इन्फाल6 मिनट पहले
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![सैमावर की हिंसा में मारे गए लोगों के शव शहीद नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में रखे गए हैं। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/05/comp-921_1701759101.gif)
सैमावर की हिंसा में मारे गए लोगों के शव शहीद नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में रखे गए हैं।
सोमवार को दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी। घटना म्यांमार सीमा से लगे कुकी बहुल तेंग्नौपाल जिले के लीथू गांव में हुई थी। मारे गए 13 लोगों में से 11 की पहचान हो गई है। ये सभी मैतेई समुदाय के लिए जाने जाते हैं।
मौत वाले ज्यादातर लोग 20 से 25 साल के हैं और पुलिस के साथ उनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं है। पुलिस ने कहा कि इन हत्याओं की जांच जारी है। हालाँकि, आधिकारिक तौर पर कहा गया है, ऐसी खतरनाक स्थिति है कि ये सभी लोग बेरोजगारी भत्ता के लिए प्रशिक्षण लेने के लिए सीमा पार जा रहे थे।
पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को मिलेगा शव
सभी शवों को मस्जिद नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में रखा गया है। पोस्टमॉर्टम के बाद मृतक को परिवार के लिए अंतिम विदाई दी गई। इसके लिए सुबह से ही अस्पताल के बाहर मृतकों के घरों की भीड़ लगी रहती है। मारे गए इबुंगो (25 वर्ष) के परिवार वालों ने बताया कि वह वॉलनटियर गांव में विशेष रूप से काम करते थे।
![राज्य में 3 मई से हिंसा जारी है। इसमें 200 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 हजार लोगों का घर बर्बाद हो गया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/05/manipur-11701692055_1701759671.jpg)
राज्य में 3 मई से हिंसा जारी है। इसमें 200 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 हजार लोगों का घर बर्बाद हो गया।
नवंबर में घटी घटना
- 1 नवंबर: 31 अक्टूबर की देर रात को इंफाल में एसडीओपी की हत्या से नाराज भीड़ ने राइफल्स के कैंप पर हमला कर दिया था। इनका मकसद हथियार लूटना था। हालाँकि सुरक्षा कर्मियों ने कई हवाई जहाज़ों की भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
- 5 नवंबर: इंफाल पश्चिमी जिले से दो युवा सेकमाई क्षेत्र में जाने के लिए निकले थे। उसके बाद से दोनों की कोई खबर नहीं है। पुलिस ने लापता मैबम अज्ञानी (16) और निंगथोउजाम एंथोनी (19) के मोबाइल आर्मीपति जिले से पेट्रोल पंप के पास से बरामद किया। राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध 8 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।
- 6 नवंबर: अमेरिकी पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया। इन पर दो पार्सल के असामयिक का आरोप है। लापता हॉस्टल की राज्यपाल अनुसुइया उइके और पुलिस से शिकायत की। साथ ही इंफाल में रैली रैली। रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया।
- 7 नवंबर: 7 नवंबर को कांगचुप इलाके में एक कंपनी की गोलीबारी हुई, जिसमें 2 पुलिसकर्मी, एक महिला समेत 9 लोग घायल हो गए। सात लोगों को रिम्स तो 3 लोगों को राज मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- 9 नवंबर: इंफाल में महिला समेत दो लोगों का शव बरामद। पुलिस ने बताया, शव की आंखों पर पट्टी बांधी गई थी, जबकि हाथ पीछे से बंधे थे। वहीं सिर पर गोलाई के निशान मिले।
![हिंसा के श्रमिक देशों का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां से लेकर अब तक सभी कुछ दो समूहों में बंटे हुए हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/29/untitled-1-1168854812816993100951701076907_1701220940.gif)
हिंसा के श्रमिक देशों का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां से लेकर अब तक सभी कुछ दो समूहों में बंटे हुए हैं।
सरकार की अंतिम स्थिति…
- प्रोटोटाइप में डुप्लिकेट से लेकर सरकारी स्टार्टअप तक सब कुछ दो समुदायों में विभाजित हैं। पहले 16 मूर्तियों में 34 लाख की आबादी में मैतेई-कुकी साथ रहते थे, अब कुकी बहुल चुराचांदपुर, टेंगनौपाल, कांगपोकपी, थिगोल, चांदेल में कोई भी मैतेई नहीं बचा है। वहीं मैतेई बहुल इंफाल पश्चिम, पूर्व, विष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कप्सिन से कुकी चले गए हैं।
