राहुल गांधी सत्यपाल मलिक साक्षात्कार, पुलवामा हमला, जम्मू कश्मीर | राहुल गांधी के साक्षात्कार में कहा- कश्मीर में अब सबसे ज्यादा घटनाएं हो रही हैं

नई दिल्लीएक घंटा पहले

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 14 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मोहम्मद का निधन कर दिया। 28 मिनट की इस बातचीत में राहुल ने सत्यपाल आमिर से लेकर मोकामा में हुई हिंसा, आतंकी हमले, किसान आंदोलन और जातीय गुट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।

राहुल ने राहुल से कहा कि चुनाव में सिर्फ 6 महीने रह गए हैं। मैं लिख रहा हूं कि अब मोदी सरकार नहीं बनेगी। वहीं, जम्मू-कश्मीर पर बात करते हुए राज्य के पूर्व गवर्नर ने कहा कि वहां अब पहले से ज्यादा घटनाएं हो रही हैं। राजौरी और कश्मीर घाटी में हर दिन हिंसा हो रही है।

राहुल ने आमिर से 6 यादगारों पर की बात…

1. जम्मू-कश्मीर

राहुल: जम्मू-कश्मीर के बारे में आपकी क्या राय है?
दोस्त: वहां के लोगों पर जोर-जबरदस्ती करना ठीक नहीं है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को अनलॉक करने के लिए आप भी कुछ कर सकते हैं।

राहुल: वहां शांति कैसे मिलेगी?
दोस्त: मुझे लगता है कि उनका राज्य विवरण वापस लेना चाहिए। असम्बद्ध अनुच्छेद 370 वापस लेकर केन्द्र सम्मिलित राज्य बनाया गया। उदाहरण के लिए कहा गया था कि कहीं भी राज्य की पुलिस ने विद्रोह नहीं किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने हमेशा केंद्र सरकार का साथ दिया। अमित शाह का वादा है कि वे राज्य वापस आएंगे। इसलिए जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाया जाना चाहिए और वहां चुनाव होना चाहिए।

राहुल: किस राज्य में अब सबसे ज्यादा घटनाएं हो रही हैं?
दोस्त: घटनाएँ अब से पहले सबसे ज्यादा हो रही हैं। राजौरी और कश्मीर घाटी में हर दिन हिंसा हो रही है।

27 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर के बनिहाल उपनगर में थी, यह वीडियो कहां का है।

27 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर के बनिहाल उपनगर में थी, यह वीडियो कहां का है।

2. पुलवामा हमला

राहुल: आतंकवादी हमलों के बारे में आपकी क्या राय है?
दोस्त: मैं ये तो नहीं कहता कि हमला बीजेपी ने ही किया है, लेकिन इस हमले का पार्टी ने राजनीतिक इस्तेमाल किया है। पीएम मोदी लोगों से कहते हैं कि जब वोट दिया गया तो आतंकवादियों की मौत को याद रखना।

राहुल: मुझे आतंकवादी हमलों के बारे में तुरंत पता चला, लेकिन मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया और वहां से नहीं निकाला गया। मैं लड़की वहां से निकला। ये सब देखकर मुझे लग रहा था कि जैसे कोई शो चल रहा हो या कोई इवेंट क्रिएट किया जा रहा हो।
दोस्त: जिस दिन हुआ था ये हमला, पीएम मोदी नेशनल कार्बेट पार्क में कर रहे थे शूटिंग. मैंने उन्हें कई बार फ़ोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ। कुछ देर बाद उनका फोन आया तो मैंने बताया कि हमारे कई सैनिक शहीद हो गए और ये सब हमारी गलती से हो गए तो उन्होंने तुरंत कहा कि अभी चुप रहो और इस पर कुछ मत बोलो। मुझे लगा था कि मामले की जांच होगी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।

राहुल: हमला क्यों हुआ और क्यों हुआ?
दोस्त: शहीद होने वाले सैनिक ने होम मिनिस्ट्री से 5 एयरोक्राफ्ट की योजना बनाई थी, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई। वे फिर जबरदस्ती सड़क से चले गए और हादसों का शिकार हो गए।

राहुल: वहां तक ​​सोमाली कैसे पहुंचाएं?
दोस्त: सारा मालगोदाम पाकिस्तान से रवाना हुआ था। पैकेट के साथ एक गाड़ी दस दिन से घूम रही थी, लेकिन सिस्टम ने ध्यान नहीं दिया। इतने ही नहीं सैनिक जिस सड़क से निकल रहे थे, वहां शराब को नहीं छोड़ा गया था। सेना के जवानों के साथ ही चमेली चल रही थी, जबकि ऐसा नियम नहीं है।

