यूपी-बिहार सीमा पर कच्ची झोपड़ियां शराबियों के लिए स्वर्ग हैं। | 500 मीटर में 5 अवशेष, 80% ग्राहक बिहार के; अवसाद से विश्राम तक…फिर गुप्त रहस्य से घर वापसी

34 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी /राजेश साहूकार

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नशा राज्य की सीमा को न देखें। नशे की तलब किसी भी कानून को नहीं सिखाती। नशा हर उस ब्रेक को ड्रेन में माहु कर देता है, जो सरकारी सिस्टम ने बनाया है। ये हम नहीं कहते. यूपी-बिहार सीमा पर बासी नाला झोपड़ी खुद-ब-खुद हकीकत बयां कर रहे हैं। इनमें से एक अंदर की कहानी है। कहानी में शराब है। बिहार है. बिहारी हैं। और वह चलाकियां हैं, जो सरकारी सिस्टम को रोज बताती हैं।

यह किस्सा चंदौली जिले के नौबतपुर का है। 500 मीटर में बने 5 झलकियां यहां की शाम को रंगे गए हैं। आदमी की चिंताएं भूलकर पैग मारता है और फिर बीड़ी का कसावदार दिखता है। इस साहसिक कार्य स्थल पर भास्कर नेटवर्क। दृश्य।देखा। शराब पीने से लेकर सुरक्षित बिहार यात्रा के लिए जाना।आइए, सब कुछ एक तरफ से जानते हैं…

500 मीटर के अंदर 5 झलकियां जो शाम को रंगी हुई हैं
चंदौली में यूपी-बिहार सीमा पर नौबतपुर क्षेत्र है। राष्ट्रीय राजमार्ग-19 से बिहार जाने वाले राजमार्ग, तो सीमा पर राजमार्ग से एक तरफ की सड़क छूटती है जो नौबतपुर ले जाती है। दोनों की सीमा करमनासा नदी ने छोड़ी है। बिहार में शराबबंदी है और उत्तर प्रदेश में शराबबंदी कोई अपराध नहीं। इसलिए बिहार के लोग शराब पीने नदी पर बने पुल से नौबतपुर चले आते हैं। यहां 500 मीटर के बीच कुल 5 विकेट हैं। दो देसी शराब के। दो अंग्रेजी और एक बियर का ठेका है।

खुली जगह में शराबी स्थापत्य माना जाता है इसलिए एक आश्रय स्थल भी होना चाहिए। अवलोकन करने वालों ने अपनी झलक के पीछे कुछ जगहें बनाई हैं, लेकिन यहां भीड़ इतनी है कि वहां हर किसी का पहुंचना संभव नहीं है। इसलिए यहां के कुछ लोगों ने इसे अवसर समझा। थेकों के दूसरी तरफ झोपड़ियाँ बनाई गईं और दुकान खोल दी गईं। ये दुकान अंडे, भुने चने, फ्राई मछली के नारे थे। इसके साथ ही वे बैठे, नशा चढ़ाने पर सोने का सोल भी बनाया।

झोपड़ियों के नमूने, शराब के नमूने की जगहें भी हैं
हम झोपड़ियां के पास। चना खरीदें। जहां खाने के लिए बैठ गए। पास में जो लोग थे वह ब्लू लाइन से और लाल परी जैसी देसी शराब लेकर बैठे थे। उनमें से एक कहते हैं, आप लोग सिर्फ चना खा रहे हैं, पास वाले निशाने से कुछ ले जाओ, तब तो मजा आएगा।

हमने कहा कि हमें बिहार जाना है, अभी पी लें तो नशा छोड़ें। ग्रुप में बैठे एक करीबी 40 साल के व्यक्ति ने तख्त की तरफ इशारा करते हुए कहा है, इसमें क्या सुविधा है, पीने के बाद बाकी आराम मिलेगा। जब नशा उतर जाए तो मुंह धोइए, पुदीना की गोलियां मुंह में रखिए और निकल जाइए बिहार।

