मुंबई13 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
![मनोज ने 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक पद यात्रा शुरू की थी। 26 जनवरी को पदयात्रा मुंबई पहुंचने वाली थी। जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी थी। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/27/comp-2-21_1706320776.gif)
मनोज ने 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक पद यात्रा शुरू की थी। 26 जनवरी को पदयात्रा मुंबई पहुंचने वाली थी। जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।
महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के मुद्दे पर आंदोलनकारियों की मांगें मान ली हैं। मराठा आंदोलन के नेता एम नोज जरांगे पाटिल ने शुक्रवार (26 जनवरी) देर रात कहा कि ‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। हमारी अपील मान ली गयी है। हमारा विरोध अब ख़त्म हो गया। हम सरकार का पत्र स्वीकार करेंगे। ‘शनिवार (27 जनवरी) को सीएम के हाथ से ‘पी’ जाएंगे’
दरअसल, शुक्रवार को जरांगे ने शिंदे सरकार को शनिवार सुबह 11 बजे तक का अंतिम समय दिया था। उन्होंने कहा- अगर रात 11 बजे तक नीट का बैंड रिलीज नहीं हुआ, तो वे रात 12 बजे तक मुंबई के आजाद मैदान में प्रवेश आंदोलन करेंगे। इसके बाद शिंदे सरकार ने देर रात को बांड का ड्राफ्ट जरांगे के पास भेजा। इसमें ज़रांगे की शैतान का ज़िक्र है।
जारांगे का विरोध मार्च शुक्रवार को नवी मुंबई से वाशी तक पहुंचा। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों की टीम की ओर से रात करीब 10 बजे वाशी निरीक्षण और जरांगे से मुलाकात की गई। उन्होंने सीएम एकनाथ शिंदे से जरांगे की फोन पर बातचीत की। इसके बाद जारांगे ने कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें कुछ आवश्यक दस्तावेज़ सौंपे हैं।
![मनोज जरांगे ने 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक पद यात्रा शुरू की थी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/27/sdfwe_1706321224.jpg)
मनोज जरांगे ने 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक पद यात्रा शुरू की थी।
![जरांगे राज्य के नक्षत्रों को कुनबी समाज में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/27/fdfwerg_1706321231.jpg)
जरांगे राज्य के नक्षत्रों को कुनबी समाज में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
![जरांगे ने कहा था कि वे मुंबई से नाइट की मांग पूरा करवाकर ही लौटेंगे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/27/fgrtyh_1706321238.jpg)
जरांगे ने कहा था कि वे मुंबई से नाइट की मांग पूरा करवाकर ही लौटेंगे।
मनोज ने 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक पद यात्रा शुरू की थी। 26 जनवरी को पदयात्रा मुंबई पहुंचने वाली थी। जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।
जरांगे राज्य के नक्षत्रों को कुनबी समाज में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इससे संपूर्ण ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की श्रेणी में आएगी और विशिष्टता का लाभ ले सकेंगे।
बहस के माध्यम से विरोध प्रदर्शन का रूट समझिए….
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/20/2_1705756768.jpg)
पिछले आंदोलन में 29 लोगों की मौत हुई थी
इससे पहले 25 अक्टूबर 2023 को मनोज जरांगे ने जालना जिले के अंतरवाली सराय गांव में भूख हड़ताल शुरू की थी। मांग वही, मराठा समुदाय को ओबीसी का दर्जा दिया जाए। 9 दिनों में आंदोलन से जुड़े 29 लोगों की मौत हो गई।
इसके बाद राज्य सरकार के 4 मंत्री धनंजय मुंडे, संदीपन भुमरे, अतुल सावे, उदय सावंत ने जरांगे से मुलाकात कर भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की। उन्होंने स्थाई नेशनल लेबल का वादा किया। इसके बाद 2 नवंबर 2023 को मनोज जरांगे ने पद समाप्त कर दिया। साथ ही सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का समय।
हुक्मरान ने किया था अनोखा वादा
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि 2 नवंबर 2023 को विधानसभा सत्र 7 दिसंबर 2023 से शुरू होगा। इस सत्र में 8 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी पर चर्चा की जाएगी। जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने समुदाय को स्थायी नागरिकता देने का वादा किया है। उन्होंने इसके लिए कुछ समय मांगा है। हम सरकार को समय पर मिठाई बनाने के लिए देंगे। अगर सरकार तय समय में ताजा नहीं है तो 2024 में हम फिर मुंबई में आंदोलन करेंगे।
![2 नवंबर 2023 को राज्य सरकार की ओर से की गई प्रेस वार्ता के बाद मनोज जरांगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/02/66_1698935966.jpg)
2 नवंबर 2023 को राज्य सरकार की ओर से की गई प्रेस वार्ता के बाद मनोज जरांगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
सर्वदलीय बैठक में निर्णय-राष्ट्रीय राजधानी में नियुक्ति होनी चाहिए
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की 1 नवंबर 2023 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने इस बात पर सहमति जताई कि 1 नवंबर 2023 को राष्ट्रीय स्तर पर समाजवादी पार्टी को नया दर्जा मिलना चाहिए। इस बैठक में शरद समेत 32 वामपंथी नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद सीएम शिंदे ने कहा- यह फैसला लिया गया है कि नीट कानून के सदस्यों और अन्य समुदायों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। नटखट के लिए फास्ट पर बैठे मनोज जरांगे से अपील है कि वो पोस्ट खत्म हो जाए। हिंसा ठीक नहीं है.
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/19/1700405035_1705677289.jpg)
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/02/_1698876996.jpg)
ईसाई समुदाय के संप्रदायों को कुनबी सुपरमार्केट डिलीवरी के खिलाफ
मराठा समुदाय को अलग से अलग करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। इसके बाद मनोज जरंगे सहित कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानि कि मराठा समुदाय को कुनबी द्वारा प्रमाणित किया जाता है तो उसे मुलायम कोटे से लाभ मिलेगा।
अछूता राज्य में असमाप्त कोटे से 19 प्रतिशत है। ईसाई समुदाय के अनुयायियों का मानना है कि अगर इसमें नागालैंड समुदाय को भी शामिल किया गया तो पूर्वोत्तर लोगों को फायदा होगा। हमारा विरोध नागालैंड से नहीं बल्कि उन्हें समानता से नाचीज देने को लेकर है।
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/19/1997-2023-11698739530-1-copy16988150431698877096_1705677384.jpg)