- कुकी क्षेत्र के प्रमुखों को मैताई डॉक्टर ठीक करने चले गए हैं। इससे यहां इलाज बंद हो गया। अब कुकी डॉक्टर कमांड सपोर्ट रह रहे हैं। यहां नहीं होने से मरहम-पट्टी, औषधियों की भारी कमी है।
- सबसे ज्यादा प्रभावशाली मूर्तिकला पर हुआ है। 12 हजार 104 बच्चों का भविष्य अटक गया है। ये बच्चा 349 रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं। रेज़िस्टेंस की निगरानी में स्कूल 8 घंटे की जगह 3-5 घंटे ही लग रहे हैं। राज्य में 40 हजार से ज्यादा युवा आस्तिक हैं।
- हिंसा के बाद से अब तक 6523 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इनमें अधिकतर शून्य एफआईआर हैं। इनमें 5107 केस, 71 हत्याएं शामिल हैं। 53 अधिकारियों की एक टीम 20 केस देख रही है।
4 पॉइंट्स में जानिए क्या है तानाशाही की वजह
कंपनियों की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नागा और कुकी। मैताई ज्यादातर हिंदू हैं। नागा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। एसटी वर्ग में आते हैं। जापानी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% क्षेत्र में इन्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है। नागा-कुकी की जनसंख्या करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए डेमोक्रेट उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। कम्यूनिटी का विलय था कि 1949 में कम्युनिस्टों का भारत में विलय हो गया था। उन्हें सबसे पहले ट्राइब का ही लेबल मिला था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से भिक्षु की मैतेई को जनजाति जनजाति (ST) में शामिल कर लिया।
मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति का मानना है कि सबसे पहले उनके राजा को म्यांमार से कुकी विजय युद्ध के लिए बुलाया गया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी चले गये। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल केट और पहाड़ की खेती करना शुरू कर दिया। इन प्रयोगशालाओं का ट्रॉयंगल बन गया है। यह सब मेडिकल हो रहा है। अन्य नागा लोगों ने लड़ाई के लिए हथियार समूह बनाया।
नागा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी तीनों जनजाति मैतेई समुदाय को तटस्थता के विरोध में हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य की 60 से 40 सीट पहले मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में एसटी वर्ग में मैतेई को अनोखा मिलन से उनके अधिकार का बंटवारा होगा।
तृतीयक गुणांक क्या हैं: टीमों के 60 प्रतिनिधियों में से 40 नेता मैतेई और 20 सदस्य नागा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रह रहे हैं।
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कम्युनिस्टों के सबसे पुराने विद्रोही गुट यूएनएलएफ ने हिंसा छोड़ी, केंद्र सरकार से शांति समझौता किया
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कम्युनिस्टों के सबसे पुराने विद्रोही आर्म्ड ग्रुप यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने 29 नवंबर को दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस ग्रुप में हिंसा फार्मूले को शामिल करने पर सहमति दी गई है। यूएनएलएफ ने यह फैसला केंद्र सरकार की ओर से समूह पर कई साल पहले पांच साल बाद प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया। पूरी खबर पढ़ें…
सेना के पूर्वी कमान प्रमुख ने कहा- जब तक रिकवर नहीं होंगे, हथियार लूटे जाएंगे, हिंसा नहीं होगी
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भारतीय सेना के पूर्वी कमान प्रमुख राणा प्रताप कलीता ने कहा कि जवानों की समस्या राजनीतिक है, इसलिए इसका समाधान भी राजनीतिक होना चाहिए। कलीता ने ये बात 21 नवंबर को असिस्टेंट के प्रेस क्लब में ग्रैब से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा- हमारी कोशिश है कि हिंसाएं. राजनीतिक की समस्या थोक बिक्री होगी। पूरी खबर पढ़ें…