भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने वाले शरद की कहानी | भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने वाले शरद की कहानी: मंदिर के बाहर भी स्वतंत्र, मजबूर लोगों को साथ ले गए; अब वो मांगकर नहीं…मेहनत खा कर रहे

1 मिनट पहलेलेखक:राजेश साहू

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आपने किसी मंदिर के सामने किसी हट्टे-कट्टे व्यक्ति को भीख मांगते हुए देखा होगा। देखने के बाद जापान पर क्या आता है? यही न कि फिट हो, फिर भी मांगते हो? अमूमन हर व्यक्ति के दिमाग में ऐसा ही होता है। लेकिन शरद पटेल के मन में ये बात नहीं आई। उनके मन में आया कि आखिरकार भीख भीख की जरूरत क्यों पड़ी? इन वजहों को ढूंढने के लिए वह खुद भी भीख मांगने लगे। इसके बाद जो निष्कर्ष निकलता है, वह अत्यंत सर्वमान्य हो जाता है।

दैनिक भास्कर की साप्ताहिक श्रृंखला ‘कर्मवीर’ में आज हम शरद की

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