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- भास्कर राय कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के लिए पहली सूची जारी की, अब भी सूखा
8 मिनट पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल भास्कर, दैनिक भास्कर
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आख़िरी चुनाव प्रचार का ख़ाम ठुक चुका है। बड़े दिनों के बाद ही सही, कुछ राज्यों में ही सही, कांग्रेस के बढ़ते की सूची जारी हुई है। फ़ेवोक्स-फ़ॉफ़टकरस्टेप रख रही है। हिंदू विरोधी होने का आरोप न लग जाए इसलिए। अपनी सूची के पहले दिन जारी करें। लाख प्रतीक्षा के बावजूद पितृ पक्ष की सूची जारी करने का जोखिम नहीं उठाया गया।
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का इंतजार तो किया लेकिन राजस्थान में अब भी अकाल पड़ गया है। वहाँ सूची पहली अब तक जारी नहीं हो सकीम। दिल्ली में गुटीय लड़ाई चल रही होगी। जैसे दो-ढाई साल राजस्थान में चलती रहेगी, प्लाइवुड ही अब टिकटों के नाम पर दिल्ली में चल रही होगी।
सभी जानते हैं पिछले कुछ सागरों से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक सम्राट और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चिकित्सा संघ का संघर्ष चल रहा था। चैरिटन पॉलिटिक्स में चुनाव ही वह वैतरणी है जिसे पार करके जीता जा सकता है, इसलिए अपने-अपनों के लिए टिकटों की ऊंची उड़ान निश्चित ही अलकमान के सामने हो रही होगी। वर्ण पितृ पक्ष के गुजरात जाने के बाद भी गणतंत्र की सूची में देरी का कोई कारण नजर नहीं आता।

अशोक अशोक और सचिन पायलट
इस बीच गुड़गांव के दिल्ली में अजय माकन से मुलाक़ात नया कोई संकेत दे रही है। ऐसा माना जाता है कि तब माकन का सितारा कुछ पायलट की ओर था। यही कारण है कि लैपटॉप और मकान के बीच खटास आ गई थी।
अब दिल्ली में पतंग-मकान की मुलाकात हुई है तो इसका मतलब यही है कि बर्फ पिघल रही है। हो सकता है कि आप इस मुलाकात से पायलट को कुछ समझाना या कहलवाना चाहते हों! जहां तक सचिन पायलट का सवाल है, राजस्थान की राजनीति में कुछ महीनों से वे लगातार स्थिर हैं। हो सकता है ऐसा करने के लिए उन्हें अलकमान ने ही कहा हो।
बिजनेस, ऐसा समझा जाता है कि राजस्थान की सूची सोमवार रात या मंगलवार सुबह तक जारी होगी। क्योंकि उत्सव शुरू होने के बाद सूची में देरी करने का कोई लॉजिक नहीं बचा है। फिलहाल कुछ दिनों से अशोक मराठा दिल्ली में जमे हुए हैं और सूची फाइनल करके ही राजस्थान लौटेंगे।
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