सीमा पर बनी सुपरमार्केट झोपड़ियां में लोग शराब खरीदते हैं।  नशा करने से लेकर आराम तक करना है।

सीमा पर बनी सुपरमार्केट झोपड़ियां में लोग शराब खरीदते हैं। नशा करने से लेकर आराम तक करना है।

हम यहां से निकले और दूसरी कंपनी में पहुंचे। स्थिति सेम थी. सभी में आगे की दुकान, पीछे शराब पीने का स्थान। हम एक खाली तख्त पर पहुंचे। हमने फ्राई मछली बेचने वाले संतोष से पूछा, यहां तो बिल्कुल सही रंगत रहता है?

संतोष यादव कहते हैं, “भइया पूरा नौबतपुर ही शराब की वजह से चल रहा है।” यहां 5 ठेका है, लेकिन सबसे ज्यादा देसी शराब वाला ठेका है, क्योंकि वह 70 रुपए में मिल जाता है। उसी अवलोकन पर सुबह से लेकर रात तक साझी भीड़ रहती है। वहां से लोग हमारे पास सबसे ज्यादा मिलते हैं। इसमें सबसे ज्यादा बिहार के होते हैं।”

  • संतोष नशे के बाद सामने को लेकर कोई कह रहे थे, उसी के पास बैठी बात बुजुर्ग ने बीड़ी का कसर निकाला और संतोष की तरफ से ज्ञानी को शब्द बोला। इसके बाद संतोष ने एक शब्द भी नहीं बोला।

कुछ देर बाद बुजुर्ग शराब के बगीचे में चला गया। संतोष फिर कहते हैं, “चंदौली जिले में सबसे ज्यादा शराब की दुकानें नौबतपुर में ही हैं। इसकी वजह यह है कि यहां बिहार से शराब आती है। यहां लोग बिहार से शराब पीते ही हैं, फिर भी शराब पीकर लौट जाते हैं।” के लिए गुप्त मार्ग हैं, जहां पुलिस के मानक समान नहीं हैं। इसलिए यहां से बाहर एक का क्रम जारी रहता है।”

हम आगे बढ़े। यह पता लगाने की कोशिश की गई कि वह गुप्त मार्ग कौन हैं? हमें एक नशे में धुत्त व्यक्ति मिले। वह लॉटरी पर काम करती हैं। रोज जब घर जाते हैं तो शाम को देसी शराब पीते हैं। आपसे अनुरोध है कि चाचा हम लोग शराब की दो बोतलें लेने के लिए कैमूर जा रहे हैं, बताएं कैसे? वह नशे में झूम रहे थे, कहा कि 10 रुपये दो, मैं साथी चार रास्ते बताता हूं। हमने दे दिया। उन्होंने हमें जो 4 रास्ते बताए, उनके अर्थ हैं।

बिहार सीमा पर कच्चे मकानों में शराब बनाने वाले लोग।

बिहार सीमा पर कच्चे मकानों में शराब बनाने वाले लोग।

पहला रास्ता: करमनासा नदी के किनारे से होते हुए रेलवे लाइन से बिहार में इंटरेक्शन किया जा सकता है। दूसरा: बाइपास से उतर कर रेलवे स्टेशन के अंदर जा सकते हैं। तीसरा: नौबतपुर के रास्ते होते हुए नदी पर बने छोटे पुल से। चौथा रास्ता: देर शाम कैमूर जाने वाली सरकारी बस से चोरी-छिपे जा सकते हैं। ‘चौथा रास्ता शूटिंग थोड़ा जोखिम भरा है… क्योंकि कभी-कभी पुलिस बस में असाइनमेंट करती है।’

अब सवाल यह है कि जिन क्रिएटिव पर पुलिस स्टॉक होता है वहां क्या लोगों को पकड़ा जाता है? इसका उत्तर हां है। यहां पुलिस बाहरी लोगों को बुलाती है, तो पकड़ लेती है। लेकिन स्थानीय लोगों के पास ग़रीबों की पकड़ नहीं है। कई बार ऐसा होता है कि यहां से तो नशे में कोई व्यक्ति निकल जाता है लेकिन बिहार में वह पकड़ में आ जाता है। वहां शराब पीने पर भी किफायती दाम मिलता है।

