मानवाधिकार दिवस 2023; जगदीप धनखड़, अरुण मिश्रा | दिल्ली भारत मंडपम | यह देश का नया जानवर है; एनएचआरसी अध्यक्ष ने कहा-साहित्य से सहानुभूति अधिकार को बड़ा नुकसान

  • हिंदी समाचार
  • राष्ट्रीय
  • मानवाधिकार दिवस 2023; जगदीप धनखड़, अरुण मिश्रा | दिल्ली भारत मंडपम

नई दिल्ली36 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
हर साल 10 दिसंबर को दुनिया भर में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।  - दैनिक भास्कर

हर साल 10 दिसंबर को दुनिया भर में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

पूरी दुनिया में मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। असमंजस की स्थिति है। ईसाई धर्म से सहानुभूति रखने वालों का बड़ा नुकसान है। इसलिए हमें आतंक का महिमामंडन नहीं करना चाहिए।

ये बात नेशनल मैन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने कही। वे मानवाधिकार दिवस पर भारत पैगाम में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित थे। 2023 में मानवाधिकारों के यूनिवर्सल डिक्लेरेशन की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया गया।

इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कॉर्डिनेटर शोम्बी शार्प और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हमारी सभ्यता, लोकाचार और संवैधानिक संवैधानिक मानवाधिकारों की सुरक्षा और उनके पालन के लिए हमारी प्रतिबद्धता जरूरी है। यह हमारा डीएनए में है।

जस्टिस अरुण मिश्रा के बयान की बड़ी बातें…

  • मानवाधिकारों के यूनिवर्सल डिक्लरेशन में ऐसी कई आदर्श बातें शामिल हैं, जो भारतीय मूल्य सूचकांक-जुलती हैं।
  • डिजिटल नेटवर्क ने लाइव के तरीके बदले हैं। इंटरनेट उपयोगी है, लेकिन यह नफरत फैलाने वाला संदेश, फेसबुक न्यूज फैला हुआ है।
  • इंटरनेट निजता का उल्लंघन करता है और डेमोक्रेटिक सहयोगियों को धोखा देता है।
  • गलत वर्गीकरण से उपयोग करने पर पोटेशियम में विभाजन को बढ़ावा दिया जा सकता है और मानवों को नुकसान हो सकता है।
  • महिलाओं एवं बच्चों को सतत विकास केंद्र में रखा जाना चाहिए।

जगदीप धनखड़ के भाषण की बड़ी बातें…

  • कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, आप चाहे जो भी चाहें क्यों न हों, कानून हमेशा आपके ऊपर है, यह देश में नया गैर-कानूनी है।
  • प्रस्तावना से मिलने वाली मुफ़्त की रेवड़ी के लिए समाज में अंधी दौड़ है, लेकिन ये खर्चा संगम को बढ़ावा देता है। जेब को नहीं बल्कि इंसानी दिमाग को मजबूत बनाने की जरूरत है।
  • मानवाधिकार दिवस हमारे अमृत काल के साथ चल रहा है। हमारा अमृत काल मुख्य रूप से मानवाधिकारों और नोटों के खिलने के कारण हमारा गौरव काल बन गया है।
  • जब राजकोषीय संरक्षण में मानव आरक्षण होता है तो मानवाधिकारों का लाभ मजबूत होता है।
  • फ़्लॉपी और उत्तरदेह शासन, एक नया पिछड़ा वर्ग, मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए गेम चेंजर है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *