भारतीय रेलवे: मथुरा-पलवल खंड पर 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कवच दक्षता परीक्षण आयोजित | रेल यात्रियों के लिए आरक्षण पर प्रतिबंध: मथुरा-पलवल के बीच 140 किमी/घंटा की समीक्षा पर हुई समीक्षा

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नई दिल्ली57 मिनट पहले

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिसंबर 2022 में कहा था कि रेलवे नेटवर्क में रेलवे सिस्टम सिस्टम लागू किया जा रहा है।  - दैनिक भास्कर

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिसंबर 2022 में कहा था कि रेलवे नेटवर्क में रेलवे सिस्टम सिस्टम लागू किया जा रहा है।

भारतीय रेलवे ने पहली बार 140 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर कवच प्रणाली स्थापित की है। ये ट्रॉली मथुरा और पलवल के बीच 30 दिसंबर को कोक किया गया था। इस सिस्टम को कैटलॉग की प्रतियोगिता पर रोक लगाने के लिए तैयार किया गया है। किसी भी तरह की स्थिति में अगर ड्राइवर ब्रेक नहीं मार पाता है, तो ये सिस्टम ब्रेकडाउन होगा।

इससे पहले कवच प्रणाली के तीन परीक्षण किए गए थे। ये ट्रायल ही ट्रायल 130 किमी/घण्टा की सचिवालय पर साउथ सेंट्रल रेलवे के तीन सेक्सन्स में थे। उनके नतीजे नतीजे देखने को मिले थे।

यूट्यूब के रेल नेटवर्क में प्रयुक्त कवच प्रणाली
आगरा डिविजन के पीआरओ प्राइवेसीप्रिव ने बताया कि ताजा ट्रायल के नतीजे बेहद अच्छे आ रहे हैं। हमें आगे और फाइनल करने की उम्मीद है। हम इस रिपोर्ट को रिसर्च डिजाइन और स्टैंडर्ड्स स्केल (आरडीएसओ) के साथ मिलकर टेक्निकल मे अध्ययन और सुधार करेंगे। आरडीएसओ ने एक ही कवच ​​प्रणाली विकसित की है। इसे यूनेस्को के रेल नेटवर्क में इस्तेमाल किया जाना है।

160 किमी/घंटा तक की सबसे बड़ी मंजिल
रेलवे के निर्देशों के अनुसार, इस सिस्टम की गवाही के लिए जांच की जानी चाहिए और इसे पूरा करना भी आवश्यक हो सकता है। अगर इस सिस्टम के सभी सिलिकॉन 140 किमी/घंटा पर अच्छे से काम कर रहे हैं, तो हम 160 किमी/घंटा तक की रेटिंग पर काम करेंगे।
प्राइवेसीप्राइवर ने कहा कि मथुरा और पलवल के बीच 80 किमी के हिस्से में (मथुरा स्टेशन को ठीक करने के लिए) पूरा कवच नेटवर्क तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत स्टेशन एरिया और कई अन्य स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर आरएफआईडी टैग्स लगाए गए थे।

दक्षिण मध्य रेलवे के तीन सेक्सन में कवच प्रणाली तैयार की गई
आरडीएसओ के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और आगरा के बीच के सभी रेल नेटवर्कों में 125 किमी की दूरी पर ट्रेन दौड़ ऐसी है, जहां ट्रेन की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा है। यह विशेष ट्रैक भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन स्पीडमैन एक्सप्रेस के लिए बेचा गया था। यह ट्रेन अप्रैल 2016 में लॉन्च की गई थी। इस देश की पहली ट्रेन है जो 160 किमी प्रति घंटे की सवारी से चलती है।

रेलवे के अनुसार, कवर सिस्टम साउथ सेंट्रल रेलवे के तीन सेक्सन में 1,465 किमी की रूट और 139 लोकोमोटिव में अनुमानित है। हालाँकि, यहाँ स्पीड लिमिट कम है, इसलिए ये विकल्प नहीं दिया जा सकता। दिल्ली-आगरा के अलावा बाकी पूरे देश के रेल नेटवर्क में ट्रेनें ज्यादातर 130 किमी प्रति घंटे की सचिवालय से चलती हैं।

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