भारत चीन के बीच 20वें दौर की वार्ता लद्दाख में हुई | दो दिन चली कोर कंमाडर लीडर की मीटिंग; दोनों देशों ने एलएसी पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई

नई दिल्ली12 मिनट पहले

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यह मैनुअल विज 2020 के हैं जब भारत-चीन बार्डर पर दोनों देशों के युवा दौरे का उद्घाटन और उद्घाटन किया गया था।  - दैनिक भास्कर

यह मैनुअल विज 2020 के हैं जब भारत-चीन बार्डर पर दोनों देशों के युवा दौरे का उद्घाटन और उद्घाटन किया गया था।

भारत और चीन के बीच 9 और 10 अक्टूबर को कोर कमांडर लेवल की 20वें दौर की बातचीत हुई। यह सैटल सैक्टर के चुशुल-मोल्डो के पास हुई। रविवार (11 अक्टूबर) को भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक की जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस नमूने में भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) समेत अन्य मसलों पर बातचीत हुई। भारत के सैन्य अधिकारी ने चीन पर अविश्वास के देपसांग और डेमचोक से अपनी सेना को हटाने का दबाव डाला।

भारत और चीन ने समुद्र तट पर जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि दोनों देशों ने खुले तौर पर और खुले तरीके से बातचीत की और अपने विचारों को साझा किया।

भारत की ओर से 20वें दौर की बातचीत का नेतृत्व 14-कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया। वहीं, चीनी पक्ष के अगुआई साउथ शिन जनरल एसोसिएट्स चीफ ने कहा।

यह दूसरी बार है जब भारत-चीन के बीच कोर कमांडर लीडर की बैठक दो दिन तक चली। इससे पहले 13 और 14 अगस्त को 19वें दौर की बातचीत में दोनों देशों के बीच पूर्वी एशिया में एलएसी पर विवाद को हल करने पर सहमति बनी थी।

वहीं इससे पहले 23 अप्रैल को हुई सैन्य बातचीत के 18वें दौर की बातचीत में भी भारत ने डेपासांग और डेमचोक में छात्र छात्रों को हल करने की कोशिश की थी। हालाँकि, तब कुछ खास नतीजे नहीं निकल पाए थे। भारत हमेशा से यही कहता रहा है कि जब तक समुद्र तट पर शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

भारत-चीन के बीच इन 5 पॉइंट पर लड़ाई

  • उत्तरी तट पर पुरालेख बेग ओल्डी
  • अरुणाचल प्रदेश में किबिथू
  • अज्ञान में चुसुल
  • अरुणाचल प्रदेश में तवांग के पास बुम-ला
  • तेलंगाना में नाथू-ला

3 साल पहले गलवान रिपॉजिटरी के बाद बढ़ा हुआ तनाव
भारत और चीन के बीच पूर्वी तट की गलवान घाटी पर करीब 3 साल पहले 2020 में हिंसक घटनाएं हुई थीं। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 38 चीनी सैनिक मारे गए थे। चीन इसे लगातार छुपाता रहा।

दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में 40 साल बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। गलवान में हुई रैली के पीछे वजह यह थी कि गलवान की नदी में एक तालाब पर भारतीय ट्रोइका रेस्तरां पुल बनाने का निर्णय लिया गया था। चीन ने इस क्षेत्र में अवैध रूप से गोदाम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। साथ ही, इस क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी।

जयशंकर ने कहा- भारत-चीन सीमा विवाद सबसे बड़ी चुनौती
जुलाई 2023 में विदेश मंत्री एस जय शंकर ब्रिक्स की एक मीटिंग में शामिल हुए थे। इस दौरान भी उनकी वांग यी के साथ सीमा विवाद और शांति प्रयास को लेकर चर्चा हुई थी। तब जयशंकर ने भारत-चीन सीमा पर पिछली 3 साल की रिलीज़ तनाव को अपने करियर का सबसे कठिन डिप्लो साहित्यिक चुनौती बताया था।

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