महाराष्ट्र मराठा आरक्षण आत्महत्या केस अपडेट | अमित शाह | महाराष्ट्र सरकार समिति की 24 दिसम्बर की रिपोर्ट देवी; उत्तराखंड के नेता बोले- सरकार का विरोध

मुंबई2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
30 नवंबर 2018 को महाराष्ट्र सरकार ने 16 प्रतिशत राष्ट्रीय राजधानी बिल पास किया था।  हालाँकि सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी।  - दैनिक भास्कर

30 नवंबर 2018 को महाराष्ट्र सरकार ने 16 प्रतिशत राष्ट्रीय राजधानी बिल पास किया था। हालाँकि सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी।

महाराष्ट्र में नागालैंड की मांग को लेकर शुक्रवार को 2 और लोगों ने स्टॉल कर ली। पुलिस ने बताया कि बीड़ जिले के शत्रुघ्न काशिद और उस्मानाबाद जिले के बलिराम देवीदास साबले ने आत्महत्या कर ली है। राज्य में पिछले 9 दिनों में अब तक 11 लोग अपने जाने दे चुके हैं।

राष्ट्रीय राजधानी के नेता मनोज जारांगे ने शुक्रवार को राज्य सरकार से कहा कि वे पूर्वोत्तर के विरोध में हैं। महाराष्ट्र में नागालैंड की मांग लंबे समय से बनी हुई है। शिंदे सरकार ने 7 सितंबर को नागपुर नाइट पर एक समिति बनाई, जिसका नेतृत्व जज संदीप शिंदे कर रहे हैं। समिति की रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन 24 दिसंबर कर दी गई है।

निधन से पहले नागालैंड के समर्थन में नारे लगाए गए

मराठा नेता मनोज जारांगे से शत्रुघ्न काशिद की बात करना चाहते थे।

मराठा नेता मनोज जारांगे से शत्रुघ्न काशिद की बात करना चाहते थे।

बीड़ जिले के अंबाजोगई तहसील के रहने वाले 27 साल के शत्रुघ्न काशिद शुक्रवार की रात करीब साढ़े 11 बजे पानी की मंजिल पर चढ़ गए। उन्होंने दो घंटे तक मनोज चिल्लाएंगे और नटखट के सपोर्ट में नारे लगाए। वो शहीद हो रहा था. जारांगे ने काशिद से बातचीत पर भी लोगों को दी जानकारी। पुलिस ने उसे भी मारने की कोशिश की।

कुछ देर बाद काशिद ने पानी की मंजिल से कुदकर अपनी जान दे दी। इसके बाद सुबह लोगों ने काशिद के शव शिवाजी की मूर्ति के पास सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। 5 राजस्थान और बारामती क्रांति मोर्चा ने भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि यहां नेता नहीं हैं।

पारंपरिक न मिलने से बेहतर है कि हम आत्महत्या कर लें

बलिराम देवीदास साबले ने पूर्वोत्तर तट से अपनी जान दे दी।

बलिराम देवीदास साबले ने पूर्वोत्तर तट से अपनी जान दे दी।

साझेदार का दूसरा मामला उस्मानाबाद जिले के परांडा तहसील के डोमगांव का है। 47 साल के किसान बलिराम देवीदास साबले ने शुक्रवार को अपने खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार के मुताबिक, सबले शुक्रवार सुबह अपने पड़ोसियों के साथ रात के खाने पर बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने अपने स्टॉक धारकों से कहा कि राजधानी से न मिलने से बेहतर है कि हम आत्महत्या कर लें। इसके बाद सबले सुबह 10 बजे अपने घर से निकले। दो बजे तक जब वे घर नहीं गए तो उनकी पत्नी हीराबाई ने उन्हें खेत की ओर से खोज लिया। जब उन्होंने अपने खेत में समुद्र तट देखा तो उन्होंने साबले का शव पेड़ पर लटका दिया।

राष्ट्रीय राजधानी पर उचली भाजपा, शाह ने कायमी कमान

अविश्वासी अमित शाह नागालैंड के मामले की खुद निगरानी कर रहे हैं।

अविश्वासी अमित शाह नागालैंड के मामले की खुद निगरानी कर रहे हैं।

2024 लोकसभा चुनाव में अभी 6 महीने बाकी हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में नासिक की मांग को लेकर चल रही प्रदर्शन के लिए बीजेपी मुसीबत बन गई है। हालांकि, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने विदर्भ में मराठाओं को कुनबी (ओबीसी) जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की पहल की, लेकिन यहां पार्टी का मजबूत ओबीसी वर्ग तैयार हो गया है।

डेमेज कंट्रोल के लिए खुदमिशाल अमित शाह निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम आदिवासियों के साथ बैठक की। मूल का कहना है कि इसमें यह कहा गया है कि जिस तरह का एक तानाशाही और कानूनी प्रतिबंध है, उसमें मराठों को शामिल करना संभव नहीं है।

पहले यह प्रयास किया गया था कि मराठा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाए, ताकि उन्हें ओबीसी विशिष्टता का लाभ मिल सके, लेकिन इससे पहले मराठा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाए। उल्टा विदर्भ का ओबीसी समुदाय भड़क गया। कंधार में भाजपा न्यूनतम का काफिला पहुंचा तो उस पर पलटवार किया गया।

शिंदे-फननवीस सरकार की मांग को लेकर पिक्चर पर बैठे मनोज जारांगे के साथ बातचीत हो रही है।

शिंदे-फननवीस सरकार की मांग को लेकर पिक्चर पर बैठे मनोज जारांगे के साथ बातचीत हो रही है।

राज्य में मराठी पुस्तिका का गणित
भाजपा विदर्भ में ओबीसी जनाधार के बूटे मजबूत हैं। राज्य की 48 सीटों में से 11 ऐसे इलाकों में हैं और बीजेपी 10 पर प्रवेश करती है। राज्य की 288 विधानसभा में 62 समान क्षेत्र शामिल हैं।देवेंद्र आप जब सीएम थे तो 2018 में उन्होंने मराठों को 16% की छूट की व्यवस्था की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में इसे खत्म कर दिया। साथ ही, इस अप्रैल वर्ष में इस मामले में नामांकन दाखिल-खारिज भी रद्द कर दिया गया।

और खबर पढ़ें…

महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आंदोलनकारियों से वाम मोर्चा:फडणवी बोले- जालना में जो हुआ वह निजीकरण

महाराष्ट्र सरकार ने जालना जिले में आंध्र प्रदेश के उग्रवादियों की मांग कर रहे आंदोलनकारियों को शुक्रवार, 1 सितंबर को लाठीचार्ज की छूट दी है। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *