भारत चीन लद्दाख सीमा संघर्ष वीडियो; लद्दाखी चरवाहे बनाम चीनी पीएलए सेना | चीनी सेना से राक्षसों पर रोक जारी थी; चरवाहे दते रहे, कहा- ये भारतीय भूमि

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परवाहकुछ ही क्षण पहले

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इंडोनेशिया में कुछ भारतीय चरवाहों ने चीन से लगी सीमा के पास चीन के सैनिकों को जवाब दिया। ये चरवाहे इस इलाके में भेड़िये चराने आये थे। चीनी ने कहा, जिसके बाद चरवाहों ने कहा कि हम भारतीय जमीन पर हैं। इस घटना की इसी महीने की शुरुआत के बारे में बताया जा रहा है।

2020 में हुए गलवान विवाद के बाद स्थानीय चरवाहे इस इलाके में अपने इलाके को चराने नहीं ले गए थे। गलवान विवाद के बाद यह पहली बार है जब चरवाहों ने इस इलाके को अपना लिया और चीनी सैनिकों को यहां से जाने को कहा। इस बातचीत का वीडियो सामने आया है।

लेह जिले के चुशूल गांव के काउंसलर कोंचोक स्टैनजिन ने सोशल मीडिया पर ये वीडियो शेयर किया है. उन्होंने लिखा कि देखिए किस तरह से हमारे स्थानीय लोगों ने चीन की सेना के सामने अपनी बहादुरी दिखाते हुए दावा किया कि जिस इलाके में उन्हें अंतिम संस्कार से रोका जा रहा है, वह हमारे बंजारों की ही चारागाह भूमि है।

चीन की सेना हमारे बंजारों को उनकी ही भूमि पर कब्जा करने से रोक रही थी। ऐसा लगता है जैसे ये कभी न किसी अनिष्ट वाली प्रक्रिया होती है। लेकिन, मैं हमारे बंजारों को सलाम करता हूं, जो हमेशा हमारी भूमि की रक्षा के लिए देश की दूसरी शक्ति के संरक्षक के रूप में बने रहते हैं।

कोंचोक बोले- भारतीय सेना के प्रति खिलाड़ी हूं
एक अन्य ट्वीट में कोन्चोक ने लिखा कि पूर्वी समुद्री सीमा वाले एशिया में भारतीय सेना की फायर फ्यूरी कोर में सकारात्मक बदलाव आया है, जिसे देखकर खुशी होती है। पैंगॉग झील के उत्तरी किनारे से सात कैरागाह पर हमारे चरवाहों और बंजारों को हक दिलाने में सेना ने मदद की है। मजबूत सैन्य-नागरिक संबंध बनाने और सीमा से सटे टीला के लोगों के हितों का ध्यान रखने के लिए भारतीय सेना का तीर हूं।

15 जून 2020 को गलवान में भारत और चीन के बीच खूनी संघर्ष हुआ
2020 में चीन ने ईस्टर्न डायनासोर के फ्लोरिडा में गरीबों के सैनिकों को स्थापित किया था। इसके बाद इस इलाके में कई जगहों पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी इस इलाके में चीन की बड़ी संख्या में सैनिकों की फायरिंग कर दी थी।

हालात इतने ख़राब हो गए थे कि 4 दशक से भी अधिक समय के बाद एलएसी पर गोलियां चलाई गईं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई रैली में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे।

2020 में जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ा था, तब से भारत-चीन ने अपने-अपने सैनिकों को पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 के पास स्थापित किया था।

2020 में जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ा था, तब से भारत-चीन ने अपने-अपने सैनिकों को पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 के पास स्थापित किया था।

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मार्च 2023 में भारतीय सेना की कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं, जिनमें सैनिक गलवान इलाके में क्रिकेट और आइस हॉकी खेल रहे थे। सेना के जवान गलवान घाटी और आस-पास के पहाड़ों में जंगलों से पेट्रोलिंग कर रहे थे। भारतीय सेना ने इस जगह का नाम नहीं बताया था, लेकिन कई मीडिया में कहा गया है कि यह वही जगह है, जहां 15-16 जून 2020 की रात को भारत-चीन के बीच दुश्मनी हुई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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