मणिपुर सशस्त्र संगठन अरामबाई तेंगगोल के 10 हजार मेइतियों को कुकीज़ से बाहर करने की चेतावनी | संघीय सशस्त्र संगठन की चेतावनी-कुकी को बाहर करें: अरबाबाई तांगगोल की बैठक में 10 हजार मैतेयों की ओर से नेता बोले- अन्यथा हम निर्णय लेते हैं

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इन्फाल10 मिनट पहलेलेखक: एम. देवानंद शर्मा

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मैतेओन के सशस्त्र संगठन अरबाई तंगगोल की यह बैठक कांगला किले में हुई।  - दैनिक भास्कर

मैतेओन के सशस्त्र संगठन अरबाई तंगगोल की यह बैठक कांगला किले में हुई।

पिछले साल 3 मई से हिंसा भड़कते हुए मातेई फिर से एकजुट हो गए हैं। चार विलेज़ वैलेन्टियर की हत्या से नाराज इस समुदाय ने बुधवार (24 जनवरी) को बड़ी बैठक की। इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से नागा शांति वार्ता के मध्यस्थ एके मिश्रा, वैज्ञानिक एजेंसी ब्यूरो के दो संयुक्त निदेशक विकासप सिंह तुली, राजेश कुंबले समेत 37 मैतेई नेता, दो सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्री अविनाश रंजन सिंह मौजूद थे।

ऑर्गनाइजेशन ने सभी को चेतावनी दी है कि हमारी चार मांगें हैं। इन 15 दिनों में कार्रवाई शुरू नहीं हुई तो आगे का निर्णय हम लेंगे। जिस समय यह मीटिंग चल रही थी, तब किले के अंदर और बाहर 10 हजार से ज्यादा मैतेई जज के इंतजार में थे।

ऑर्गनाइजेशन ने सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन को जो मांग पत्र दिया है, वह राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह सहित सभी मैतेई आदिवासियों के हस्ताक्षर हैं।

समूह के बाद ऑर्गनाइजेशन ने इंफाल का सबसे बड़ा महिला बाजार आईएमए मार्केट में एक मार्च भी निकाला।

समूह के बाद ऑर्गनाइजेशन ने इंफाल का सबसे बड़ा महिला बाजार आईएमए मार्केट में एक मार्च भी निकाला।

इमोशनल मैसेज… अब जजमेंट की घड़ी है
समूह के बाद संगठन के नेता कौरौंबा खुमान ने फोर्ट के वेस्टर्न गेट से इंफाल के सबसे बड़े महिला बाजार आईएमए मार्केट तक एक जुलूस भी निकाला, जिसमें सैकड़ों हथियारबंद लोग शामिल थे। बाजार में जमा भीड़ के समसामयिक खुमान ने इमोशनल भाषण भी दिया। कहा- अब जजमेंट की घड़ी आ गई है। एकजुट हो जाओ। राज्य के मुख्यमंत्री सहित सभी कानूनी निर्माता, नागरिक से ऊपर नहीं हैं।

साज़िश है कि केंद्रीय प्रतिनिधि 22 जनवरी को इंफाल पहुंच गए थे। उन्होंने दो दिन मैतेई कंपनी से बात की और मीटिंग टालने की कोशिश की, लेकिन अरबबाई तंगगोल नहीं माना। ऑर्गनाइजेशन ने साफ कहा है कि राज्य में हम अपने सवालों के लिए बार-बार दिल्ली का प्रवेश द्वार नहीं देखेंगे।

संगठन की 4 मांगें: सीमा सील करें, विदेशों को खोजें

  • कुकी छात्रों के साथ चल रही केंद्र की बातचीत (सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस) तुरंत बंद हो।
  • सॉसेजे मॅनमी कुकी लोगों को मिजोरम में शिफ्ट करें। सीमा तत्काल सील करें।
  • राज्य में वर्ष 1951 को आधार रेखा बाज़ार लागू किया गया, ताकि बाहरी लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।
  • असम राइफल्स को राज्य से तुरंत हटाया जाएगा।

मॉक में अब तक 200 से अधिक मजदूर, 1100 घायल
राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई के बीच जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य में अब तक 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हैं और 144 लोगों की धोखाधड़ी हुई है।

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