लोकसभा चुनाव-2024 के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू | दिसंबर में भाजपा के नमूने का आकलन; इस बार जैसी नीड़ें, आकृतियाँ ही चॉइस

नई दिल्ली42 मिनट पहलेलेखक: सुजीत ठाकुर

  • कॉपी लिंक
मौलाना का कहना है कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों की अपील से चर्च की सूची बनाने के लिए तीन बौद्ध समितियां बनाई हैं।  - दैनिक भास्कर

मौलाना का कहना है कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों की अपील से चर्च की सूची बनाने के लिए तीन बौद्ध समितियां बनाई हैं।

बीजेपी ने अगले आम चुनाव के लिए अपने पसंदीदा विधायकों को वोट देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार हर राज्य की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के हितों से जुड़े मुद्दे तय हो सकते हैं, क्योंकि जातीय समानता और समुदाय के बीच समानता की मांग के बीच नए बदलाव ले रहे हैं।

इस बार ये भी है जीत का दावेदार मौलाना का कहना है कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों की अपील से चर्च की सूची बनाने के लिए तीन बौद्ध समितियां बनाई हैं।

इसमें समिति की आयु, सीट की संभावना, उम्मीदवार की जाति, लोकसभा क्षेत्र का विकास, सीटों की नियुक्ति और प्रमुख विरोधी संप्रदाय के परिवर्तन की प्रोफ़ाइल बनाई जा रही है।

भाजपा के प्रदेश महासचिव, राज्य महासचिव और मुख्यमंत्री के आधार पर आकलन कर रही है।

भाजपा के प्रदेश महासचिव, राज्य महासचिव और मुख्यमंत्री के आधार पर आकलन कर रही है।

आम चुनाव की घोषणा से पहले तय हो सकता है नाम
पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य का कहना है कि जिस तरह से पांच राज्यों के चुनावों की घोषणा पहले की जा रही थी, उसी तरह कुछ रियासतों के आम चुनावों की घोषणा पहले ही कर दी गई थी। ।।

भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की, इसके लिए बाकी हिस्सों के बजट में शामिल होना जरूरी है और पार्टी इस काम में लग गई है।

जहाँ जिस जाति की संख्या अधिक हो, वहाँ वही की संख्या हो
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि बिहार और उत्तर प्रदेश में जातीय आबादी की मांग को लेकर आने वाले दिनों में जातीय अनुपात प्रभावित हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि ओबीसी समुदाय बाहुल्य प्रधान पद पर स्थिर भाजपा न्यूनतम जाति का है तो उसकी सीट अगले चुनाव में बदली जा सकती है।

दिसंबर के दूसरे सप्ताह के आकलन और समीक्षा
भाजपा के प्रदेश महासचिव, राज्य महासचिव और मुख्यमंत्री के आधार पर आकलन कर रही है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में सामुहिक उद्यमों की ओर से दिए गए गांव वर्कशॉप की समीक्षा का काम शुरू करने की योजना है। ग्रुप के चयन की प्रक्रिया में भाजपा के सहयोगी ऑर्केस्ट्रा को लेकर भी विचार करेंगे।

यह भी पढ़ें…

राजस्थान में कांग्रेस-भाजपा की ओर से कम टिकटें, भाजपा ने राजपूतों और कांग्रेस ने ब्राह्मण-वैश्यों को कम टिकटें दी

राजस्थान के मौलाना रण की तस्वीर साफ हो गई है। अगर आप देखें तो एक बात सामने आती है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों के पास अब समान अवसर हैं। मैदान की स्थिति एक जैसी है। दोनों के सामने बागियों का संकट है। प्रतियोगी- डॉक्टर डॉक्टर हैं। घिसे-पिटे फॉर्मूले से बने-बिगड़ते हार-जीत के निष्कर्ष हैं। लेकिन चुनाव इस बार वैसा नहीं है, जैसा हर बार होता है। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *