मोइत्रा के खिलाफ जांच की मांग करने वाले दुबे के पत्र का वैष्णव ने जवाब दिया | निशिकांत कश्यप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- ये धर्म युद्ध की शुरुआत

नई दिल्ली29 मिनट पहले

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी ने मंगलवार को भाजपा न्यूनतम निशिकांत दुबे की चिठ्ठी पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) में पैसे लेकर प्रश्नपत्र के कागजात की जांच करने में जापानी मोइत्रा को पूरा सहयोग मिलेगा।

इसके बाद निशिकांत जोसेफ ने वैष्णव के जवाब की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसे धर्म युद्ध की शुरुआत के बारे में बताया। उन्होंने लिखा- देश की सुरक्षा को एक न्यूनता के लोभ ने खतरे में डाल दिया। रावण दहन व दुर्गा माता के कलश व विसर्जन के बाद धर्म युद्ध की शुरुआत। ये राजनीति से ऊपर…पक्ष-विपक्ष का नहीं, देश की सुरक्षा, अखंडता का सवाल है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निशिकांत दुबे के पत्र का उत्तर इस चिठ्ठी कार्यालय में दिया।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निशिकांत दुबे के पत्र का उत्तर इस चिठ्ठी कार्यालय में दिया।

यूक्रेनी बोलीं- सबसे पहले की जांच कब होगी
वहीं, किशोर मोइत्रा ने कहा कि वे वैष्णव के पत्र पर जो जवाब देते हैं, वह हैरान करने वाला है। उन्होंने एक्स पर लिखा- अश्विनी वैष्णव ने डिग्री वाले को चिठ्ठी लिखी है कि मेरे खिलाफ जांच में समर्थन मिलेगा। मैं अब तक इंतजार कर रहा हूं कि पिछले साल जब फर्जी तरीके से अपने बच्चों के साथ अवैध तरीके से एयरपोर्ट के एटीसी रूम में घुसे गए थे, गृह मंत्रालय और नागरिक उद्योग मंत्रालय इसकी जांच कब करेगा। बीजेपी के हिट जॉब की परतें खुल रही हैं।

वैष्णव ने पत्र में लिखा- सज्जन ने अहम् मुद्दा उठाया
निशिकांत जैन के पत्र के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने लिखा है कि नेशनल फॉरमेटिक्स सेंटर में जो इंस्टीट्यूट सेस्टर लोग रहते हैं, वे एनआईसी पर ही काम करते हैं। सेवा प्रदाता के तौर पर एनआईसी भारत सरकार की कई शिकायतों पर आईटी सेवा प्रस्ताव का काम करता है।

उद्यमों और वेबसाइट से जुड़े मामले उन छात्रों के अनुभवों में शामिल हैं, जो समुद्र तट पर रहते हैं। नोजम वेबसाइट के मामले में नोवेमा सेक्रेटेरिएट एनआईसी से 1000000000000000 से नीचे नोवोसायटी इंजीनियरों के अंतर्गत आता है। जो भी जारी करें आपके पास अपने पत्र में सामान हैं, वे निश्चित रूप से बहुत सारे सामान हैं।

आपके पत्र में जो मामला सामने आया है, ओबीसी की एथिक्स कमेटी उसकी जांच कर रही है। इस मामले में एनआईसी सेक्रेटेरियट की तरफ से जो निर्देश दिया गया, एनआईसी ने तुरंत उसका पालन किया। एथिक्स अपनी समिति की जांच में एनआईसी पूरा सहयोग देवी।

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