बोलने की आज़ादी की सीमा पर बॉम्बे हाई कोर्ट | हिताची कर्मचारी फेसबुक पोस्ट मामला | ईसाई सिद्धांत को तुरंत समाप्त करें, नुकसान का इंतजार नहीं किया जा सकता

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मुंबई18 मिनट पहले

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हिताची एस्टेमो के एक स्टाफ ने कंपनी के खिलाफ फेसबुक पर दो पोस्ट किए थे।  जिसके बाद स्टाफ को नौकरी से हटा दिया गया था.  - दैनिक भास्कर

हिताची एस्टेमो के एक स्टाफ ने कंपनी के खिलाफ फेसबुक पर दो पोस्ट किए थे। जिसके बाद स्टाफ को नौकरी से हटा दिया गया था.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बोलने की आजादी के दौरान एक सुनवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा- इसकी एक सीमा है। अगर कहीं कोई पुरातात्विक वस्तु सामने आए तो उसे तुरंत खत्म कर देना चाहिए। हम आगे के नतीजों का इंतजार नहीं कर सकते।

जस्टिस मिलिंद ऑर्केस्ट्रा के सिंगल बेंच ने मंगलवार को ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनी हिताची एस्टेमो के एक कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश जारी करते हुए यह टिप्पणी की।

जानिए क्या है मामला
हिताची एस्टेमो के एक स्टाफ ने कंपनी के खिलाफ फेसबुक पर दो पोस्ट किए थे। जिसके बाद स्टाफ को नौकरी से हटा दिया गया था. जिसके बाद पर्सनल लेबर कोर्ट चला गया जहां श्रम न्यायालय ने स्टाफ की बर्खास्तगी के आदेश को पलट दिया। बाद में कंपनी ने लेबर कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

कोर्ट बोला- स्टाफ का फेसबुक पोस्ट स्टेरॉयड
उच्च न्यायालय में इस मामले पर पूरे सुनवाई हुई और अदालत ने कर्मचारी को दोषी पाया। जस्टिस प्रोडक्ट्स ने अपने आदेश में कहा कि ये पोस्ट कंपनी के खिलाफ़ और भड़काने वाले थे।

कोर्ट ने कहा, ऐसे किसानों के खिलाफ एक कड़ा संदेश नीचे दिया गया है। इन साइटोसाइटों की शुरुआत ही समाप्त की जानी चाहिए।

उच्च न्यायालय ने कहा- इसके विनाशकारी परिणाम
पृष्णि ने अपने आदेश में कहा, भाषण और बोलने की आजादी की एक निश्चित सीमा से आगे जाने की मात्रा नहीं दी जा सकती। यदि इसका विवरण दिया गया है, तो इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

जस्टिस ट्राइब्यूड ने आगे कहा- ऐसे ऐतिहासिक मामलों में हम अपने मूल्य सूचकांक पर भरोसा नहीं कर सकते और न ही करना चाहिए। ऐसी बातें-कामों को शुरू में ही ख़त्म करना ज़रूरी है। अन्यथा, यह बड़े पैमाने पर समाज में गलत संकेत देगा।

किसी भी कर्मचारी की पहचान करना
कोर्ट ने कहा, किसी भी कर्मचारी की पहचान का निर्देश दिया जाए। बिल्डिंग के आसपास और परिसर के अंदर बिजनेस में किसी तरह का कोई भेदभाव न हो, इसके लिए कर्मचारी की जिम्मेदारी है। आज के टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में हर व्यक्ति के पास 24 घंटे मोबाइल फोन रहता है। मोबाइल फोन के माध्यम से फेसबुक अकाउंट तक पहुंच अधिक आसानी से हो जाती है।

कंपनी का क्या कहना है
हिताची ने दावा किया कि स्टाफ ने वेतन समझौते को लेकर विवाद के दौरान अपने फेसबुक पर दो पोस्ट डाले थे। कंपनी ने आगे दावा किया कि पोस्ट मैनहानिकारक के खिलाफ उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया गया और उसके कर्मचारियों को कंपनी के इंजीनियरों ने बर्बाद कर दिया।

2018 में कंपनी के एक जांच अधिकारी ने कर्मचारियों को 2 मई, 2018 को एक ऑर्डर के माध्यम से नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।

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