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- भाजपा कांग्रेस चुनावी बांड दान रिपोर्ट अपडेट | बीजेपी को कुल चंदा
नई दिल्ली16 मिनट पहले
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![भारतीय जनता पार्टी को 2021-22 की तुलना में 444 करोड़ रुपये मिले। यानी 54% हिस्सा, जो कि 1278 करोड़ रुपये के निवेशक बांड के माध्यम से आया है। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/02/10/eci_1707560307.jpg)
भारतीय जनता पार्टी को 2021-22 की तुलना में 444 करोड़ रुपये मिले। यानी 54% हिस्सा, जो कि 1278 करोड़ रुपये के निवेशक बांड के माध्यम से आया है।
भारतीय जनता पार्टी को चुनावी बॉन्ड के जरिए 2022-23 में कुल 1300 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है। जबकि दिवालियापन बांड के माध्यम से कांग्रेस को केवल 171 करोड़ रुपये का फंड मिला है। यह जानकारी चुनाव आयोग ने साझा की है।
भारतीय जनता पार्टी की एनुअल बेंचमार्क रिपोर्ट, चुनाव आयोग को जारी की गई थी। इसके मुताबिक 2021-22 में बीजेपी की कुल आय ₹1,917 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में ₹2,361 करोड़ हो गई।
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हेलिकॉप्टर-उम्मीदवारों के खर्च का भी दिया नाम
भाजपा ने बताया कि 2022-23 में ब्याज से 237 करोड़ रुपये कमाए गए हैं। इसके अलावा चुनाव और सामान्य प्रचार के लिए प्लेन और हेलीकॉप्टर के लिए 78.2 करोड़ रुपये खर्च किये गये। पार्टी ने असलम को 76.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया। बीजेपी ने पिछले साल विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों के दौरान 1092 करोड़ रुपये खर्च किए।
इन मासूम की बेरोजगारी बंधन से वापसी
राज्य स्तर पर प्रमाणित समाजवादी पार्टी ने 2021-22 में बांड के जरिए 3.2 करोड़ रुपये कमाए थे। 2022-23 में उन्हें इन बांड से कोई योगदान नहीं मिला। एक अन्य प्राप्त पार्टी टीआईपी ने 2022-23 में बांड के माध्यम से 34 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 10 गुना अधिक था।
पिछले 4 सालों में बीजेपी-कांग्रेस को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड
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व्हाईट बांड क्या है?
2017 के बजट में उस वक्त के वित्त मंत्री अरुण अंशदान ने निर्वाची या इलेक्टोरल बॉन्ड स्कॉच को पेश किया था। 29 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने इसे नोटिफाई किया। ये एक तरह का प्रॉमिसरी नोट होता है. जिसे बैंक नोट भी कहते हैं। इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकती है।
अगर आप इसे खरीदना चाहते हैं तो आपको ये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की खरीदी हुई मिल में मिल जाएगी। इसे गायब करने वाले इस बॉन्ड को अपनी पसंद की पार्टी को डोनेट कर सकते हैं। बस वो पार्टी को पात्र होना चाहिए।
जिस पार्टी को डोनेट कर रहे हैं वो योग्य है, ये कैसे पता चलेगा?
बांड वाला 1 हजार से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का बांड खरीदा जा सकता है। लिंक वाले को बैंक को अपनी पूरी केवाईसी डीटेल में शामिल करना है। रिपेयर वाला जिस पार्टी को ये बॉन्ड डोनेट करना चाहता है, उसे पिछले लोकसभा चुनाव में कम से कम 1% वोट मिलना चाहिए। डोनर के बॉन्ड डोनेट करने के 15 दिन के भीतर उस पार्टी को चुनाव आयोग से रीरी बैंक खाते से कैश निकालना होता है।
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इलेक्टोरल बांड मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रखा
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सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कॉच केस में 2 नवंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रखा। अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित नहीं है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से मिली फंडिंग का डेटा अपलोड नहीं किया। कोर्ट ने आयोग से कहा था कि 30 सितंबर 2023 तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए योर मनी मिला है, इसकी जानकारी जल्द से जल्द दी जाएगी। पढ़ें पूरी खबर…