राज्यों को डर है कि 46 साल से रुका हुआ परिसिमन पॉलिटोशन को आधार बनाया गया, तो नोमोइन में हिंदीभाषी राज्यों के सहयोगियों की उपस्थिति करीब आधी हो गई।

लेकिन, अभी 2021 की खराब स्थिति नहीं हुई है। सरकार परिसीमन से पहले घटिया नाख़रगी। अगर 2021 की वैल्यूएशन नहीं है, तो वह 2011 की वैल्यूज को आधार बनाकर परीक्षण कर सकता है, लेकिन इसमें भी स्कोर है। कैसे, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर…

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