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- मिजोरम विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भगवान के नाम पर मांग रहे हैं वोट
आइजोलकुछ ही क्षण पहले
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40 विधानसभा वाले मिजोरम में 7 नवंबर को वोट के लिए चुनावी प्रचार जोरों पर हैं। मिजोरम में लगभग 90% ईसाई आबादी एक बड़ी भर्ती है। मिजोरम चुनाव में ऐसे कई दावेदार सामने आए हैं, जो भगवान के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
ऐसी कई कहानियां गढ़ी गई हैं कि ईश्वर अपने सपने में आए थे, और उन्हें चुनाव में खड़ा होने का आदेश दिया है ताकि वो राजनीति में शामिल हो जाएं, क्योंकि वो राजनीति में शामिल हो गए हैं।
- हरांगतुर्जो सीट से चुनाव लड़ रहे डॉ. जचावना हल्वांडो 2012 में ब्रिटेन में पादरी का काम ठीक करके अपने गृह राज्य मिजोरम वापस आ गए थे। उनका दावा है कि मिजोरम को एक ‘ईश्वरीय राज्य’ बनाने के लिए एक दिव्य संदेश प्राप्त हुआ था, इसलिए वे चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं। वे पिछली बार भी चुनाव लड़े और हार गए।
- जयावना की दोनों बेटियां भी इस बार चुनाव लड़ रही हैं। 33 साल लालहिलजेली आइजोल वेस्ट-3 सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनका कहना है कि मैंने बर्मिंघम में शादी कर ली। मैं भगवान के वचनों का पालन करने के लिए मिजोरम में चुनाव लड़ता हूं।
- जचावना की दूसरी बेटी लालरुआतफेली (31 वर्ष) का भी दावा है कि ईश्वरीय संदेश के बाद वे आइजोल नॉर्थ-1 और आइजोल ईस्ट-1 दो प्राइमरी से चुनावी मैदान में हैं।
मिजोरम के चुनाव में ऐसे संतों की उपस्थिति का पहले भी आकलन किया गया है, अनुयायियों से भविष्यवाणी की गई थी, कि कौन सी पार्टी चुनाव जीतेगी। हालांकि इनमें से ज्यादातर फ्यूचरवानियां कभी पूरी तरह से नहीं देखी गईं। आइजोल वेस्ट-1 से 35 साल के वनलालवेना छात्र के तौर पर खास तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। उनका कहना है कि मैं राज्य को खत्म करने की दिशा में काम करूंगा।
मिजोरम विधानसभा के 40 यात्री हैं। बहुमत 21 का उद्देश्य है।
पार्टी | 2018 में निशानों का निशान | नवीनतम |
एमएनएफ | 26 | 28 |
कांग्रेस | 5 | 5 |
भाजपा | 1 | 1 |
अन्य | 8 | 6 |
एक चिंता जो वोट न दे की अपील कर रही है
एक ऐसा दावेदार भी है, जो लोग वोट न देने के लिए कह रहे हैं। सेरचिप इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से चुनावी लड़ाई में रामहलुन एडेना मूल रूप से स्थिर भारतीय लोकतांत्रिक डेमोक्रेट के तहत विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जो उनके विश्वास के अनुसार दैवीय के खिलाफ आदेश देता है।
मिजोरम में आचार संहिता की केवल 5 धाराएं
मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान हो रहा है, लेकिन अब तक आचार संहिता का उल्लंघन करने पर केवल 5 वोट पड़े हैं। ये किसी भी चुनाव में सबसे कम मामले हैं। मिजोरम के मुख्य चुनाव अधिकारी मधुप व्यास का कहना है कि यहां आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं होता है।
सीएम जोरमाथांगा सत्ता विरोधी लहर को मानते हैं
मिजोरम के सीएम और मिजो नेशनल फ्रंट के प्रमुख जोरमाथांगा का मानना है कि कुछ देशों में सत्य विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि हमने कोरोना महामारी के दौरान और बाद में जिस तरह से लोगों के लिए काम किया है वह तय है कि एमएनएफ की वापसी होगी।