मीडिया ट्रायल पर बोले बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस पीडी नाइक- हम मीडिया से प्रभावित नहीं होते | जजों का काम साक्ष्य दृश्य; मीडिया को मुकदमे के फैसले सुनाने का अधिकार नहीं

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पणजी30 मिनट पहले

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जस्टिस प्रकाश डी नाइक का कहना है कि मीडिया के बारे में लोगों में यह धारणा बन गई है कि वह मामलों में बहुत ज्यादा प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसी भी केस के कोर्ट में पहुंच से पहले ही फैसला दे दिया जाता है, लेकिन कोई भी जज मीडिया से प्रभावित नहीं होता है।

बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस पीडी नाइक शनिवार 7 अक्टूबर को गोवा के मडगांव में जीआर करे कॉलेज ऑफ लॉ में एक दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।

जज का काम साक्ष्यों को देखना, मीडिया ट्रायल नहीं
जस्टिस नाइक बोले- आम जनता का कहना है कि मीडिया आजकल किसी सेलेब्रिटी के प्रचार को बढ़ावा दे रहा है या उस पर कोर्ट केस से पहले ही फैसला सुनाने में लगा हुआ है। कभी-कभी तो कोर्ट में जाने से पहले गवाहों का इंटरव्यू लिया जाता है। लेकिन मीडिया इस हद तक नहीं जा सका।

जस्टिस नाइक ने कहा- बार-बार ऐसा कहा जाता है कि मीडिया की संभावनाओं पर असर पड़ रहा है। लेकिन जहां तक ​​मेरा सवाल है मैं हमेशा तथ्य पर ही रहता हूं। ​हर जज को इसे अपनाना चाहिए कि कोर्ट के सामने क्या सबूत मांगे गए हैं। साथ ही प्रोसीक्यूशन ने किसी भी मामले को कैसे साबित किया है। इसलिए जजों को मीडिया से प्रभावित नहीं होना चाहिए।

विचारधारा के दिनों के किस्से भी सुनाए
जस्टिस नाइक मूल रूप से गोवा में रहने वाले हैं। बाद में काम के लिए वे मुंबई चले गए। उन्होंने अपने विचारधारा के दिनों को याद करते हुए बताया कि जब उन्होंने अभ्यास शुरू किया था, तब विचारधारा के उथल-पुथल को महत्व नहीं दिया गया था। तब लोग दिखते थे कि यह जादुई नहीं है।

न्यायमूर्ति नाइक ने बताया कि उन दिनों घर पर उनका टेलीफोन नहीं था, इसलिए वे अपने मुवक्किलों को कॉल करने के लिए सार्वजनिक बूथ पर जाते थे। इसी बीच एक बार बूथ के एक अटेंडेंट ने पूछा कि इस मंदी में दर्द क्या है? यही कानूनी बाध्यता के बारे में जनता की धारणा है।

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