नई दिल्ली2 मिनट पहले
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कम्युनिस्टों के सबसे पुराने आर्म्ड ग्रुप यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने बुधवार को दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस समूह की हिंसा फार्मूले में शामिल होने पर सहमति दी गई है। यूएनएलएफ ने यह फैसला केंद्र सरकार की ओर से समूह पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने के बाद लिया।
असल में, केंद्र सरकार ने 13 नवंबर 2023 को जिन नौ मैतेई उग्रवादी समूहों के कार्यकर्ताओं और उनके सहयोगियों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था, उनमें यूएनएलएफ भी शामिल है। यह अनोखे राष्ट्रों पर प्रतिबंध लगाया गया- विरोधी आतंकवादी और सुरक्षा सेनाओं पर घातक हमले किए गए। ये समूह सक्रिय हैं। यह बैन 13 नवंबर 2023 से लागू हो गया था.
इन उग्रवादी समूहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में जिन ग्रुप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है- पीपुल्स लिबरेशन (पीएलए) और राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसके आर्म्ड फोर्स पीपुल्स पीपुल्स आर्मी (एमपीए), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी। पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (PREPAK) और उसकी आर्म्ड फोर्स, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (KPC) और उसकी आर्म्ड फोर्स रेड आर्मी, कांगलेई याओल कनबा लुप (YKL), सहयोग समिति (कोरकॉम) और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेइपाक (ASUK) शामिल हैं।
अमित शाह ने लिखा- डेमोक्रेटिक कॉटेज में आपका स्वागत है
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूएनएलएफ के प्रबंधन में होने वाले सूचनात्मक ट्विटर (जो पहले एक्स था) पर शेयर की। उन्होंने लिखा- शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के प्रयास में एक नया अध्याय जुड़ा है। मैं लोकतांत्रिक कोचिंग में उनका स्वागत करता हूं। साथ ही शांति और प्रगति पथ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।