भारतीय वायु सेना | तेजस फाइटर जेट प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीद अपडेट | केंद्र ने की 1.1 लाख करोड़ की डील डील; ये स्वदेशी सामान से बनी सबसे बड़ी मूर्ति

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नई दिल्ली18 मिनट पहले

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वर्तमान में दो 45 और 18 तेजस पूरी तरह से संचालित हैं।  - दैनिक भास्कर

वर्तमान में दो 45 और 18 तेजस पूरी तरह से संचालित हैं।

केंद्र सरकार ने सेना और रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद को 97 तेजस और 156 प्रचंड अफ़सोस की खरीद को मंजूरी दे दी है। ये दोनों स्वदेशी कॉम्बैट प्लेन-हेलीकॉप्टर हैं।

वैज्ञानिक के मुताबिक, इन बयानों की कीमत करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये है। इसके अलावा रक्षा मंत्री की ग्राफिक्स वाली काउंसिल ने एसयू-30 लड़ाकू विमान को मंजूरी देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

दावा किया जा रहा है कि इस डिलर से सरकारी रेटिंग पर 1.3 लाख करोड़ रुपये का खर्च बढ़ाया जा सकता है। हालाँकि ये स्वदेशी वास्तुशिल्प से बनी सबसे बड़ी मूर्ति है।

सेना में शामिल होने में 10 साल का समय लगा
इसमें कहा गया है कि इसपर कैबिनेट सुरक्षा समिति साइन प्लांट के बाद फाइनल माउंट पर बातचीत हो सकती है। इसके बाद भी सेना में अंतिम रूप से शामिल होकर कम से कम 10 साल लग सकते हैं।
IAF के पास 260 से ज्यादा Su-30 विमान हैं। इसमें शामिल होने के लिए भारत में ही बने इलेक्ट्रॉनिक्स, एवियोनिक्स और सबसिस्टम मिलेंगे।

तेजस और प्रचंड क्यों हैं खास

प्रचंड ज्वालामुखी

  • प्रचंड लाइट कॉम्बैट असोसिएटर के पिछले साल के पहले बैच में स्टेशन और सेना को शामिल किया गया था।
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इस 5.8 टन वजनी ट्विन इंजन कंपनी का विकास किया है। इसकी सेवा सीमा लगभग 21 हजार फीट है।
  • प्रचंड ने मुख्य रूप से सियाचीन, मंदसौर और अरुणाचल प्रदेश के तटीय इलाकों में पुरास्थलों के लिए डिजाइन तैयार किया है।
  • सेना में शामिल होने वाले प्रचंड हेलिकॉप्टरों से भारतीय शस्त्रागार के हमले वाले हेलिकॉप्टरों में विविधता आएगी।
  • इस कंपनी में एचएएल रुद्र, अमेरिका में बनी अपाचे और रूसी स्टार्टअप -35 शामिल हैं।

तेजस

  • तेजस मार्क-1ए लाइट कॉम्बैट प्लेन है। यह फोर्थ जेनरेशन का ऑपरेशनल फाइटर जेट है।
  • इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक-स्कैन किए गए एरे इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट शामिल हैं।
  • यह हवा से हवा में फ़ाइल नामांकन में अक्षम है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है।
  • यह भारत का पहला स्वदेशी फाइटर जेट है और इसे फरवरी 2019 में पूरी तरह से भारतीय वायु सेना के रूप में शामिल किया गया है।

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एचएएल के वैज्ञानिक सीबी अनंतकृष्णन नेपेट के संग्रहालय की जानकारी एचएएल में चल रही है। उन्होंने कहा- नासिक में तीन प्रोडक्शन लाइन बन रही है। इसकी तैयारी एक साल में 24 साल में तेजस लाइट काॅम्बैट एयरक्राफ्ट बनना शुरू हो जाएगी। अभी दो लाइन कुल 16 तेजस उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं। नासिक प्रोडक्शन लाइन के बनने से हर लाइन में 8 जेट्स बने हुए हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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