नई दिल्ली40 मिनट पहले
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![NCPCR ने करीब साल भर पहले छत्तीसगढ़ के मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम बच्चों का डेटा मांगा था। साथ ही इन किड्स के फिल्मांकन पर रोक के लिए एक्शन फिल्म का भी निर्देश दिया गया था। राज्य की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर आयोग ने यह कार्रवाई की है। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/04/_1704374717.jpg)
NCPCR ने करीब साल भर पहले छत्तीसगढ़ के मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम बच्चों का डेटा मांगा था। साथ ही इन किड्स के फिल्मांकन पर रोक के लिए एक्शन फिल्म का भी निर्देश दिया गया था। राज्य की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर आयोग ने यह कार्रवाई की है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने 3 जनवरी को गैर-मुस्लिम बच्चों के हितों के मामले में 11 राज्यों और केंद्र के उद्यमियों के मुख्य सचिवों का समन जारी किया।
दरअसल, NCPCR ने करीब साल भर पहले राज्य के मदरसों में पढ़ने वाले-गैर मुस्लिम बच्चों का डेटा मांगा था। साथ ही इन किड्स के फिल्मांकन पर रोक के लिए एक्शन फिल्म का भी निर्देश दिया गया था। राज्य की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर आयोग ने यह कार्रवाई की है।
आयोग ने हरियाणा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मेघालय और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश किया है।
हरियाणा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिवों को 12 जनवरी को बुलाया गया है। जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गोवा के मुख्य सचिवों को 15 जनवरी को बुलाया गया है।
झारखंड के मुख्य सचिव को 16 जनवरी, कर्नाटक और केरल के मुख्य सचिव को 17 जनवरी, मध्य प्रदेश, मेघालय और तेलंगाना के मुख्य सचिव को 18 जनवरी को बुलाया गया है।
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मदरसों में गैर-मुसलमानों का आधिपत्य संविधान का उल्लंघन
आयोग ने कहा कि मदरसा में गैर-मुस्लिम बच्चों का स्पष्ट रूप से संविधान के खंड 28(3) का उल्लंघन है, जो माता-पिता की सहमति के बिना बच्चों को किसी भी धार्मिक संस्थान में शामिल करने के लिए भाग लेता है। है.
आयोग ने कहा कि मदरसा में मुख्य रूप से बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है। सरकार की मदद से उत्थान वाले इन पिछलग्गू में कुछ हद तक प्रभाव शिक्षा भी दी जाती है।
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एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक लॉगो ने बताया- बाल अधिकार संस्था पिछले एक साल से लगातार सभी राज्यों और केंद्र में रहने वाले मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम बच्चों की पहचान करने की मांग कर रही है।
आयोग ने मदरसों से ऐसे बच्चों को सामान्य अभिलेखों में सूचीबद्ध करने को भी कहा था। साथ ही सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की मार्केटिंग करके वहां पढ़ने वाले बच्चों को दर्शन शिक्षा देने की व्यवस्था करने की बात भी कही थी।
इसके बावजूद राज्य ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। आयोग ने 3 जनवरी को 11 राज्यों के मुख्य सचिवों से समन जारी कर जवाब मांगा है।