  • यहां तक ​​हम नौबतपुर की कहानी जानते हैं। अब वहां से पार संबंधित शराब, पुलिस की भूमिका, अब तक बरामदगी और रोकथाम के लिए जा रहे प्रयास को जानते हैं।

सब्जी…ईंट लकड़ी की भट्टी से बिहार में बनाई जाती है अवैध शराब
नौबतपुर का यह मनोहर शहीदराजा स्टेट के अंतर्गत आता है। हम सीमा से लौटकर शहीदराजा थाना क्षेत्र। मंदिर के अंदर और बाहर खंडहर होलाख स्टेक मिली। इसमें एड्रेस शेयर धारकों के नीचे पकड़ बनाई गई थी। हमने सिपाही जय प्रकाश सिंह से बात की। जय प्रकाश कहते हैं, “हमारे थाने पर एक साल में सबसे ज्यादा शराबखोरी की अफवाहें नौबतपुर सीमा के पास से मिली हैं। नए-नए वारंट से शराब ले जाते हैं। लेकिन पुलिस के दावे पर ये पकड़ें मिल जाती हैं।”

20 जुलाई 2023 को नौबतपुर के पास 261 लीटर अवैध शराब और 36 लीटर बीयर पकड़ी गई थी।  ये तस्वीर एक ही टीचर की है.

20 जुलाई 2023 को नौबतपुर के पास 261 लीटर अवैध शराब और 36 लीटर बीयर पकड़ी गई थी। ये तस्वीर एक ही टीचर की है.

“जुलाई में चंदौली के बबुरी थाना क्षेत्र से नौबतपुर सीमा पर स्थित बिहार में एक ट्रक खींचा गया। वहीं, 14 अगस्त को नौबतपुर के पास सब्जी की टोकरी से बनी मैजिक गाड़ी में बिहार जा रही अवैध शराब की तस्करी हो गई। ”

नौबतपुर और बिहार सीमा पर शराब बंदी के ज्यादातर मामले चंदौली के शहीदाराजा थाने पर आते हैं। दो अक्टूबर 2023 को शहीदराजा पुलिस ने शराब माफियाओं से 30,000 लीटर अवैध शराब और बीयर रोड से बरामद कर जब्त कर लिया। चंदौली पुलिस ने 1 साल के अंदर 56 अलग-अलग मामलों में शराब की इस भारी भरकम बोतल को जब्त किया था। इसमें 50% केस नौबतपुर सीमा के पास थे।

  • यहां रुकते हैं। खबर में आगे बढ़ने से पहले यूपी-बिहार सीमा पर अपराधी गए कुछ दस्तावेज मामले पर नजर डालिए…

यूपी-बिहार सीमा पर शराबबंदी के लिए महिलाओं की लड़ाई
चंदौली जिले में बिहार सीमा पर शराबबंदी के लिए महिलाओं ने बड़ी उत्सुकता जताई है। जिले के वन भीष्मपुर, धोधरपुर और नौबतपुर की महिलाएं अक्सर शराबबंदी के लिए आंदोलन कर रही हैं। इस कोशिश से पता तो नहीं चलेगा लेकिन पुलिस की सुविधा जरूर मिलेगी।

चंदौली के वनभीशनपुर की लीलावती कहती हैं, “पहले गांव में शाम ढलते ही सड़क किनारे बने थेकों पर शराबियों का जमघट लगना शुरू हो गया था। रास्ते से और टनों का आना-जाना तक मुश्किल हो गया था। शराबियों की मुक्ति के लिए इलाके की महिलाओं ने छजाम आंदोलन शुरू किया। 5 से 6 गांव की महिलाएं इकट्ठी हुईं…थेके के सामने प्रदर्शन हुआ। रास्ते पर छलावा जाम हो गया तो सलाह रुक गई। हमारे प्रदर्शन की सूचना पुलिस के मुद्दे पर सलाह और प्रतिभागियों को दी गई। शराबियों का आतंक कम हो गया।”

चंदौली के वनभीषणपुर में इलाक़ा बंद गैंग की महिलाओं के लिए जाम।

चंदौली के वनभीषणपुर में इलाक़ा बंद गैंग की महिलाओं के लिए जाम।

नौबतपुर सीमा के पास अलीपुर इलाके में महिलाओं ने शराब की दुकानें लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। पटपरा गांव में देसी और अंग्रेजी शराब की दुकान पर 50 महिलाओं की टिप्पणी। दुकान के लॉक पैकेज में शामिल बची हुई शराब से भरी सैकड़ों बोतलों को सड़क पर पटक कर तोड़ दिया गया। बाद में पुलिस ने मशीनरी पर नियंत्रण स्थापित किया।

  • अब पुलिस की कार्रवाई चल रही है…

बिहार सीमा से स्टेट स्टेट सेंसटिवा, हमेश की टीम बनी हुई है
चंदौली पुलिस के मुताबिक, साल 2022-23 के दौरान यूपी-बिहार सीमा के करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये की अवैध शराब की बरामदगी हुई है। शिक्षकों के लिए यहां पूरी जीटी रोड समेत नौबतपुर सीमा पर 24 घंटे चेक पोस्ट सक्रिय हैं।

चंदौली के एस.पी. विनय कुमार सिंह ने हमारे शराब भंडार को लेकर बात की। वह कहते हैं, “देखिए नौबतपुर सहित बिहार सीमा के पास भी दर्ज कर लीजिए। वह लीगल तरह से चल रहे हैं। जा रही है तो यह गलत है। टाइम-समय पर हमारी एजेंसी टीम इस पर एक्शन भी रखती है। डेज में एक साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध शराब जब्त की गई है।”

“बॉर्डर एरिया में शराब बंदी के लिए हमने वैलिडिटी की लिस्ट तैयार की है। जहां से डॉक्यूमेंट्री के सबसे बड़े मामले मिले। इसमें थाना सैय्यद राजा, थाना कंदवा और बबुरी थाना में अभियान नियमित क्षितिज और सीमांत बिहार जाने वाले सामुहिक की।” मिश्रण होता है। बॉर्डर पर सरकारी टेककों के आस-पास में हमेशा पुलिस की यूनिट रहती है, जो संदिग्ध लोगों पर लगातार नजर रखती है।”

  • अब बॉर्डर पर स्टॉक के अजीबो-गरीब पैटर्न के बारे में जानते हैं…

बिहार में पिछले 7 साल से सबसे ज्यादा समय से शराबबंदी लागू है। यूपी से बिहार में शराब पार्टी पर रोक के लिए सरकार ने जताई नाराजगी। वहां कहीं भी बड़े पैमाने पर टेलर्स ने नए तरीके की खोज की है। कभी शराब को नारियल का पानी बनाया जाता था। कभी गैस लड़की में छिपीकर शराब की हकीकत बताई जाती थी।

  • आख़िर में चंदौली की ये खबर भी पढ़ें…

जिस जाति का सीएम उसी जाति के अधिकांश थानेदार:

कानपुर से बिहार के लिए एक ट्रक चलाओ। ट्रक में बोरियां लादी थी। पहली नज़र में लगता है कि चावल या टुकड़े होंगे। यूपी-बिहार सीमा से पहले तैनात जवानों को शक हुआ। उन्होंने आगे कहा कि एस्किट्स पुलिसवालों को सूचना दी गई है कि ट्रक संदिग्ध लग रहा है। आगे के साथियों ने रुकवा लिया। जांच में पता चला कि ऊपर दिखाए गए बोरियांवे के लिए रैक हैं, अंदर 30 से ज्यादा गोवंश हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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