भगवंत मान | गणतंत्र दिवस परेड दिल्ली-पंजाब झांकी अस्वीकृति विवाद | दिल्ली-पंजाब की हुंकार रिजेक्ट, आप ने केंद्र का बदलाव बताया: सीएम मान बोले- जिन राज्यों की हुंकार सिलेक्ट हुई, 80% भाजपा सरकार में

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नई दिल्ली6 मिनट पहले

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दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की हुंकार 3 साल से रिजेक्ट हो रही है।  - दैनिक भास्कर

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की हुंकार 3 साल से रिजेक्ट हो रही है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली और पंजाब की हंसी नहीं। दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के सचिव भारद्वाज ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के साथ पंजाब की हुंकार भी भरी हुई है। ये इत्तेफाक नहीं है. केंद्र आप से बदलाव ले रही है। यह दुर्भावना वाला कदम है।

सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार (29 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- केंद्र तीन साल से दिल्ली की हुंकार रिजेक्ट कर रही है। आखिरी बार दिल्ली की हुंकार 2021 में दिखाई गई थी। इस साल हम दिल्ली के स्कूल और महोबा के दर्शन करने वाले थे। सेंटर ने हमें हुंकार में बदलाव के साज़ेशन दिए, जो हम थे। अगर हुनकी में और बदलाव हो तो केंद्र को हमें बताना चाहिए।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी केंद्र पर सवाल उठाए। उन्होंने रविवार (27 दिसंबर) को कहा था कि केंद्र ने भेदभाव किया है। जिन राज्यों की हुंकार सिलेक्ट है उनमें 80% भाजपा की ही सरकार है। इस पर गुरुवार को पंजाब बीजेपी ने कहा था कि सीएम भगवंत इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि भगवंत मान हुंकार में खुद की और अरविंद केजरीवाल की फोटो चाहते थे।

क्यों रिजेक्ट हुई हुनियाँ?
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार की हुनकी की थीम विकसित की गई थी। दिल्ली और पंजाब की हुंकार इस थीम के मुताबिक नहीं बनी थी। इसलिए इस हुंकियों को रिजेक्ट कर दिया गया।

हुनियाँ रिजेक्ट कौन करता है?
हुंगियों का एक दिलचस्प महल या रिजेक्शन का अधिकार रक्षा मंत्रालय के पास होता है। रक्षा मंत्रालय की एक संग्रहालय समिति का काम तय है। इस समिति में कलाकार, कलाचर, पेंटिंग, कल्पचर, होनैप म्यूजिक, ऑर्केस्ट्रा के क्षेत्र के लोग हैं। गणतंत्र दिवस की परेड में जो भी राज्य अपनी हुनकी शामिल करना चाहते हैं, वे अपना प्रस्ताव इस समिति को देते हैं।

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