मध्य प्रदेश हरदा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट नवीनतम राय | हरदा न्यूज़ | भास्कर राय- हरदा ब्लास्ट: राहवासी इलाक़ों में अवैध फैक्ट्रियों के लिए सामान कौन सा?

  • हिंदी समाचार
  • राय
  • मध्य प्रदेश हरदा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट नवीनतम राय | हरदा न्यूज़

11 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

हरदा। मध्य प्रदेश का कृषि प्रधान जिला। उर्वरा भूमि, स्याह काली मिट्टी और खेती के लिए ओपेरावाला क्षेत्र। यहां अवैध फैक्ट्रियों का क्या काम? प्राचीन काल के संरक्षण में रखी जा रही हैं ये मुर्दाघर की फैक्ट्रियां? कांग्रेस कह रही है कि जिस फैक्ट्री में आग लगने से करोड़ों लोगों की मौत हो गई और अब तक लापता हैं, उस फैक्ट्री के मालिक भाजपा के नेता हैं। जबकि बीजेपी का कहना है कि फैक्ट्री के मालिक कांग्रेस के आदर्श हैं।

दोनों ही पार्टियाँ एक-दूसरे पर आरोप लगाती हैं। वे कह रहे हैं कि उन्होंने अपने लिए चुनावी प्रचार किया था। ये कह रहे हैं ये उनके आदमी हैं। जो इस अनोखे में मर गया। घायल हो गए, वे कौन थे, वंशज आदमी थे, यह कोई सामान नहीं चाहिए।

हरदा में 10 मिनट में दो मूर्तियां हो गईं।  अन्य विचित्र में अधिकांश लोगों की मृत्यु हुई।

हरदा में 10 मिनट में दो मूर्तियां हो गईं। अन्य विचित्र में अधिकांश लोगों की मृत्यु हुई।

कुछ घायल कह रहे हैं कि अपनी मां के साथ बच्चे भी फैक्ट्री में आए थे। कुछ बच्चों के काम में सहयोग भी करते थे। इन बच्चों में ज्यादातर का अब तक अता-पता नहीं है। एक घायल ने कहा-आग लंबाई वाले दिन नो बीएक्स- क्लिपआर्ट चाइल्ड फ़ैक्ट्री के अंदर थे। कोई अफ़सर, कोई प्रशासन, कोई सरकार इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

2015 में भी इस फैक्ट्री में धमाका हुआ था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। फ़ैक्ट्री अनियत को सज़ा भी हुई थी, लेकिन तीनों जेल से बाहर आकर फ़ैक्ट्री फिर से शुरू हो गई। प्रशासन खुली आँखों से यह सब देख रहा है। असल में, सत्य में पथ बनाए रखने वाले लोग यह सब करते हैं और अपवित्र में मारे गए लोग वंचित मजदूर हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव कह रहे हैं हरदा का ये धमाका हमारी परीक्षा थी। अगर सरकार की परीक्षा इस तरह की है तो माफ़ करो, इसके परिणाम बहुत बुरे ही हो सकते हैं। सरकार कह रही है ऐसी कहानियाँ किसी का बस नहीं। सवाल यह है कि जब आप रहवासी इलाक़ों में इस तरह की ख़तरनाक फ़ैक्टरियाँ चलाते हैं तो विस्फोट तो होगा ही। आख़िर प्रशासन और सरकार का बस क्यों नहीं? क्या अवैध फैक्ट्रियों के संचालन के लिए सरकार या सरकारी निवेशकों का कोई व्यक्तिपरक आरोप नहीं होता है? कोई गुण नहीं होता। आख़िरकार इसके लिए कौन तय करेगा?

मुख्यमंत्री डॉ.  मोहन यादव की रविवार को घटना स्थल पर अमेरिका थे।  उन्होंने अविनाशी अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों से दुर्घटना के संबंध में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की रविवार को घटना स्थल पर अमेरिका थे। उन्होंने अविनाशी अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों से दुर्घटना के संबंध में जानकारी ली।

यह कोई प्राकृतिक आपदा है तो नहीं, जिस पर किसी का बस नहीं चलेगा। यह तो मानवीयता का उदाहरण है। इसे हर हाल में खरीदा जा सकता था। फिर फ़ैक्ट्री मालिक बेकार भाजपा से स्थापित हो या कांग्रेस से, लोगों की जान लेने की इज़्ज़त दयालु किसी को कैसे दी जा सकती है?

हरदा जैसे शांत शहर और इलाक़े को इस तरह की मौत के मुहाने में देखना ठीक नहीं है। सरकार को हरदा ही नहीं, पूरे प्रदेश में चल रही इस तरह की फैक्ट्रियों को तुरंत पहचानना चाहिए और उन्हें हर हाल में अचानक प्रभाव से लाभ पहुंचाना चाहिए, वरना इस तरह के हादसे होते रहेंगे और फिर किसी का बस नहीं होना चाहिए।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *