भारत में सीट-बंटवारे का फॉर्मूला 5 राज्यों में चुनाव के बाद तय होगा गठबंधन | 2024 के चुनाव में 270 कांग्रेस पर, भारत के साथी 270 पर लड़कियाँ

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नई दिल्ली14 मिनट पहलेलेखक: मुकेश कौशिक

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुई लड़ाई से भारत अलायंस को लेकर धर्मशाला के बीच चल रही कई गलतफहमियां दूर हो गई हैं। सपा प्रमुख अलोकतांत्रिक के नारे और कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप से बातचीत के बाद दो बातें साफ हो गईं।

सबसे पहले ये कि विधानसभा के गठबंधन को लेकर सपा की जिद, ‘आप’ की हठ और कांग्रेस के सख्त रूख से स्पष्ट हो गया कि भारत के गठन राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की एकजुटता और भाजपा के खिलाफ नामांकन का एक कद्दावर उम्मीदवार की भर्ती विचार-विमर्श तक ही सीमित है। इसकी विधानसभा या मस्जिद स्तर के चुनाव से कोई लेना देना नहीं है।

दूसरी बात यह साफ हो गई कि भारत में अलायंस की जिस पार्टी का दबदबा होगा, ड्राइविंग सीट पर वही पार्टी होगी और बाकी दल रोडा नहीं होंगे। गुट का कहना है कि 2024 के आम चुनाव के लिए 270 पादरी कांग्रेस के पास रहेंगे जबकि 270 पादरी वर्ग के अन्य सहयोगी दलों के लिए नामांकन की तैयारी है।

तैयारी: भारतीय समन्वय समिति की बैठक दिसंबर में आरंभ होगी
दस्तावेज़ के अनुसार दिसंबर से पहले सप्ताह में भारत की समन्वय समिति की बैठक होगी। गठबंधन के शीर्ष नेताओं की अगली बैठक में निर्णय होगा। इस दौरान कम्युनिस्ट कमेटी यूनाइटेड रेलवे की आदर्श तय करने में लगी है।

यूनाइटेड रेलवे के लिए पटना, नागपुर, कोलकाता और चेन्नई को प्राथमिकता दी गई है। इनके अलावा 3 वर्कशॉप गुटों की बैठकें भी चल रही हैं। इनमें सोशल मीडिया, रिसर्च और मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

निर्णय टालने की वजह: कांग्रेस का फोकस अभी चुनाव पर
पोर्टफोलियो के गठबंधन और इसके फॉर्मूले को लेकर बातचीत के दौर में समन्वय समिति की बैठक के सदस्यों के बीच संवाद चल रहे हैं। सहकारिता समिति की अभी तक सर्वोपरि बैठक हुई है। इसमें अक्टूबर के आखिर तक कोई फॉर्मूला निकलने तक की बात शामिल थी।

5 राज्यों में चुनावों की घोषणा के बाद कांग्रेस ने इस बारे में पोज बटन दबाया है। इंडिया एलायंस के बाकी ऑर्केस्ट्रा ने यह समझाया है कि कांग्रेस की जोरदार बात पर चलना चाहता है।

मुश्किल: चार राज्यों के 82 क्वार्टर का बंटवारा सबसे आखिरी चरण में होगा
केरल की 20, बंगाल की 42, पंजाब की 13 और दिल्ली की 7 रेसों के लिए हार्ड रिलाइंड का सबसे आखिरी जजमेंट रखा गया है। एकता समिति के एक सदस्य ने भास्कर से कहा कि केरल में यह बंटवारा संभव नहीं लगता, जबकि बंगाल में जो भी सहमत होगा वह कांग्रेस और युवाओं के बीच ही बनेगा। पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच आम सहमति के लिए पूरी ताकत लगाई जा सकती है। इन 4 राज्यों में 82 अतिथि हैं।

यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की सीट का निर्णय राज्य इकाई
जहां कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर होगी, वहीं बाकी 270 सीटें ऐसी हैं, जहां गठबंधन के समर्थकों को शामिल किया जाना है। इनमें से 4 राज्यों के लिए विद्रोहियों का निर्णय इकाइयों को हटाया जा रहा है, जबकि 4 राज्यों को कठिन माना गया है, इसलिए उनका निर्णय पार्टी के शीर्ष नेता होंगे। महाराष्ट्र के 48, बिहार के 40, तमिलनाडु के 39 और उत्तर प्रदेश के 80 पर्वत कांग्रेस, किशोरी, शिवेसना उप्र, द्रमुक, नामांकन, इकाई और टुकड़ियों के समूह। इन राज्यों में 197 पर्यटक हैं।

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