भारतीय कफ सिरप से मौतें; पीएम मोदी सरकार ने दवा निर्माण के नए मानकों का आदेश दिया | सरकार ने दवा कंपनियों के लिए नए विनिर्माण मानक बनाए रखे: इस साल से लागू होगा; भारतीय औषधियों से विदेश में हुई हलचल के बाद लिया गया फैसला

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नई दिल्ली8 मिनट पहले

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सरकार ने 28 दिसंबर 2023 को एक विज्ञप्ति जारी कर इंजीनियरों को नई योजनाओं का पालन करने का निर्देश दिया है।  - दैनिक भास्कर

सरकार ने 28 दिसंबर 2023 को एक विज्ञप्ति जारी कर इंजीनियरों को नई योजनाओं का पालन करने का निर्देश दिया है।

केंद्र सरकार ने भारतीय उत्पादन निर्माता कंपनी के लिए उत्पादन निर्माण के नए मानक तय किए हैं। औषधि निगम को इस वर्ष से इन मानकों के आधार पर औषधियों का निर्माण करना होगा। सरकार ने 28 दिसंबर को एक नोटिफिकेशन जारी कर कंपनी को ये निर्देश दिया है।

असल में, 2022 में भारत में बनी दवाओं से लेकर विदेश तक कई लोगों की जान गई थी। इसके केंद्र सरकार ने फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज़ के प्लांटर्स को बढ़ाने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। भारतीय औषधि विज्ञान उद्योग 50 अरब डॉलर की है।

देश की 50 अरब डॉलर की दवा स्युटिकल इंडस्ट्री की छवि के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है।

देश की 50 अरब डॉलर की दवा स्युटिकल इंडस्ट्री की छवि के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है।

दवाओं की गुणवत्ता के लिए दवा उद्योग की जिम्मेदारी
इस अधिसूचना में सरकार ने लिखा है कि निर्माता अपने औषधीय उत्पादों की गुणवत्ता की जिम्मेदारी लेंगे, ताकि ये तय किया जा सके कि वे आवश्यक रूप से उपयोग के लिए फिट हैं, लाइसेंस के लिए जिन नी की आवश्यकता है, उनका पालन किया गया है. ये भी मैन्युफैक्चरर की ही जिम्मेदारी होगी कि उनके उत्पाद सस्ते या सस्ते में कमी के कारण पेशेंट की लाइफ डेंजर में तो शामिल न हों।

इसमें यह भी कहा गया है कि कंपनी को किसी भी उत्पाद पर फाइनल या तैयार का लेबल तब तक डालना चाहिए जब तक कि उसके परीक्षण में शामिल न हो जाएं और दोबारा परीक्षण या किसी भी बैच के लिए अंतिम उत्पाद की समतापूर्ण गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाए।

सरकार ने अधिसूचना में लिखा है कि दवा कंपनी को अपने अंतिम उत्पादों के आधार की समता स्तर की समीक्षा करना जरूरी है।

सरकार ने अधिसूचना में लिखा है कि दवा कंपनी को अपने अंतिम उत्पादों के आधार की समता स्तर की समीक्षा करना जरूरी है।

इंस्पेक्शन में खरी नहीं उतरती 142 मशीनें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगस्त में कहा था कि दिसंबर 2022 से 162 प्रयोगशाला कारखानों के निरीक्षण में यह पाया गया था कि कच्चे माल की जांच नहीं की जा रही थी। भारत की 8,500 छोटी फैक्ट्री फैक्ट्रियों में से एक-चौथाई से भी कम वर्ल्ड हेल्थ फैक्ट्री (डब्ल्यूएचओ) के तय किए गए इंटरनेशनल फैक्ट्री मैन्युफैक्चरिंग स्टैंडर्ड पर काम शुरू हुआ।

अधिसूचना में कहा गया है कि बड़ी दवा कंपनियों को छह महीने के भीतर जबकि छोटी दवा कंपनियों को एक साल के अंदर इन सुविधाओं पर जवाब देना होगा। छोटे इंजीनियरों ने इस डेडलाइन को बढ़ाने की मांग की है। इन एसोसिएट्स का कहना है कि इन स्टैंडर्ड पर खरा उतरने के लिए जो जांच करनी होगी, उनका बिजनेस आधे से ज्यादा बंद हो गया है, क्योंकि वे पहले से ही डेरे में हैं।

क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्रेन वाले कफ सिरप खतरनाक
दिसंबर 2023 में भारत के क्रिस्टल कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्रेन के फिक्स कॉम्बिनेशन वाले कफ सिरप को 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरनाक बताया था। क्लोरफेनिरामाइन मैलेट आईपी 2 मिलीग्राम और फिनाइलफ्रेन एचसीएल 5 मिलीग्राम के संयोजन वाली गोली का उपयोग आमतौर पर फ्लू-खांसी और फ्लू के इलाज के लिए किया जाता है।

डीसीजीआई ने 18 दिसंबर को फिक्स्ड स्टोरेज कॉम्बिनेशन यानी एफडीसी को लेकर सभी राज्यों को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्रेन के संयोजन से कफ सिरप बनाया जाए जिसमें लिखा जाए कि दोनों औषधियों में कितनी-कितनी मात्रा मौजूद है। साथ ही दवाइयों के लेवल पर ये चेतावनी लिखी जाए कि 4 साल से छोटे बच्चों को नहीं देना है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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भारतीय फैक्ट्री कंपनी पर एसटीएफ की क्लीन चिट: विशिष्ट मानक पर खरी उतरी, गांबिया में 70 बच्चों की हत्या का था आरोप

भारतीय फैक्ट्री कंपनी मेडन मेडिसिन पर आरोप है कि कंपनी के कफ सिरप से गांबिया में 70 बच्चों की मौत हो गई। मेडन दवा के 4 सिरप के स्केच की जांच सरकारी प्रयोगशाला में भेजी गई थी। जुलाई में हुई जांच में चारों तरफ कफ सिरप की गुणवत्ता मानक पर आधारित थी। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने दी है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

कफ-सिरप का स्वाद बढ़ाया 66 बच्चों की जान:गाम्बिया में प्रशिक्षित; भारत में बने 4 कफ-सिरप पर, किसने बोला- इनमें से 2 कंपनी पाउंड की कीमत

वर्ल्ड हेल्थ हेल्थकेयर (डब्ल्यूएचओ) ने साल दिसंबर में भारत की मेडिसिन्सयूटिकल्स कंपनी के निर्माण के लिए 4 कफ-सिरप को जारी किया था। WHO ने कहा कि ये उत्पाद मानक पर खरे नहीं हैं। ये सुरक्षित नहीं हैं, स्टेरॉयड से बच्चों में इनके इस्तेमाल से गंभीर समस्या या फिर मौत का खतरा है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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