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- मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना ने मील का पत्थर हासिल किया: 100 किलोमीटर वायाडक्ट, 250 किलोमीटर घाट का निर्माण पूरा हुआ
नई दिल्ली19 मिनट पहले
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![सबसे पहले सनातनी ट्रेन साल 2022 तक फिर से शुरू होने की बात कही गई थी। फिर इसे संशोधित किया गया 2023। अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/24/news-image-2023-11-24t022017012_1700773529.jpg)
सबसे पहले सनातनी ट्रेन साल 2022 तक फिर से शुरू होने की बात कही गई थी। फिर इसे संशोधित किया गया 2023। अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है।
भारत की पहली तीर्थयात्री ट्रेन मुंबई से मैसूर के बीच। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी कवि शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2017 को अचानक इस प्रोजेक्ट का आविष्कार किया था।
इस प्रोजेक्ट का नाम मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्कॉय रेल गैलरी रखा गया है। प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम चालू है। 100 किलोमीटर का पुल तैयार हो चुका है और 250 किलोमीटर तक पुल बनाया जा चुका है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को साक्षिक ट्रेन प्रोजेक्ट की झलक वाला एक वीडियो साझा किया। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी भी साझा करें।
गार्डर्स की मदद से 100 किमी तक वायडॉट का निर्माण पूरा हुआ
नेशनल हाई-स्टेटिक रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के मुताबिक, डायरैक्शन प्रोजेक्ट के तहत 40 मीटर लंबे फुल स्पैन बॉक्स गार्डर्स और स्केलेबल गार्डर्स को मिलाकर 100 किमी तक वायडॉट का निर्माण किया जा रहा है। वायडॉट एक पुल जैसा दिखता है जो दो पिलर को सम्मिलित करता है।
इस परियोजना के तहत गुजरात के सिक्स रिवर पार (वलसाड), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगानिया (नवसारी जिला) पर पुल का निर्माण हो रहा है। ।।
गुजरात में पहली बार सुरंग तोड़ने का काम भी पूरा
गुजरात के वलसाड जिले में 350 मीटर लंबाई का पहला स्टील पुल गुजरात के सूरत जिले में बनाया गया है। यह 28 स्टील पुलों में से पहला है जो मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्टेट रेल ग्राउंड (MAHSR) का हिस्सा होगा।
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प्रशिक्षु प्रोजेक्ट की कास्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए
मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली ऐतिहासिक ट्रेन 508 किमी की यात्रा तीन घंटे में तय होगी। अभी दुरंतो दोनों शहरों के बीच का सफर साढ़े पांच घंटे में तय होता है। प्रशिक्षु प्रोजेक्ट की कास्ट 1.08 लाख करोड़ रुपये है। यह परियोजना मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) की कंपनी है।
12 स्टेशन, 350 किमी प्रति घंटे की स्पीड, 3 घंटे का सफर
- मुंबई-अहमदाबाद रूट पर साइंटिस्ट ट्रेन की मैक्जिम स्पीड 350 किमी/घंटा होगी। अभी यहां नामांकित ट्रेन से दूरी 7-8 घंटे की है।
- अगर सनातन ट्रेन 12 घंटे की रेलवे यात्रा पर निकलेगी तो 3 में 508 किमी की यात्रा पूरी होगी। यानी एवरेज स्पीड 170 किमी/घंटा होगी।
- अगर 4 ही हिंदुस्थानी मुंबई, कराची, सूरत और वड़ोदरा पर ट्रेनें चलती हैं तो दो घंटे में यात्रा पूरी कर सकते हैं। ऐसे में एवरेज स्पीड 254 किमी/घंटा होगी।
- इस रूट पर 12 स्टेशनों पर मुंबई, ठाणे, विरार, भोइसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भडूच, वडोदरा, आणंद, आणंद, साबरमती हो सकते हैं। इनमें मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड होगा।
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पुरातन ट्रेन का 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा
- 508 किमी रूट में से 351 किमी हिस्सा गुजरात और 157 किमी हिस्सा महाराष्ट्र से गुजरात। कुल 92% यानी 468 किमी लंबी फिल्में लाइव देखी गईं।
- मुंबई में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। 25 किमी का रूट नेटवर्क से गुजरेगा। 13 किमी जमीन पर होगा। ऐतिहासिक ट्रेन 70 हाईवे, 21 नदी पार स्टेशन। 173 बड़े और 201 छोटे पुल।
- शुरुआत 10 कोच वाली 35 रिकॉर्ड्स से होगी। ये ट्रेनें रोजाना 70 फेरे की दूरी तय करती हैं। एक ऐतिहासिक ट्रेन में 750 लोग बैठे। बाद में 1200 लोगों के लिए 16 कोच हो गए। 2050 तक इन स्टॉक्स की संख्या 105 करने का प्लान है।
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पहली दीक्षा ट्रेन 2026 में शुरुआत
सबसे पहले सनातनी ट्रेन साल 2022 तक फिर से शुरू होने की बात कही गई थी। फिर इसे संशोधित किया गया 2023। इसके बाद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट में भारत को जापान से मदद मिल रही है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, सूरत से बिलिमोरा के बीच पहली साधु ट्रेन की नींव रखी गई है। ऐसा होता है भारत के 15 देशों के एलीट क्लब में शामिल, जहां के पास है हाई स्टेट इंटरनैशनल ट्रेन नेटवर्क।
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अभी साओडियन देश की पहली ऐतिहासिक ट्रेन…पार्ट-1:गुजरात में करीब 40% काम पूरा, महाराष्ट्र में करीब 15% काम हुआ
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/24/ground-report-bullet-train-story1-cover-1168656186_1700773448.gif)
गुजरात का आनंद शहर, यहां के उत्तरसांडा रेलवे स्टेशन से 600 मीटर दूर एक गाड़ी तैयार हो रही है। यहां बन रहा है देश का पहला हाई स्टेक्रेटिक ट्रेन का स्टेशन। गुजरात में साबरमती और झील के बाद ये तीसरा स्टेशन होगा। पहले आईसीएस का जिक्र इसलिए क्योंकि पूरे प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा 55% काम हुआ है। पढ़ें पूरी खबर…