मराठा आरक्षण पर मनोज जारांगे ने छगन भुजबल को दी चेतावनी | चेतावनी की चेतावनी- 10 फरवरी से फिर पोस्ट करेंगे: नासिक में कहा- भुजबल बाधा डालते रहे तो मंडल आयोग को भी चुनौती देंगे

मुंबई1 मिनट पहले

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महाराष्ट्र सरकार ने 27 जनवरी को मनोज को रेस्टॉरेंट की कॉपी दी थी, जिसे 16 फरवरी तक स्क्रिबलियन को छुट्टी दे दी गई थी।  - दैनिक भास्कर

महाराष्ट्र सरकार ने 27 जनवरी को मनोज को रेस्टॉरेंट की कॉपी दी थी, जिसे 16 फरवरी तक स्क्रिबलियन को छुट्टी दे दी गई थी।

राष्ट्रीय राजधानी का नया चेहरा सामने आने पर एक्टिविस्ट मनोज जारांगे ने महाराष्ट्र के मंत्री ओबीसी नेता छगन भुजबल को चेतावनी दी है। मनोज ने कहा कि अगर वे मराठा समुदाय के लिए जादू जा रहे हैं, तो नीतीश की राह में बाधाएं पैदा हो जाएंगी, तो मनोज मंडल आयोग को चुनौती दे देंगे।

मनोज ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने पहले से ही खुद को कुनबी समुदाय का प्रस्ताव दिया था, अगर सरकार ने उन्हें समाजशास्त्र की सदस्यता लागू नहीं की, तो वह 10 फरवरी से नए मंत्रालय से भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।

मनोज बोले- अगर परेशानी हो तो हमारा धैर्य खत्म हो जाएगा
मनोज निसाक में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भुजबल पर सबसे ज्यादा जोर देते हुए कहा- जैसे आपके बेटे-बेटियां हैं, वैसे ही हमारे भी हैं। हम मंडल कमीशन को चुनौती नहीं देना चाहते। तुम भी जियो और हमें भी जिओ दो, लेकिन अगर हमारे नवाचार के रास्ते में बाधाएं पैदा हुईं, तो हमारा धैर्य खत्म हो जाएगा और हमें मंडल आयोग को चुनौती देनी होगी।

भुजबल ने पिछले दिनों चेतावनी दी थी कि अगर किसी के साथ अन्याय हुआ तो वह छुट्टी दे देंगे। इस पर जारांगे ने कहा कि वे छोड़े गए लोगों में से नहीं हैं, बल्कि पदों के छोड़े गए लोगों में से हैं। वे जिस पार्टी में जाते हैं, उस पार्टी को तोड़ देते हैं।

छगन ने कहा था- बड़ी संख्या में विश्वियां बटुआ
महाराष्ट्र सरकार की सदस्यता के बाद छगन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन, मराठा समाज को लेकर जो आश्वासन दिया गया है वह मुझे नहीं लगता कि कानून में बदली हुई धारा है। 16 फरवरी तक वैश्वियां को छुट्टी दे दी गई। मैं महाराष्ट्र के ओबीसी और अन्य जिलों के सभी शिक्षित लोगों से अपील करता हूं कि वे लाखों की संख्या में गरीबों के खिलाफ इस तरह का फैसला करें। ताकि सरकार को पता चले कि इसका दूसरा पक्ष भी है।

उन्होंने कहा कि ऑर्थोबिस्ट की मांग है कि उनके खिलाफ जो केस दर्ज किया गया है, उसे वापस ले लिया जाए। क्या किसी का घर जल गया है, तो कैसे वापस जा सकते हैं। ओबीसी समाज पर अन्याय हुआ है और मराठा समाज को फंसाया गया है।

10 फरवरी से फिर पोस्ट करेंगे जारांगे
​इस दौरान जारांगे ने उम्मीदवारों और राज्य सरकार को भी चेतावनी दी है। मनोज ने कहा कि 10 फरवरी के बाद वे किसी की बात नहीं सुनेंगे। जारांगे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर ऑनलाइन आवेदन नहीं हुआ है तो वह 10 फरवरी से आमरण व्रत उपवास करेंगे और इस बार यह आमरण व्रत उपवास करेंगे। उन्होंने कहा कि मराठा आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को रद्द करने की मांग भी पूरी नहीं हुई है।

आयोग मंडल की रिपोर्ट क्या थी
लगभग तीन दशक पहले मंडल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा और सरकारी बोर्ड में ओबीसी समुदाय के लिए पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर आरक्षण लागू किया गया था।

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27 जनवरी को मुंबई में सीएम शिंदे ने तुड़वाया था उपवास

27 जनवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्वोत्तर आंदोलन के नेता एम​नोज जरांगे से नई मुंबई में मुलाकात की। उन्होंने ज़रांगे को उनके पोस्ट को ख़त्म कर दिया और राँगारा आंदोलन से जुड़े ड्राफ्ट ब्रांड की कॉपी कॉपी की थी। आंदोलन ख़त्म होने के बाद ज़रांगे ने कहा था कि हम 4 महीने से नासिक में संघर्ष कर रहे थे।

मनोज का कहना था- ‘नाटक’ के लिए करीब 350 युवाओं ने आत्महत्या कर ली। आज उनका सपना साकार हो गया। अब सरकार पर राष्ट्रीय आवेदन करने की जिम्मेदारी है। अगर इस बार धोखा हुआ तो मैं मुंबई के आजाद मैदान और रेस्तरां में हूं। पढ़ें पूरी खबर…

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