मणिपुर हिंसा 6 महीने कुकी मैतेई समुदाय, अद्यतन | 187 की मौत, 120 से ज्यादा शव मुर्दाघरों में पड़े; जिले ही दो समुदाय में बंटे भी नहीं बने

इन्फाल6 मिनट पहले

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डेमोक्रेट्स में 3 मई से जारी हिंसा को छह महीने हो गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, छह महीने में राज्य में 187 लोगों की मौत हुई है। हालाँकि, आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि राज्य में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। 120 से अधिक शव आज भी सरकारी कर्मियों के मुर्दाघरों में पड़े हैं।

उधर, कुकी-मैतेई समुदाय कई संपत्तियों के लापता होने का दावा कर रहे हैं। हिंसा में 50 हजार 648 लोगों के घर उजड़ गए।

हिंसा के प्रबंधन देशों का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां स्कूटर से लेकर किसानों तक का सरकारी विज्ञप्ति जारी किया गया है, जिसमें दो टुकड़े हो गए हैं। हिंसा से पहले 34 लाख की आबादी और 16 डेकोरेटिव वाले राज्य में मतेई-कुकी साथ रहते थे, लेकिन अब कुसी बहुल चुराचांदपुर, टेंगनाउपोल, कांगपोकपी, थिजोल, चंदेल में कोई भी मटेई नहीं बचा है। ठीक इसी तरह मैतेई बहुल इंफाल पश्चिम, पूर्व, विष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कप्सिन से कुकी चले गए हैं।

3 मई तक इंफाल में करीब 30 हजार कुकी रहते थे। इसी तरह के पहाड़ों में 40 हजार मैतेई प्राचीन से रह रहे थे, लेकिन उनके घर जमींदोज जा चुके हैं। टेमेगांग जिला नॉन नागा तो कैप्सिन मैतेई और चांदेल नागा-कुकी बहुल है। इन छात्रावास में शुरू से ही शांति है।

मैतेई-कुकी कॉलोनी के अपने बैलर जोन बने हुए हैं। ईसाईयों पर महिलाएं पहरा दे रही हैं। ये चेकपोस्ट हैं, जहां से बिना पहचाने वे आगे नहीं बढ़ रहे हैं। यही हाल मैतेई क्षेत्र का है। हिंसा के बाद से अब तक 6523 मूर्तियाँ दर्ज हुई हैं। इनमें से अधिकतर शून्य निर्मितियाँ हैं। इनमें 5107 केस असाधारण, 71 हत्यारों के हैं। 53 अधिकारियों की एक टीम 20 केस देख रही है।

तस्वीर इंफाल वेस्ट की कुकी बस्ती की है, जो हिंसा का शिकार हो गई है।

तस्वीर इंफाल वेस्ट की कुकी बस्ती की है, जो हिंसा का शिकार हो गई है।

इन में सजावटी सामान लगा है…

  • इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, झिरीबम, विष्णुपुर, थौबल, चुराचांदपुर और टेंगनाउपोल में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक की चेतावनी दी गई है।
  • कांगपोकपी में शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे तक का समय लगा है।
  • काकचिंग, फेरज़ोल। यहां ध्यान न दें: सेनापति, उरखुल, कामजोंग, टेमेंगलांग, नोने और कैप्सिन में शाम 6 बजे से 5 बजे तक का समय लगा है।

भीड़ ने राइफल्स के शिविर पर हमला कर दिया
1 नवंबर की देर रात को भीड़ ने डेमोक्रेट राइफल्स कैंप पर हमला कर दिया। भीड़ का मकसद राइफल्स के शस्त्रागार को लूटना था। हालाँकि, सुरक्षा कर्मियों ने कई गोलाकार हवाई हथियारों की भीड़ को तितर-बितर कर दिया।

इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद इंफाल में खुलासा किया गया है। वहीं, तेलंगाना के मोरेह शहर में अतिरिक्त पुलिस कमांडो के रॉकेट के विरोध में एक युवा छात्र संगठन ने शनिवार देर रात से 48 घंटे के लिए बंद कर दिया है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भीड़ ने पश्चिम जिले में इन्फाल और मुख्यमंत्री कार्यालय के पास स्थित मार्शल राइफल्स शिविर को तैनात किया था। भीड़ मोरेह में एक पुलिस वाले की हत्या को लेकर नाराज थी और उसके विरोध में आराम की मांग कर रही थी।

