भारतीय सेना ने सर क्रीक और सुंदरबन में 6 फास्ट पेट्रोल बोट और 8 लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट की खरीद के लिए आरएफआई जारी किया | भारतीय सेना को 8 नौसैनिक जहाज़ का असोल्ट भी चाहिए; बाज़ार- ये 60% मेड इन इंडिया होन

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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पैंगोंग झील में 12 तेज़ पेट्रोल बोट मौजूद हैं।  - दैनिक भास्कर

पैंगोंग झील में 12 तेज़ पेट्रोल बोट मौजूद हैं।

भारतीय सेना आतंकवादियों के पैंगोंग त्सो झील की तरह गुजरात में सर क्रीक बॉर्डर, सुंदरबन सहित ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में भी अपने ऑफ-कॉस्ट ऑपरेशन केपेसिटी को मजबूत करने की तैयारी में है। इसके लिए सेना ने सूचना रिपोर्ट (आरएफआई) या टेंडर जारी करने के लिए 8 इन्सट्रिएंट क्राफ्ट एसोल्ट (एलसीए) और 6 फास्ट पेट्रोल बॉट के साथ 118 इंटीग्रेटेड स्कूटर सिस्टम की जानकारी दी है।

सेना ने फरवरी 2021 में पूर्वी इंडोनेशिया में 13900 फीट की पाइपलाइन पर बनी 134 किमी लंबी पैंगोंग झील में खास तरह की नावों पर पेट्रोलिंग के लिए स्थापना की थी।

सेना की टुकड़ी- तेज पेट्रोलिंग बोट और एलसीए में हैं ये खूबियां
सेना ने कहा कि आठ एलसीए सशस्त्र बलों को ले जाना पूरी तरह से अक्षम होना चाहिए। इसमें सेना के हथियार और उपकरण सहित 5255 किल पेलोड और क्रू सहित लोगों की वहन क्षमता होनी चाहिए। ये वॉटर बॉडी में आसानी से ड्राइव हो सकती है सुविधा।

साथ ही पेट्रोलिंग बॉट में 8 लोगों की छोटी टीम ले जा सके, निगरानी, ​​टोही और पेट्रोलिंग के लिए प्रचार करना चाहिए। इसकी मैक्सिमम स्पीड 29 नॉट होनी चाहिए।

पेट्रोलिंग बॉट और लैंडिंग एसोल्ट प्लांट के लिए आरएफआई के जवाब की अंतिम तिथि 28 नवंबर है।

इंडोनेशिया की पैंगोंग झील में 12 पेट्रोलिंग बॉट निगरानी में शामिल हैं
पैंगोंग टीएसओ में सेना ने रक्षा पीएससीयू गो शिपयार्ड के साथ 65 करोड़ रुपए के रॉकेट के तहत एडवांस्ड गियर और अन्य उपकरणों के साथ 12 तेज पेट्रोलिंग बॉट शामिल किए हैं। इसी तरह, गोवा के एक निजी शिपयार्ड में 17 सैनिक ढोने वाली, फ्लैट-बोटम कच्चे ग्लास बॉट शामिल हैं। ये नावें लगभग 20 सैनिकों को झील पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक तेजी से ले जा सकती हैं।

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