राहुल ने सत्यपाल आमिर से 28 मिनट की बातचीत की।

राहुल ने सत्यपाल आमिर से 28 मिनट की बातचीत की।

3. जातिगत जानवर

राहुल: मीडिया, ब्यूरोक्रेसी या कोई संस्थान हो। यहां ओबीसी, दलित या जनजाति का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इस पर आपकी क्या राय है?
दोस्त: सोसाइटी ने कहा था कि गोवा की आजादी को लेकर समिति समिति में भी 48% अपर कास्ट के लोग आ गए थे। अब ये सिस्टम बन चुका है।

राहुल: इसे कैसे बदला जा सकता है?
दोस्त: हर जगह आश्रमों में फिक्स करना शामिल है। इसके अलावा उन मूर्तियों की खुद की भी मजबूती होगी।

4.लेखक हिंसा

राहुल: कंपनी के बारे में आपका क्या नाम है?
दोस्त: सरकार के प्रबंधन पर कोई नियंत्रण नहीं है। मुख्य मंत्री कुछ नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन उन्हें हटाया नहीं जा रहा है।

राहुल: अब एक राज्य बचा नहीं है, दो राज्य बन गये हैं। सरकार सच में नियंत्रण खो दिया है।
दोस्त: चुनाव में सिर्फ 6 महीने रह गए हैं। मैं लिख रहा हूं कि अब मोदी सरकार नहीं बनेगी।

3 मई को हुई हिंसा के बीच 29 जून को राहुल गांधी ने राज्य का दौरा किया था और मूर्तिकारों से मुलाकात की थी।

3 मई को हुई हिंसा के बीच 29 जून को राहुल गांधी ने राज्य का दौरा किया था और मूर्तिकारों से मुलाकात की थी।

5. आरएसएस की श्रृंखला

राहुल: मुझे लगता है कि भारत की राजनीति में दो तरह की लड़ाइयाँ हैं। एक गांधीवादी और दूसरी आरएसएस की। दोनों का अस्तित्व के दर्शन हैं। एक अहिंसा भाईचारे की असहमति है। दूसरा अधर्म और हिंसा की। इस बारे में आपका क्या कहना है?
दोस्त: मेरा ये अंतर है कि हिंदुस्तान देश विशेष रूप से सर्वाइव वाइज़ पर है, जब उदार हिंदू धर्म के रास्ते पर चल रहा है। ये गांधी का दर्शन था. वे गांव-गांव थे। तब यह दृष्टि क्षेत्र पर थी। अगर इसी तरह के सिद्धांत पर देश अलग, इसी तरह के चलचित्र, नहीं तो टुकड़े हो जाएंगे। हमें मिल-जुल कर बिना लड़ाई-झगड़े के जीना होगा।

राहुल गांधी ने 8 सितंबर को यूरोप दौरे के दौरान ब्रसेल्स के प्रेस क्लब में कहा था कि भारत में इस वक्त महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच लड़ाई है।

राहुल गांधी ने 8 सितंबर को यूरोप दौरे के दौरान ब्रसेल्स के प्रेस क्लब में कहा था कि भारत में इस वक्त महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच लड़ाई है।

6. देश का वैभव

राहुल: जब भी सरकार पर कोई दस्तावेज़ आता है, तो ये कुछ न कुछ निकाल दिया जाता है। जब मैंने गौतम अडानी पर चर्चा की, तो पहले टीवी बंद कर दी, फिर मुझे संसद से हटा दिया गया। फिर स्पेशल सेशन की बात हुई, तो इसमें भारत और इंडिया पर चर्चा की बात हुई। आखिरी बार ये लोग महिला नखरेदार बिल बिल लाए थे। वह अभी भी नहीं, 10 साल बाद आये। आतंकियों की सुरक्षा हो, महिलाओं की संपत्ति हो, इनके पास चर्चा को भटकाने का अच्छा तरीका है।
दोस्त: ये किसी भी चीज़ का इवेंट बना देते हैं। फिर अपने पक्ष में लाभ की दरें हैं। महिला नटखट बिल का भी यही किया। महिलाओं को कुछ भी अपॉइंटमेंट नहीं मिलता है, लेकिन इस तरह से दिखाया जाता है कि न जाने कितना बड़ा काम किया जाता है। नई संसद की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन पीएम मोदी ने अपना पत्थर गिराया था। वो पुरानी बिल्डिंग तो अभी भी कई साल तक चलती है।

राहुल: जब आपने सेनापति और किसान आंदोलन का उत्थान किया तो आपको झटका लगा। इस पर आपकी क्या राय है?
दोस्त: कानून ये है कि जो आदमी होता है, उसे सज़ा नहीं दी जा सकती। मेरी शिकायत की रिपोर्ट, आपसे पूछताछ नहीं हुई, जांच नहीं हुई, मेरी पूछताछ के लिए तीन-तीन बार गए। मैंने कहा- तुम कुछ भी कर लो, मेरा कुछ नहीं पाओगे। मैं फकीर हूं, मेरे पास कुछ नहीं है। तंगगॉन इंजीनियर ने कहा कि साहब हम तो नौकरी कर रहे हैं। उनकी भी मजबूरी है.

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