भास्कर राय मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 मतदान दिवस | मप्र और छत्तीसगढ़ में आज आम आदमी सरकार का फैसला

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5 मिनट पहले

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मतदान से पहले ईवीएम लेकर मतदान अधिकारी, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में पहली बार बुजुर्ग मतदान केंद्र से मतदान की सुविधा दी गई है।  - दैनिक भास्कर

मतदान से पहले ईवीएम लेकर मतदान अधिकारी, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में पहली बार बुजुर्ग मतदान केंद्र से मतदान की सुविधा दी गई है।

भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का फाइनल आज 17 नवंबर को होने वाला है। फ़ैसला करने वाला वह आम आदमी है जो विभिन्न राजनीतिक दलों से वर्षों तक का वादा करता है।

एक बार वोट रॉकेट के बाद न तो वे अपने क्षेत्र में आये, न जनसंख्या में, न गली में या गाँव में। एक बार ये जो घर-घर वोट मांगने आते हैं, उसके बाद किसका घर कहां है, क्यों है, और कैसा है, इसकी सुध ये कभी नहीं लेते।

चुनाव से पहले आम आदमी को तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं जैसे- मुफ्त शिक्षा, बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को घर बैठे पैसा, मुफ्त का लैपटॉप, किसानों की कर्ज माफी और भी जाने क्या-क्या, बड़ी लंबी अवधि की बेरोजगारी होती है। लेकिन चुनाव जीतते ही हैं, सरकार नामांकित ही उनके घोषित वादे हैं, जिनमें से ज्यादातर की घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं।

लेकिन हम आम लोग क्या करते हैं? वर्ष-भर के गणतंत्रीय वादे, खोखली ने घोषणा की थी कि परखते आ रहे हैं, लेकिन फिर पूरे पांच साल में नीजी को वोट देने के लिए खुद ही खुद को लुटा आते हैं। आखिर क्यों?

हम इन नेताओं से सवाल पूछना ही नहीं। हर बार जब ये वोट मांगने आते हैं तो इस तरह के सवाल पूछते हैं कि वादाखिलाफी भूल जाओ। …और अगर किसी एक भी सवाल का सही और तारकीय उत्तर नहीं दे पाए तो वोट के दिन बाख़यदा सबको सिखाना चाहिए।

सबक सिखाने का यह मौका मैप और छत्तीसगढ़ के पास का आधार आज ही है। आज नहीं तो पांच साल तक कभी नहीं।

राजस्थान में फिलहाल धूम मची हुई है। यहां 25 नवंबर को वोटिंग होनी है। राजस्थान में मामला ठीक है। आगे क्या होने वाला है, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन कई वर्षों से इस प्रदेश में हर बार सरकार बदल रही है। किसी एक दल की सरकार स्थिर नहीं रहेगी। यहां का कार्टून बड़ा विचार है और कह सकते हैं जागरूक भी। कोई मुर्वत नहीं करता। हर पांच साल में हर राजनीतिक पार्टी की समीक्षा रहती है।

सही मायने में लोकतंत्र के ये मतलब ही हैं। हर बार सरकार कमजोर रहती है तो अगली बार आने के लिए कुछ हद तक ही सही ये प्रॉमिस प्ले की कोशिश रहती है। जनता का भला करने की सोच इन सबके मन में चलती रहती है। सुरक्षा बल रहते हैं तो सत्ता में भी एक नया जोश दिखता रहता है।

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