ट्राइबल स्ट्रक्चर्स फोरम का दावा- पुलिस ने अरेस्ट किए गए निवेशकों को गिरफ्तार कर लिया

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ़ोर्म (आईटीएलएफ) ने मोरेह में मैतेई पुलिस कमांडो ने कुकी-जो विज़न को परेशान करना शुरू कर दिया है। आज उन्होंने एक मिश्रण में 12 नाबालिगों को उनके घर से गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा कि असम राइफल्स ने पुलिस कमांडो को मोरेह तक प्रतिबंध और ऑपरेशन के दौरान खुली छूट दी। यहां बताया गया है कि लोग राशन तक नहीं खरीद पा रहे हैं।

आईटीएलएफ ने यह भी दावा किया कि पुलिस कमांडो ने कल मोरेह के रास्ते में हमले वाले सिनम गांव में घरों के घरों को लूटकर जला दिया था। उन्होंने चिकिम गांव में बनी वॉल ऑफ रिमेंबरेंस को भी आग लगा दी थी।

मुख्यमंत्री सीएम बोले- जल्द ही सभी मछुआरों को पकड़ा जाएगा
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने आज सुबह इंफाल शहर की पहली बटालियन के बटालियन राइफल्स ग्राउंड में पुलिस की मौजूदगी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा- आनंद एक बहादुर और देशभक्त अधिकारी थे। हर भारतीय को गर्व होना चाहिए।

उन्होंने कहा- जल्द ही सभी इलेक्ट्रॉनिक्स को पकड़ लिया जाएगा। उनकी पकड़ पुलिस कमांडो, आईआरबी, सेना और असम राइफल्स कॉन्स्टेबल कॉम्बिंग ऑपरेशन चलोई तक गई।

जुमे की छुट्टी की मांग कर रहे छात्र पर केस

फैक्ट्री बॉडी ने बयान जारी कर कहा- हम सभी सरकारी और गैर सरकारी छात्र और स्कूल रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टियां रखना चाहते हैं।

फैक्ट्री बॉडी ने बयान जारी कर कहा- हम सभी सरकारी और गैर सरकारी छात्र और स्कूल रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टियां रखना चाहते हैं।

26 अक्टूबर को चोरीचांदपुर के ज्वाइंट प्लांट बॉडी (जेबीएस) के सदस्यों ने शुक्रवार को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की थी। 27 अक्टूबर को राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने किशोरी के शरीर की इस नोटिस को गैरकानूनी करार दिया। उन्होंने कहा- इसी तरह की घोषणा की जा रही है। इस राज्य में ब्लॉकचेन फ़्लाइंग का काम जारी है।

जेबीएस ने कहा था कि हम इस कठिन समय में भी अपने रहने की जगह पर ठीक से पढ़ाई करना चाहते हैं। इसके लिए हमने एक रिज़ॉल्युशन सामान्य है। हम सभी सरकारी, गैर-सरकारी अवकाश और स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी रखना चाहते हैं। रिटेल बॉडी ने 18 अगस्त को एक रिजोल्यूशन एडॉप्ट किया था, जिसमें सभी ऑफिसों और शिक्षण संस्थानों में छुट्टियों की बात थी।

ट्राइबल फोरम ने मुख्यमंत्री पर जातीय दंगा भड़काने का आरोप लगाया

24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में अवैध अप्रवासियों को कभी नहीं अपनाएगी।

24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में अवैध अप्रवासियों को कभी नहीं अपनाएगी।

कुकी-जो समुदाय के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ़ोर्स (आईटीएलएफ) ने 24 अक्टूबर को सीएम पर आरोप लगाया था कि डेमोक्रेट के मुख्यमंत्री ही राज्य में जातीय दंगे भड़का रहे हैं। उन्होंने सरकार से यह भी सवाल किया कि AFSPA को केवल घाटी क्षेत्रों से क्यों हटाया गया, पहाड़ों से हटाया क्यों नहीं गया?

वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री एनरेन बी सिंह ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में अवैध अप्रवासियों को कभी नहीं अपनाएगी। राज्य में रह रहे 34 स्वदेशी समुदायों को अपने ऐतिहासिक अभिलेखों को बनाए रखना चाहिए। सीएम ने आगे कहा कि कुछ विदेशी संगठन साजिश रचने की योजना बना रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…

कंपनियों की सीमा क्षेत्र में सेनाएं शामिल हो गईं
सीमा क्षेत्र में पुलिस कमांडो की संख्या बढ़ी है। हालांकि इसके खिलाफ म्यांमार की सीमा से लगे मोरे शहर में युवा महिलाओं के एक वर्ग ने भी प्रदर्शन किया। जनजाति यूनीटी (सीओटीयू) पर कुकी इंपी और कमेटी ने 22 अक्टूबर को यह दावा किया था कि शहर की इंफाल घाटी में बड़ी संख्या में आतंकवादियों को शामिल किया गया है।

इससे शांति भंग हो सकती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि शहर के बैल जोन में पैरामिलिट्री फोर्स और भारतीय सेना के जवान काफी संख्या में शामिल हैं। इसके बावजूद कुकी बहुल शहर टेंग्नोपाल जिले के मोरेह में रात को हेलिकॉप्टर से अतिरिक्त मैतेई पुलिस के ढांचे की जा रही है। पूरी खबर पढ़ें…

4 पॉइंट्स में जानें- क्या है सरदार हिंसा की वजह…

कंपनियों की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नागा और कुकी। मैताई ज्यादातर हिंदू हैं। नागा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। एसटी वर्ग में आते हैं। जापानी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% क्षेत्र में इन्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है। नागा-कुकी की जनसंख्या करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए डेमोक्रेट उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। कम्युनिस्टों का विलय 1949 में हुआ था। उन्हें सबसे पहले ट्राइब का ही लेबल मिला था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से सैक्सो की मैतेई को जनजाति जनजाति (एसटी) में शामिल कर लिया।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति का मानना ​​है कि सबसे पहले उनके राजा को म्यांमार से कुकी विजय युद्ध के लिए बुलाया गया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी चले गये। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल केट और पहाड़ की खेती करना शुरू कर दिया। इन प्रयोगशालाओं का ट्रॉयंगल बन गया है। यह सब मेडिकल हो रहा है। अन्य नागा लोगों ने लड़ाई के लिए हथियार समूह बनाया।

नागा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी तीनों जनजाति मैतेई समुदाय को तटस्थता के विरोध में हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य की 60 से 40 सीट पहले मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में एसटी वर्ग में मैतेई को अनोखा मिलन से उनके अधिकार का बंटवारा होगा।

तृतीयक गुणांक क्या हैं: टीमों के 60 प्रतिनिधियों में से 40 नेता मैतेई और 20 नेता नागा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रह रहे हैं।

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आईटीएलएफ का दावा- ये मई की घटना; डीजीपी बोले- अभी पता चला, जांच करा रहे हैं

मॉक में रविवार को कुकी समुदाय के युवाओं को जिंदा जलाने का वीडियो सामने आया है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ्रंट (आईटीएलएफ) के प्रवक्ता घिंजा ने ये वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा कि वीडियो मई का है, लेकिन ये अभी सामने आया है. पढ़ें पूरी खबर…

पहले सरकार को समर्थन, अब विरोध हुआ मैतेई:कुकी क्षेत्र में दो मूल निवासियों का, परिवार बोला- पुलिस ने उन्हें शामिल नहीं किया

3 मई, 2023 से माके में हो रही हिंसा, 5 महीने बाद नया मोड़ है। शुरुआत में मैतेई समुदाय के सीएम बीरेन सिंह और सरकार का फ्रैंक समर्थन कर रहे थे, अब खिलाफ हैं। वजह है 17 साल की लड़की और 20 साल की फ़िज़ाम हेमनजीत की हत्या। पूरी खबर यहां पढ़ें…

एनआईए-सीबीआई ने कहा- वैज्ञानिकों के साक्ष्यों के आधार पर इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फ्रंट ने विचारधारा पर लगाए आरोप

वैज्ञानिकों में हर साक्ष्य का आधार दिया गया है। एनआईए और सीबीआई ने 2 अक्टूबर को ये बात कही। दोनों इंडिजिनस ट्राइबल खंड फ्रंट (आईटीएलएफ) की ओर से दिए गए पोर्टफोलियो में कहा गया है कि किसी भी समुदाय, धर्म या संप्रदाय के खिलाफ कोई भी पूर्वाग्रह नहीं रखा गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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